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सीकर: गायों की पूजा-अर्चना कर मनाया गौपाष्टमी पर्व

सीकर के खण्डेला में गौपाष्टमी पर्व के अवसर पर गौशालाओं में गौ माता की पूजा-अर्चना की गई. वहीं, गौपाष्टमी पर्व को लेकर सोमवार को श्रद्धालुओं की ओर से गौशालाओं में जाकर गायों को हरा चारा, हरी सब्जियां, गुड़, दलिया भी खिलाया गया.

सीकर की खबर, Gaupashtami Festival
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Published : Nov 4, 2019, 12:56 PM IST

खण्डेला (सीकर). जिले के खण्डेला कस्बे में स्थित श्री महामाया गौशाला समिति, कृष्णा गौशाला समिति और श्रीशेषनाग गौशला समिति सहित अन्य स्थानों पर गौपाष्टमी पर्व गायों की पूजा-अर्चना कर मनाया गया. बता दें कि भक्तगण सोमवार सुबह से ही गौशाला में जाकर गायों की विधिवत पूजा-अर्चना कर गायों को हरा चारा, हरी सब्जियां, गुड़, दलिया सहित अन्य आहार खिलाकर गोपाष्टमी मनाई. इस अवसर पर गौशाला में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली. अनेक भक्तों ने गौशाला समिति को नकदी और हरे चारे से भरी गाड़ी उपलब्ध करवाकर सहायता की. साथ ही अनेक लोगों ने गुप्त दान भी किया.

सीकर के खंडेला में मनाया गया गौपाष्टमी पर्व

इस दौरान श्री महामाया गौमाता गौशाला समिति के अध्यक्ष स्वामी विश्वगुरु काठिया बाबा ने बताया भगवान श्रीकृष्ण ने जिस दिन से गायों का पालन करना शुरू किया था. उसी दिन को गौपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. गायों को जननी के रूप में माना जाता है. पृथ्वी का स्वरूप भी गाय का ही स्वरूप होता है. गोपाष्टमी पर्व धर्म के प्रतीक के रूप में है.

पढ़ें- अजीतगढ़ के आबादी क्षेत्र में पैंथर का मूवमेंट, पैंथर की दहाड़ से सहमे लोग

वहीं, जब भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गायों की सेवा पूजा अर्चना कर सकते हैं तो हमे भी गायों की सेवा पूजा अर्चना और उनकी देखभाल एक सदस्य की तरह करनी चाहिए. गौपाष्टमी के दिन सुबह से ही भक्तों की भीड़ गौशाला में गायों की सेवा व पूजा-अर्चना में लगी रही. इसके साथ ही कस्बे में घर-घर गायों की पूजा-अर्चना कर गौपाष्टमी पर्व मनाया गया.

खण्डेला (सीकर). जिले के खण्डेला कस्बे में स्थित श्री महामाया गौशाला समिति, कृष्णा गौशाला समिति और श्रीशेषनाग गौशला समिति सहित अन्य स्थानों पर गौपाष्टमी पर्व गायों की पूजा-अर्चना कर मनाया गया. बता दें कि भक्तगण सोमवार सुबह से ही गौशाला में जाकर गायों की विधिवत पूजा-अर्चना कर गायों को हरा चारा, हरी सब्जियां, गुड़, दलिया सहित अन्य आहार खिलाकर गोपाष्टमी मनाई. इस अवसर पर गौशाला में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली. अनेक भक्तों ने गौशाला समिति को नकदी और हरे चारे से भरी गाड़ी उपलब्ध करवाकर सहायता की. साथ ही अनेक लोगों ने गुप्त दान भी किया.

सीकर के खंडेला में मनाया गया गौपाष्टमी पर्व

इस दौरान श्री महामाया गौमाता गौशाला समिति के अध्यक्ष स्वामी विश्वगुरु काठिया बाबा ने बताया भगवान श्रीकृष्ण ने जिस दिन से गायों का पालन करना शुरू किया था. उसी दिन को गौपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है. गायों को जननी के रूप में माना जाता है. पृथ्वी का स्वरूप भी गाय का ही स्वरूप होता है. गोपाष्टमी पर्व धर्म के प्रतीक के रूप में है.

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वहीं, जब भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गायों की सेवा पूजा अर्चना कर सकते हैं तो हमे भी गायों की सेवा पूजा अर्चना और उनकी देखभाल एक सदस्य की तरह करनी चाहिए. गौपाष्टमी के दिन सुबह से ही भक्तों की भीड़ गौशाला में गायों की सेवा व पूजा-अर्चना में लगी रही. इसके साथ ही कस्बे में घर-घर गायों की पूजा-अर्चना कर गौपाष्टमी पर्व मनाया गया.

Intro:खण्डेला (सीकर)
गायों की पूजा अर्चना कर गोपाष्टमी पर्व मनाया गया
सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही गौशाला में गायों की सेवा में

भक्तों ने ने नकद राशि,हराचरा ,दलिया, गुड़ सहित अन्य तरीकों से किया दानBody:सीकर जिले के खण्डेला कस्बे में स्थित श्री महामाया गौशाला समिति और कृष्णा गौशाला समिति,श्रीशेषनाग गौशला समिति सहित अन्य स्थानों पर गोपाष्टमी पर्व गायों की पूजा अर्चना कर मनाया गया। भक्तगण आज सुबह से ही गौशाला में जाकर गायों की विधिवत पूजा अर्चना कर गायों को हराचारा, हरी सब्जियां,,गुड़ ,दलिया सहित अन्य आहार खिलाकर गोपाष्टमी मनाई । इस अवसर पर गौशाला में सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली। अनेक भक्तों ने गौशाला समिति को नकदी एवं हरे चारे से भरी गाड़ी उपलब्ध करवाकर सहायता की साथ ही अनेक लोगों ने गुप्त दान भी किया। श्री महामाया गौमाता गौशाला समिति के अध्यक्ष स्वामी विश्वगुरु काठिया बाबा ने जानकरी देते हुए बताया भगवान श्रीकृष्ण ने जिस दिन से गायों को पालन करना शुरू किया था। उसी दिन को गोपाष्टमी पर्व के रूप में मनाया जाता है। गायों को जननी के रूप में माना जाता है। पृथ्वी का स्वरूप भी गाय का ही स्वरूप होता है। गोपाष्टमी पर्व धर्म का प्रतीक के रूप में है। जब भगवान श्रीकृष्ण स्वयं गायों की सेवा पूजा अर्चना कर सकते हैं तो हमे भी गायों की सेवा पूजा अर्चना और उनकी देखभाल एक सदस्य की तरह करनी चाहिए। गोपाष्टमी के दिन सुबह से ही भक्तों की भीड़ गौशला में गायों की सेवा पूजा अर्चना में लगी रही। इसके साथ ही कस्बे में घर घर गायों की पूजा अर्चना कर गोपाष्टमी पर्व मनाया गया।
बाईट स्वामी विश्वगुरु काठिया बाबा श्री महामाया गौमाता गौशाला समितिConclusion:खण्डेला (सीकर)
गायों की पूजा अर्चना कर गोपाष्टमी पर्व मनाया गया
सुबह से ही भक्तों की भीड़ लगी रही गौशाला में गायों की सेवा में

भक्तों ने ने नकद राशि,हराचरा ,दलिया, गुड़ सहित अन्य तरीकों से किया दान
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