देवगढ़ (राजसमंद). जहां एक ओर वैश्विक महामारी कोरोना और ब्लैक फंगस के संक्रमण के डर से संपूर्ण मानव जाति घरों में ठहरे रहने को मजबूर है. वहीं राज्य सरकार द्वारा घोषित लॉकडाउन की स्थिति के चलते जनजीवन पूरी तरह से ठहरा हुआ है. ऐसे में ऐतिहासिक और दर्शनीय स्थलों पर भी दर्शनार्थियों व भक्तों का आवागमन नहीं हो पा रहा है, जिससे बेजुबान परिंदों और मवेशियों के लिए सेवादारों द्वारा किए जाने वाले सेवा कार्यों, जैसे बेजुबान प्राणियों के लिए दाना-पानी और चारे की व्यवस्था का सेवा कार्य भी प्रभावित हो रहा है.
इस कार्य के लिए सामाजिक संस्था परमार्थ सेवा संस्थान, चारभुजा इकाई द्वारा चारभुजा थाना, बाबा रामदेव मंदिर और आमज माता मंदिर परिसर में थानाधिकारी टीना सोलंकी के मार्गदर्शन और संस्थान के संस्थापक कैलाश सामोता, अध्यक्ष एडवोकेट डिंपल लक्ष्मण गुर्जर, कांस्टेबल महेंद्र सिंह और चेतन मेघवाल के सहयोग से आधा दर्जन लोहा निर्मित पीपे को रूपांतरित कर पांच लीटर पानी व दो किलो दाना की क्षमता युक्त परिंडे लगवाए गए. थानाधिकारी टीना सोलंकी ने संस्थान के परिंडा अभियान को सराहनीय कार्य बताया और सतत रूप से जारी रखने का सुझाव दिया.
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सामोता ने बताया, परमार्थ सेवा संस्थान की ओर से अब तक राजसमंद के विभिन्न क्षेत्रों में सैकड़ों की संख्या में बेजुबान परिंदों के लिए परिंडे लगाकर, उनमें दाना-पानी भरने की व्यवस्था का सेवा-कार्य जारी रखे हुए हैं, जो संपूर्ण ग्रीष्म काल के दौरान जारी रहेगा.