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मंत्रिमंडल में मेवाड़ के विधायकों को नहीं मिली जगह, कांग्रेस ने कहा-जनादेश का अपमान

भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में मेवाड़ के विधायकों को जगह नहीं मिली. कांग्रेस ने इसे जनादेश का अपमान बताया है.

No minister from Mewar in new Rajasthan Cabinet
मंत्रिमंडल में मेवाड़ के विधायकों को नहीं मिली जगह
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 31, 2023, 5:24 PM IST

मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर क्या बोली भाजपा-कांग्रेस

राजसमंद. भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में मेवाड़ के विधायकों को जगह नहीं मिलने से क्षेत्र को निराशा हाथ लगी है. कांग्रेस इसे जनादेश का अपमान बता रही है. भाजपा नेता उम्मीद जता रहे हैं कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में यहां से किसी को मौका मिलेगा.

उम्मीद थी कि वरिष्ठता के आधार पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ मंत्री बन सकते हैं, तो मेवाड़ से एकमात्र महिला विधायक बनी दीप्ति माहेश्वरी का भी चांस लग रहा था. पूरे मेवाड़ के प्रभाव को देखते हुए नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ को भी मंत्री बनाने की उम्मीद थी. चौथे पायदान की उम्मीद में भीम विधायक हरिसिंह रावत को भी मंत्री का मौका नहीं मिल पाया. राज्य मंत्रिमण्डल में राजसमंद जिले को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है. कांग्रेस इसे जनादेश का अपमान बता रही है.

पढ़ें: भीलवाड़ा के बाशिंदे बोले- भाजपा को दिया भरपूर समर्थन, लेकिन मंत्रिमंडल में प्रतिनिधित्व नहीं

नाथद्वारा से पहली बार जीते विश्वराज सिंह को मेवाड़ में राजपूतों के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्रिमण्डल में शामिल करने की चर्चाएं थीं. वहीं राजसमंद से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंची दीप्ति माहेश्वरी को महिला वर्ग के प्रतिनिधित्व के कारण मंत्री का तमगा मिलना तय माना जा रहा था. अब तक 7 में से 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके और इस बार हैट्रिक लगाने वाले कुम्भलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह के मंत्री बनने के सबसे ज्यादा आसार नजर आ रहे थे. उन्हें एक दिन पहले ही जयपुर से बुलावा भी आ चुका था. चार बार के विधायक भीम से हरि सिंह रावत की भी सम्भावनाएं खत्म नहीं हुई थीं, लेकिन शपथ ग्रहण के साथ ही तस्वीर साफ हो गई.

पढ़ें: मंत्रिमंडल विस्तार के बाद राजपूत समाज नाराज, कहा 90 प्रतिशत राजपूतों ने भाजपा को किया वोट, मंत्री केवल 3 बनाए

राजसमंद का हमेशा रहा मंत्रिमंडल में दबदबा:

  1. 1962-1967 तक मोहनलाल सुखाडिया सरकार में निरंजननाथ आचार्य शिक्षा मंत्री रहे
  2. 1967 में मोहनलाल सुखाडिया मंत्रिमण्डल में अमृतलाल यादव समाज कल्याण राज्यमंत्री बने
  3. 1977 से 80 तक भैरों सिंह शेखावत सरकार में कैलाश मेघवाल खनिज राज्यमंत्री रहे
  4. 1977 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में नवनीत पालीवाल मुख्य सचेतक बने
  5. 1982 में जगन्नाथ पहाडिया सरकार में नानालाल खटीक खनिज राज्यमंत्री बने
  6. 1985 में शिवचरण माथुर सरकार के कार्यकाल में लक्ष्मण सिंह रावत मंत्रिमण्डल में शामिल किए गए
  7. 1985 में हीरालाल देवपुरा 16 दिन मुख्यमंत्री रहे, 1972-1977, 1980-85, 1985-1990 तक मंत्री भी रहे
  8. 1990 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में मानधाता सिंह बीमा राज्यमंत्री बने
  9. 1993-98 तक शिवदान सिंह चौहान भैरों सिंह सरकार में देवस्थान राज्यमंत्री रहे
  10. 1998-2003 तक गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में सीपी जोशी केबिनेट मंत्री रहे, 2018 में विधानसभा अध्यक्ष बने
  11. 2003 में सत्ता में आई वसुंधरा राजे सरकार के पहले कार्यकाल में सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सिंचाई राज्यमंत्री बने
  12. 2013 में वसुंधरा सरकार के दूसरे कार्यकाल में किरण माहेश्वरी लगातार दूसरी बार जीतकर पहली बार मंत्री बनीं

पढ़ें: भजनलाल सरकार के मंत्रियों की ईटीवी भारत से खास बातचीत, बोले- जनता ने जो पांच साल में भोगा है, उससे राहत दिलाएंगे

राज्य मंत्रिमण्डल गठन के साथ ही राजसमंद को इसमें जगह नहीं मिलने से फिलहाल निराशा हाथ लगी है. जिले से कांग्रेस का क्लीन स्वीप करने के बाद जनता को उम्मीद थी कि किसी एक विधायक को लाल बत्ती मिलेगी और जिले में विकास का पहिया डबल इंजन की गति से दौड़ेगा. अब कांग्रेस भाजपा पर वादाखिलाफी और जनादेश का अपमान करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं कि केवल एक महिला को मंत्री बनाकर भाजपा की महिला विरोधी सोच सामने आ गई है. तो भाजपा नेता उम्मीद जता रहे हैं कि अगले विस्तार में किसी को मौका मिलेगा.

मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिलने पर क्या बोली भाजपा-कांग्रेस

राजसमंद. भजनलाल सरकार के मंत्रिमंडल में मेवाड़ के विधायकों को जगह नहीं मिलने से क्षेत्र को निराशा हाथ लगी है. कांग्रेस इसे जनादेश का अपमान बता रही है. भाजपा नेता उम्मीद जता रहे हैं कि अगले मंत्रिमंडल विस्तार में यहां से किसी को मौका मिलेगा.

उम्मीद थी कि वरिष्ठता के आधार पर कुंभलगढ़ विधायक सुरेन्द्रसिंह राठौड़ मंत्री बन सकते हैं, तो मेवाड़ से एकमात्र महिला विधायक बनी दीप्ति माहेश्वरी का भी चांस लग रहा था. पूरे मेवाड़ के प्रभाव को देखते हुए नाथद्वारा विधायक विश्वराज सिंह मेवाड़ को भी मंत्री बनाने की उम्मीद थी. चौथे पायदान की उम्मीद में भीम विधायक हरिसिंह रावत को भी मंत्री का मौका नहीं मिल पाया. राज्य मंत्रिमण्डल में राजसमंद जिले को प्रतिनिधित्व नहीं मिलने से फिलहाल निराशा ही हाथ लगी है. कांग्रेस इसे जनादेश का अपमान बता रही है.

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नाथद्वारा से पहली बार जीते विश्वराज सिंह को मेवाड़ में राजपूतों के प्रतिनिधि के तौर पर मंत्रिमण्डल में शामिल करने की चर्चाएं थीं. वहीं राजसमंद से दूसरी बार जीतकर विधानसभा पहुंची दीप्ति माहेश्वरी को महिला वर्ग के प्रतिनिधित्व के कारण मंत्री का तमगा मिलना तय माना जा रहा था. अब तक 7 में से 5 बार विधानसभा चुनाव जीत चुके और इस बार हैट्रिक लगाने वाले कुम्भलगढ़ विधायक सुरेन्द्र सिंह के मंत्री बनने के सबसे ज्यादा आसार नजर आ रहे थे. उन्हें एक दिन पहले ही जयपुर से बुलावा भी आ चुका था. चार बार के विधायक भीम से हरि सिंह रावत की भी सम्भावनाएं खत्म नहीं हुई थीं, लेकिन शपथ ग्रहण के साथ ही तस्वीर साफ हो गई.

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राजसमंद का हमेशा रहा मंत्रिमंडल में दबदबा:

  1. 1962-1967 तक मोहनलाल सुखाडिया सरकार में निरंजननाथ आचार्य शिक्षा मंत्री रहे
  2. 1967 में मोहनलाल सुखाडिया मंत्रिमण्डल में अमृतलाल यादव समाज कल्याण राज्यमंत्री बने
  3. 1977 से 80 तक भैरों सिंह शेखावत सरकार में कैलाश मेघवाल खनिज राज्यमंत्री रहे
  4. 1977 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में नवनीत पालीवाल मुख्य सचेतक बने
  5. 1982 में जगन्नाथ पहाडिया सरकार में नानालाल खटीक खनिज राज्यमंत्री बने
  6. 1985 में शिवचरण माथुर सरकार के कार्यकाल में लक्ष्मण सिंह रावत मंत्रिमण्डल में शामिल किए गए
  7. 1985 में हीरालाल देवपुरा 16 दिन मुख्यमंत्री रहे, 1972-1977, 1980-85, 1985-1990 तक मंत्री भी रहे
  8. 1990 में भैरों सिंह शेखावत सरकार में मानधाता सिंह बीमा राज्यमंत्री बने
  9. 1993-98 तक शिवदान सिंह चौहान भैरों सिंह सरकार में देवस्थान राज्यमंत्री रहे
  10. 1998-2003 तक गहलोत सरकार के पहले कार्यकाल में सीपी जोशी केबिनेट मंत्री रहे, 2018 में विधानसभा अध्यक्ष बने
  11. 2003 में सत्ता में आई वसुंधरा राजे सरकार के पहले कार्यकाल में सुरेन्द्र सिंह राठौड़ सिंचाई राज्यमंत्री बने
  12. 2013 में वसुंधरा सरकार के दूसरे कार्यकाल में किरण माहेश्वरी लगातार दूसरी बार जीतकर पहली बार मंत्री बनीं

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राज्य मंत्रिमण्डल गठन के साथ ही राजसमंद को इसमें जगह नहीं मिलने से फिलहाल निराशा हाथ लगी है. जिले से कांग्रेस का क्लीन स्वीप करने के बाद जनता को उम्मीद थी कि किसी एक विधायक को लाल बत्ती मिलेगी और जिले में विकास का पहिया डबल इंजन की गति से दौड़ेगा. अब कांग्रेस भाजपा पर वादाखिलाफी और जनादेश का अपमान करने का आरोप लगा रही है. कांग्रेस नेता आरोप लगा रहे हैं कि केवल एक महिला को मंत्री बनाकर भाजपा की महिला विरोधी सोच सामने आ गई है. तो भाजपा नेता उम्मीद जता रहे हैं कि अगले विस्तार में किसी को मौका मिलेगा.

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