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Special: कैसे पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना? जब बिना छत पर चढ़े नहीं मिलता राशन

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Published : Mar 20, 2021, 1:28 PM IST

केंद्र और राज्य सरकार आमजन को मिलने वाली सभी सुविधाओं को डिजिटल कर रही है. लेकिन, ग्रामीण अंचल में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में यह सुविधा ग्रामीणों के लिए परेशानी का सबब बन रही है. राजसमंद जिले के आंजना गांव में भी ऐसी ही स्थिति है, जहां राशन देने के लिए डीलर को पहले छत पर चढ़ना होता है, फिर ग्रामीणों की आस पूरी हो पाती है. देखें ये खास रिपोर्ट

pos machine working on the roof in rajsamand, network coverage issues
कैसे पूरा होगा डिजिटल इंडिया का सपना?

राजसमंद. जिले के रेलमगरा उपखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क की परेशानी से ग्रामीण रोजाना ही दो-चार होते हैं. दूरदराज के गांवों में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में सरकार की कई योजनाएं भी अमलीजामा नहीं पहन पा रही है. गवारड़ी पंचायत के आंजना गांव में भी हालात कुछ इसी तरह है. जहां उचित मूल्य की दुकान का डीलर जब छत पर चढ़ेगा, तभी उपभोक्ताओं को राशन मुहैया हो पाता है. देखें ये खास रिपोर्ट

गांवों में नेटवर्क नहीं होने से छत पर चढ़कर लेना पड़ रहा राशन...

नेटवर्क नहीं, राशन नहीं...

यह कोई इकलौता ऐसा गांव नहीं है, जहां इस तरह की समस्या है. अंचल के कई गांवों में इस तकलीफ से सभी राशन डीलर और उपभोक्ता जूझ रहे हैं. आंजना गांव में राशन डीलर कैलाश चंद्र जाट उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए दुकान पर बैठे रहते हैं, लेकिन उपभोक्ता राशन लेने के लिए दुकान पर जब पहुंचते हैं, तो उन्हें घंटो तक राशन लेने के लिए इंतजार करना पड़ता है. मोबाइल नेटवर्क सही तरीके से काम नहीं करने के कारण कई बार उपभोक्ताओं को राशन की दुकान से बैरंग ही लौटना पड़ता है.

फिंगरप्रिंट से मिलता है राशन...

राशन डीलर उपभोक्ताओं को पोस मशीन से राशन वितरित करता है. राशन लेने के लिए उपभोक्ताओं को पोस मशीन में फिंगर प्रिंट देना होता है, लेकिन नेटवर्क नहीं होने के चलते पोस मशीन उपभोक्ताओं के फिंगरप्रिंट नहीं लेती, ऐसे में उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिलता.

pos machine working on the roof in rajsamand, network coverage issues
छत पर चढ़कर बांटना होता है राशन

पढ़ें: Food Delivery पर पड़ी महंगे पेट्रोल की मार, कर्मचारियों की कमाई घटी...रोजी-रोटी का संकट!

यह है परेशानी...

राज्य सरकार ने मोबाइल की परेशानी को देखते हुए कई उचित मूल्य दुकानदारों को 4G नेटवर्क की पोस मशीन उपलब्ध कराई है. लेकिन, आंजना गांव में कैलाश चंद्र जाट के पास पोस मशीन है, जिसमें कई बार नेटवर्क नहीं आता है.

छत से बांटना पड़ रहा राशन...

उपभोक्ताओं के दुकान पर जमा होने पर दुकानदार कैलाश पोस मशीन लेकर दुकान के सामने स्थित विश्रांति घर की छत पर चढ़ता है. यहां छत पर चढ़ने के लिए कोई सीढ़ी नहीं है. ऐसे में वह जान जोखिम में डाल कर दीवार के सहारे छत पर चढ़ता है. बाद में छत पर चढ़ने के बाद जब पोस मशीन में नेटवर्क आता है, तो वह झुक कर उपभोक्ताओं के फिंगरप्रिंट लेता है. जिसके बाद जाकर उपभोक्ताओं को राशन मिलता है.

हादसे का डर!

उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए डीलर कैलाश विश्रांति गृह की छत पर दीवार के सहारे ही चढ़ता है. ऐसे में हर पल हादसा होने का अंदेशा रहता है. ग्रामीणों की शिकायत पर गवारड़ी सरपंच बाबूलाल सैनी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. सैनी ने कहा कि वह राशन डीलर को 4G पोस मशीन दिलाने के लिए आला अधिकारियों को लिखेंगे.

राजसमंद. जिले के रेलमगरा उपखंड क्षेत्र के कई पंचायतों में मोबाइल नेटवर्क की परेशानी से ग्रामीण रोजाना ही दो-चार होते हैं. दूरदराज के गांवों में मोबाइल नेटवर्क के अभाव में सरकार की कई योजनाएं भी अमलीजामा नहीं पहन पा रही है. गवारड़ी पंचायत के आंजना गांव में भी हालात कुछ इसी तरह है. जहां उचित मूल्य की दुकान का डीलर जब छत पर चढ़ेगा, तभी उपभोक्ताओं को राशन मुहैया हो पाता है. देखें ये खास रिपोर्ट

गांवों में नेटवर्क नहीं होने से छत पर चढ़कर लेना पड़ रहा राशन...

नेटवर्क नहीं, राशन नहीं...

यह कोई इकलौता ऐसा गांव नहीं है, जहां इस तरह की समस्या है. अंचल के कई गांवों में इस तकलीफ से सभी राशन डीलर और उपभोक्ता जूझ रहे हैं. आंजना गांव में राशन डीलर कैलाश चंद्र जाट उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए दुकान पर बैठे रहते हैं, लेकिन उपभोक्ता राशन लेने के लिए दुकान पर जब पहुंचते हैं, तो उन्हें घंटो तक राशन लेने के लिए इंतजार करना पड़ता है. मोबाइल नेटवर्क सही तरीके से काम नहीं करने के कारण कई बार उपभोक्ताओं को राशन की दुकान से बैरंग ही लौटना पड़ता है.

फिंगरप्रिंट से मिलता है राशन...

राशन डीलर उपभोक्ताओं को पोस मशीन से राशन वितरित करता है. राशन लेने के लिए उपभोक्ताओं को पोस मशीन में फिंगर प्रिंट देना होता है, लेकिन नेटवर्क नहीं होने के चलते पोस मशीन उपभोक्ताओं के फिंगरप्रिंट नहीं लेती, ऐसे में उपभोक्ताओं को राशन नहीं मिलता.

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छत पर चढ़कर बांटना होता है राशन

पढ़ें: Food Delivery पर पड़ी महंगे पेट्रोल की मार, कर्मचारियों की कमाई घटी...रोजी-रोटी का संकट!

यह है परेशानी...

राज्य सरकार ने मोबाइल की परेशानी को देखते हुए कई उचित मूल्य दुकानदारों को 4G नेटवर्क की पोस मशीन उपलब्ध कराई है. लेकिन, आंजना गांव में कैलाश चंद्र जाट के पास पोस मशीन है, जिसमें कई बार नेटवर्क नहीं आता है.

छत से बांटना पड़ रहा राशन...

उपभोक्ताओं के दुकान पर जमा होने पर दुकानदार कैलाश पोस मशीन लेकर दुकान के सामने स्थित विश्रांति घर की छत पर चढ़ता है. यहां छत पर चढ़ने के लिए कोई सीढ़ी नहीं है. ऐसे में वह जान जोखिम में डाल कर दीवार के सहारे छत पर चढ़ता है. बाद में छत पर चढ़ने के बाद जब पोस मशीन में नेटवर्क आता है, तो वह झुक कर उपभोक्ताओं के फिंगरप्रिंट लेता है. जिसके बाद जाकर उपभोक्ताओं को राशन मिलता है.

हादसे का डर!

उपभोक्ताओं को राशन देने के लिए डीलर कैलाश विश्रांति गृह की छत पर दीवार के सहारे ही चढ़ता है. ऐसे में हर पल हादसा होने का अंदेशा रहता है. ग्रामीणों की शिकायत पर गवारड़ी सरपंच बाबूलाल सैनी भी मौके पर पहुंचे और उन्होंने स्थिति का जायजा लिया. सैनी ने कहा कि वह राशन डीलर को 4G पोस मशीन दिलाने के लिए आला अधिकारियों को लिखेंगे.

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