सीकर. गुजरात में स्थित धोलेरा स्मार्ट सिटी में निवेश करने के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले चार आरोपियों को पुलिस ने शनिवार को गिरफ्तार किया है. सीकर जिले में पिछले माह में इन आरोपियों के नाम से 29 एफआईआर दर्ज की गई थी. चारों आरोपियों ने 60 सप्ताह में पैसा डेढ़ गुना करने के नाम पर शेखावटी इलाके में लोगों से करोड़ों रुपए ठगकर फरार हो गए थे. पुलिस ने बताया कि चारों आरोपियों रणवीर बिजारणियां, सुभाषचंद्र बिजारणियां, ओपेंद्र बिजारणिया व अमरचंद ढाका को गुजरात महाराष्ट्र बॉर्डर से गिरफ्तार किया गया.
सीकर पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि नेक्सा व धोलेरा सिटी से जुड़े अलग-अलग नाम से आरोपियों ने कंपनी बनाई. इनमें से कई कंपनियों के नाम पुलिस के सामने आए हैं, जिनके खाते एचडीएफसी, एयू,आईसीआईसीआई, स्मॉल फाइनेंस, आईडीएफसी सहित कई बैंकों मैं हैं. इनके मालिक भी अलग-अलग बनाए गए हैं.पुलिस की प्रारंभिक जानकारी में कंपनी का रजिस्ट्रेशन डेढ़ साल पुराना मिला है. कंपनी 50 हजार के निवेश पर 1 साल में 81 हजार रुपए रिटर्न करती थी. साथ ही एक लाख के बदले डेढ़ लाख का रिटर्न दिया जाता था. कंपनी की ओर से प्रत्येक मंगलवार को निवेशकों के खाते में पैसे ट्रांसफर किए जाते थे.
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उन्होंने बताया कि शेखावटी इलाके के सीकर, चूरू, झुंझुनू व नागौर के कई लोगों का आरोप है कि उन्होंने इस कंपनी में करोड़ों रुपए का निवेश कर रखा है. शेखावाटी क्षेत्र के कई हाईप्रोफाइल लोगों का पैसा इस कंपनी में इन्वेस्ट हुआ है. कई सरकारी कर्मचारीयों ने भी इस कंपनी में पैसा लगा रखा है. उन्होंने बताया कि कंपनी में लेनदेन का हिसाब मोबाइल ऐप से होता था.
ये था मामला - पुलिस अधीक्षक ने बताया कि दिलीप सिंह उदयलाल की ढाणी और 21 अन्य परिवारों ने पुलिस को एक रिपोर्ट दी थी. जिसमें बताया गया कि पनलावा निवासी रणवीर बिजारणियां, सुभाष बिजारणियां, उपेंद्र बिजारणियां, सुधीश मील डुडवा, बनवारी मेहरिया कुुदन,अमरचंद डाका गुंगारा, बीरबल तेतरवाल गुनाठू धोद, गोपाल दुधवाल ने संयुक्त रूप से मिलकर निवेशकों को कहा कि हम धोलेरा स्मार्ट सिटी अमदाबाद गुजरात में प्रोजेक्ट कर रहे हैं. जहां हम प्रॉपर्टी खरीद कर वहां व्यापार उपलब्ध कराएंगे. आप इसमें पैसा लगाओगे तो आपका पैसा 14 महीने में दोगुना हो जाएगा. सभी आरोपियों ने प्रलोभन देकर लोगों से करीब 2 करोड़ 25 लाख रुपए लिए और फिर फरार हो गए.
ऐसे हुई गिरफ्तारी - पुलिस अधीक्षक करण शर्मा ने बताया कि आरोपियों को पकड़ने के लिए विशेष टीमों का गठन किया गया था. विशेष टीम ने दिल्ली, आंध्र प्रदेश, कर्नाटक, तमिलनाडु, बेंगलुरु, अहमदाबाद, वडोदरा आदि स्थानों पर रहकर आरोपियों की करीब दो सप्ताह तक निगरानी की. इस दौरान पुलिस मुखबिर व अन्य संसाधनों के जरिए आरोपियों की तलाश करती रही.
वहीं, बीते 25 फरवरी को पुलिस को सूचना मिली कि आरोपी बेंगलुरु से वडोदरा आ गए हैं. ऐसे में पीछा करते हुए पुलिस वडोदरा पहुंची. इसी दौरान क्षेत्र में जिला सीकर की डीएसटी टीम और खाटूश्यामजी थाना की पुलिस किसी अन्य प्रकरण में आरोपियों की तलाश कर रही थी.
पुख्ता सूचना पर पुलिस ने टीम को मौके पर बुलाया और संदिग्ध वाहन को महाराष्ट्र के टोल प्लाजा पर घेरकर आरोपियों को पकड़ लिया. बताया गया कि पकड़े गए आरोपियों में दो भूतपूर्व सैनिक हैं.