ETV Bharat / state

पाकिस्तानी की हत्या करना ओपन जेल में भेजने से रोकने का आधार नहीं: हाईकोर्ट - HIGH COURT JAIPUR ORDER

आजीवन कारावास की सजा के दौरान एक पाकिस्तानी की हत्या करने के मामले के उम्रकैदी को अदालत ने ओपन जेल भेजने के आदेश दिए हैं.

High Court Jaipur Order
राजस्थान हाईकोर्ट (ETV Bharat Jaipur)
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 14, 2025, 8:29 PM IST

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान पाकिस्तानी की हत्या में मिली उम्रकैद के आधार पर कैदी को ओपन जेल में शिफ्ट करने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार के 24 जनवरी, 2024 के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को ओपन जेल में भेजने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश केन्द्रीय कारागार, जयपुर में बंद भजन मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि प्रत्येक संत का एक अतीत होता है और हर पापी का एक भविष्य होता है. ऐसे में प्रत्येक कैदी को सुधार और पुनर्वास का अधिकार है, ताकि वह अपनी रिहाई के बाद जिम्मेदार नागरिक के रूप में सामान्य जीवन जी सके.

पढ़ें: अब जेल से बाहर आएगा आसाराम: सुप्रीम कोर्ट के बाद राजस्थान हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

याचिका में अधिवक्ता टीसी स्वामी ने बताया याचिकाकर्ता ने जेल प्रशासन को प्रार्थना पत्र पेश कर उसे ओपन जेल में शिफ्ट करने की गुहार की थी, लेकिन 24 जनवरी, 2024 को प्रार्थना पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सजा काटने के दौरान एक पाकिस्तानी की हत्या करने के आरोप में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. याचिका में नरेंद्र सिंह के केस का हवाला देते हुए कहा गया कि उसने आजीवन कारावास की सजा काटते हुए जेल में जेलर की हत्या कर दी थी. अदालत ने उस अभियुक्त को भी ओपन जेल भेजने के आदेश दिए थे. ऐसे में याचिकाकर्ता का भी समान प्रकरण है, इसलिए उसे भी ओपन जेल भेजा जाए. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से एएजी राजेश चौधरी ने कहा कि याचिकाकर्ता को हत्या के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा हुई है. एक मामले में सजा काटते हुए उसने पाकिस्तानी की हत्या भी की और उसे उस मामले में आजीवन कारावास मिला. ऐसे में उसे ओपन जेल में भेजने की प्रार्थना को तर्कसंगत और ठोस आधार पर खारिज किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को ओपन जेल में भेजने के आदेश दिए हैं.

जयपुर: राजस्थान हाईकोर्ट ने कहा कि हत्या के अपराध में आजीवन कारावास की सजा काटने के दौरान पाकिस्तानी की हत्या में मिली उम्रकैद के आधार पर कैदी को ओपन जेल में शिफ्ट करने से इनकार नहीं किया जा सकता है. इसके साथ ही अदालत ने राज्य सरकार के 24 जनवरी, 2024 के आदेश को निरस्त करते हुए याचिकाकर्ता को ओपन जेल में भेजने के आदेश दिए हैं. जस्टिस अनूप कुमार ढंड की एकलपीठ ने यह आदेश केन्द्रीय कारागार, जयपुर में बंद भजन मीणा की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

अदालत ने कहा कि प्रत्येक संत का एक अतीत होता है और हर पापी का एक भविष्य होता है. ऐसे में प्रत्येक कैदी को सुधार और पुनर्वास का अधिकार है, ताकि वह अपनी रिहाई के बाद जिम्मेदार नागरिक के रूप में सामान्य जीवन जी सके.

पढ़ें: अब जेल से बाहर आएगा आसाराम: सुप्रीम कोर्ट के बाद राजस्थान हाईकोर्ट से मिली अंतरिम जमानत

याचिका में अधिवक्ता टीसी स्वामी ने बताया याचिकाकर्ता ने जेल प्रशासन को प्रार्थना पत्र पेश कर उसे ओपन जेल में शिफ्ट करने की गुहार की थी, लेकिन 24 जनवरी, 2024 को प्रार्थना पत्र यह कहते हुए खारिज कर दिया कि सजा काटने के दौरान एक पाकिस्तानी की हत्या करने के आरोप में उसे आजीवन कारावास की सजा मिली है. याचिका में नरेंद्र सिंह के केस का हवाला देते हुए कहा गया कि उसने आजीवन कारावास की सजा काटते हुए जेल में जेलर की हत्या कर दी थी. अदालत ने उस अभियुक्त को भी ओपन जेल भेजने के आदेश दिए थे. ऐसे में याचिकाकर्ता का भी समान प्रकरण है, इसलिए उसे भी ओपन जेल भेजा जाए. जिसका विरोध करते हुए राज्य सरकार की ओर से एएजी राजेश चौधरी ने कहा कि याचिकाकर्ता को हत्या के दो मामलों में आजीवन कारावास की सजा हुई है. एक मामले में सजा काटते हुए उसने पाकिस्तानी की हत्या भी की और उसे उस मामले में आजीवन कारावास मिला. ऐसे में उसे ओपन जेल में भेजने की प्रार्थना को तर्कसंगत और ठोस आधार पर खारिज किया गया है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने याचिकाकर्ता को ओपन जेल में भेजने के आदेश दिए हैं.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.