सवाई माधोपुर. विश्व विख्यात रणथंभोर नेशनल पार्क की बाघों की साइटिंग को लेकर विशेष पहचान है. ऐसे में रणथंभोर पार्क से बाघों का गायब होना कहीं न कहीं वन अधिकारियों की ओर से वन्यजीवों की मॉनिटरिंग पर सवालिया निशान खड़े करते हैं. रणथंभोर से ऐसा ही एक मामला सामने आया है जिसमें पार्क के देवपुरा वन क्षेत्र से बाघिन टी 13 लापता हो गई है. बाघिन को लगभग 18 से 19 वर्ष की उम्र होने के कारण उम्र दराज बताया जा रहा है. ऐसे में लगभग 4 माह पूर्व बाघिन टी 13 को अंतिम बार कैमरा ट्रैप के माध्यम से देखा गया था लेकिन उसके बाद से बाघिन देवपुरा पंचायत में नजर नहीं आई.
ऐसे में यह भी कयास लगाया जा रहा है कि कहीं बाघिन उम्र दराज होने के चलते किसी अन्य बाघ या बाघिन की शिकार तो नहीं हो गई. या फिर उम्रदराज होने के चलते बाघिन के साथ कोई अनहोनी तो नहीं हो गई. हालांकि इस पूरे मामले में वन अधिकारियों का कहना है कि बाघिन उम्र दराज होने के चलते आसपास ही होगी जिसे तलाश किया जा रहा है. बाघिन का गायब होना अपने आप में एक सवाल खड़ा करता है. रणथंभौर नेशनल पार्क में बाघिन टी13 ने शावकों को जन्म देकर पार्क को आबाद करने में काफी अहम भूमिका निभाई है.
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टी-13 रणथंभौर के बाघ-बाघिनों में सबसे सुंदर दिखने वाली बाघिन नूर की मां है. बाघिन टी-13 को ओल्ड सुल्तानपुर मादा बाघिन के नाम से भी जाना जाता है. ऐसे में लाजमी है कि उम्रदराज बाघिन अचानक इस तरह से गायब हो जाए और उसके वन अधिकारी उसकी मॉनिटरिंग नहीं करें या उसका ध्यान नहीं रखें तो यह बड़ी लापरवाही है.
इस पूरे मामले में डीएफओ मोहित गुप्ता बताते हैं कि बाघिन को करीब 4 माह पूर्व देखा गया था. रणथंभोर के जोन नंबर 9 व 10 के आसपास देवपुरा क्षेत्र में अधिकांश समय बाघिन का मूवमेंट देखा गया है और उसके कुछ महीनों बाद से बाघिन के गायब होने की सूचना मिली है जिसे वन विभाग की टीमें तलाश कर रही हैं. जल्द ही बाघिन के बारे में जानकारी मिल जाएगी.