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सीकर: नई शिक्षा नीति के विरोध में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम दिया ज्ञापन

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Published : Sep 7, 2020, 8:07 PM IST

राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति में एक से अधिक तृतीय भाषा नहीं रखने के विरोध में आम आदमी पार्टी ने सीकर के फतेहपुर में सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के नाम ज्ञापन दिया.

Protests in Fatehpur, New Education Policy
नई शिक्षा नीति के विरोध में मुख्यमंत्री और शिक्षा मंत्री के नाम दिया ज्ञापन

फतेहपुर (सीकर). नई शिक्षा नीति में स्कूलों में एक से अधिक तृतीय भाषा नहीं रखने के विरोध में सोमवार को विभिन्न संगठनों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीएम गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी भी की.

आम आदमी पार्टी के तहसील अध्यक्ष तैयब मेहराब खान ने खुले शब्दों में सरकार को चेताया कि अगर नई शिक्षा नीति में सुधार कर उर्दू भाषा को न्याय नहीं दिया गया तो सर्व समाज सड़कों पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन करेगा. सरकार तुरंत प्रभाव से नई शिक्षा नीतियों को वापस लेकर उर्दू, पंजाबी, सिंधी भाषाओं को सुचारू रखे. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर तृतीय भाषाओं के साथ अन्याय किया है. उसी की तर्ज पर चलते हुए वर्तमान कांग्रेस सरकार ने तृतीय भाषा को खत्म करने का विचार कर रखा है, जिसे खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार केवल संस्कृत भाषा पर जोर दे रही है. दूसरी तरफ भाजपा पर हिंदुत्व का ठप्पा लगा रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही थौली के चट्टे-बट्टे हैं. इनके मंसूबों को हम कामयाब नहीं होने देंगे. अगर जरूरत पड़ी तो हम सड़कों पर उतर आएंगे और जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी, लेकिन राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति को लागू नहीं करने देंगे.

166 दिन बाद खुले नगर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर के पट

Fatehpur News, Sikar News
166 दिन बाद खुले नगर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर के पट

कोरोना संक्रमण के चलते लागू की गई गाइडलाइन के बाद मंगलवार को 166 दिन बाद मंदिरों को खोला गया. 166 दिनों के बाद मंगलवार को भक्तों ने भगवान के दर्शन किए. पहले दिन सोशल डिस्टेसिंग की पूरी तरह से पालना की गई. कस्बे के नगर अराध्य देव भगवान श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर के पट सुबह साढ़े 7 बजे आम लोगों के लिए खोले गए. दोपहर बारह बजे तक श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए.

बता दें कि लक्ष्मीनाथ मंदिर में भक्तों का सुबह से शाम तक तांता लगा रहता था. कस्बे में रहने वाले हर दुकानदार और महिला दर्शन करने के बाद ही अपने प्रतिष्ठान को खोलते हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते मंदिरों के पट बंद होने के कारण लोगों को अपने आराध्य देव के दर्शन नहीं हो पाए. ऐसे में लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन किए.

फतेहपुर (सीकर). नई शिक्षा नीति में स्कूलों में एक से अधिक तृतीय भाषा नहीं रखने के विरोध में सोमवार को विभिन्न संगठनों ने एसडीएम कार्यालय पर प्रदर्शन कर मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपा. इस दौरान प्रदर्शनकारियों ने सीएम गहलोत और शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के खिलाफ नारेबाजी भी की.

आम आदमी पार्टी के तहसील अध्यक्ष तैयब मेहराब खान ने खुले शब्दों में सरकार को चेताया कि अगर नई शिक्षा नीति में सुधार कर उर्दू भाषा को न्याय नहीं दिया गया तो सर्व समाज सड़कों पर उतरकर बड़ा प्रदर्शन करेगा. सरकार तुरंत प्रभाव से नई शिक्षा नीतियों को वापस लेकर उर्दू, पंजाबी, सिंधी भाषाओं को सुचारू रखे. उन्होंने कहा कि पिछली भाजपा सरकार ने स्टाफिंग पैटर्न के नाम पर तृतीय भाषाओं के साथ अन्याय किया है. उसी की तर्ज पर चलते हुए वर्तमान कांग्रेस सरकार ने तृतीय भाषा को खत्म करने का विचार कर रखा है, जिसे खत्म नहीं होने दिया जाएगा.

उन्होंने कहा कि सरकार केवल संस्कृत भाषा पर जोर दे रही है. दूसरी तरफ भाजपा पर हिंदुत्व का ठप्पा लगा रही है. भाजपा और कांग्रेस दोनों एक ही थौली के चट्टे-बट्टे हैं. इनके मंसूबों को हम कामयाब नहीं होने देंगे. अगर जरूरत पड़ी तो हम सड़कों पर उतर आएंगे और जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी, लेकिन राज्य सरकार की नई शिक्षा नीति को लागू नहीं करने देंगे.

166 दिन बाद खुले नगर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर के पट

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166 दिन बाद खुले नगर के आराध्य देव लक्ष्मीनाथ मंदिर के पट

कोरोना संक्रमण के चलते लागू की गई गाइडलाइन के बाद मंगलवार को 166 दिन बाद मंदिरों को खोला गया. 166 दिनों के बाद मंगलवार को भक्तों ने भगवान के दर्शन किए. पहले दिन सोशल डिस्टेसिंग की पूरी तरह से पालना की गई. कस्बे के नगर अराध्य देव भगवान श्रीलक्ष्मीनाथ मंदिर के पट सुबह साढ़े 7 बजे आम लोगों के लिए खोले गए. दोपहर बारह बजे तक श्रद्धालुओं को दर्शन करवाए गए.

बता दें कि लक्ष्मीनाथ मंदिर में भक्तों का सुबह से शाम तक तांता लगा रहता था. कस्बे में रहने वाले हर दुकानदार और महिला दर्शन करने के बाद ही अपने प्रतिष्ठान को खोलते हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते मंदिरों के पट बंद होने के कारण लोगों को अपने आराध्य देव के दर्शन नहीं हो पाए. ऐसे में लोगों ने सोशल मीडिया के माध्यम से दर्शन किए.

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