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नाथद्वारा में श्रीनाथजी को लगाया सवा लाख आम का भोग

श्रीनाथजी मंदिर में पूर्णिमा के अवसर पर श्रीनाथजी और निधि स्वरूप को केसर युक्त सुवासित जल से स्नान कराया गया. श्रीनाथ भगवान को सवा लाख आम का भोग लगाया गया. इस झांकी के दर्शनों का लाभ लेने के लिए सैकड़ों श्रद्धालु पहुंचे. राज भोग की झांकी के समय लंबी-लंबी कतारें लग गईं. इस दौरान कई भक्तों को प्रसाद स्वरूप आम मिला.

नाथद्वारा में श्रीनाथजी को लगाया सवा लाख आम का भोग
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Published : Jun 17, 2019, 9:39 PM IST

नाथद्वारा (राजसमंद). ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा सोमवार सुबह श्रीनाथजी को सिद्ध किए हुए केसर युक्त सुवासित जल से स्नान करवाया गया. स्नान के दर्शनों के उपरांत प्रभु श्रीनाथजी को ग्वाल के समय सवा लाख आम का भोग धराया गया. इस दौरान पूज्य श्री तिलकायत, चिरंजीवी श्री विशाल बाबा, श्रीनाथजी के मुखिया जी ने श्रीनाथजी का ज्येष्ठाभिषेक स्वर्ण और रजत कलश से 108 घड़े जलभर कर किया.

नाथद्वारा में श्रीनाथजी को लगाया सवा लाख आम का भोग

स्नान के समय दर्शन खुला रहा. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने प्रभु की इस अलौकिक झांकी के दर्शन किए. आनंद कंद प्रभु श्रीनाथजी को सर पर मुकुट नहीं धराया जाता है. साल में केवल एक दिन ही श्रीनाथजी के अम्बोडे ( छोटी व मस्तक) के दर्शन किया जा सकता है.

श्रीनाथजी को नित्य नियम भोग के सवा लाख आम का भोग तो लगता ही है. उसके अलावा दर्शनाथी भी आम लेकर आते हैं. करीब दो से ढाई लाख आम हर साल इस दिन भोग लगाया जाता है. दर्शनों के उपरांत प्रशाद स्वरूप ये सभी आम मंदिर मंडल के कर्मचारियों, सेवा वालों और दर्शनाथियों को वितरित किए जाते हैं.

नाथद्वारा (राजसमंद). ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा सोमवार सुबह श्रीनाथजी को सिद्ध किए हुए केसर युक्त सुवासित जल से स्नान करवाया गया. स्नान के दर्शनों के उपरांत प्रभु श्रीनाथजी को ग्वाल के समय सवा लाख आम का भोग धराया गया. इस दौरान पूज्य श्री तिलकायत, चिरंजीवी श्री विशाल बाबा, श्रीनाथजी के मुखिया जी ने श्रीनाथजी का ज्येष्ठाभिषेक स्वर्ण और रजत कलश से 108 घड़े जलभर कर किया.

नाथद्वारा में श्रीनाथजी को लगाया सवा लाख आम का भोग

स्नान के समय दर्शन खुला रहा. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने प्रभु की इस अलौकिक झांकी के दर्शन किए. आनंद कंद प्रभु श्रीनाथजी को सर पर मुकुट नहीं धराया जाता है. साल में केवल एक दिन ही श्रीनाथजी के अम्बोडे ( छोटी व मस्तक) के दर्शन किया जा सकता है.

श्रीनाथजी को नित्य नियम भोग के सवा लाख आम का भोग तो लगता ही है. उसके अलावा दर्शनाथी भी आम लेकर आते हैं. करीब दो से ढाई लाख आम हर साल इस दिन भोग लगाया जाता है. दर्शनों के उपरांत प्रशाद स्वरूप ये सभी आम मंदिर मंडल के कर्मचारियों, सेवा वालों और दर्शनाथियों को वितरित किए जाते हैं.

Intro:श्रीजी सहित सभी पुष्टिमार्गीय मंदिरों में हुए ज्येष्ठाभिषेक के दर्शन । Body:नाथद्वारा, राजसमंद।
पुष्टिमार्गीय संप्रदाय की प्रधान पीठ नाथद्वारा में श्रीनाथ जी को आज तड़के ज्येष्ठाभिषेक करवाया गया, सुबह 4:00 बजे खुले स्नान के दर्शन करीब दो घंटे तक चले ।

ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा को आज प्रातः श्रीनाथजी को कल लाकर सिद्ध किये हुए केसर चन्दन व बरास युक्त जल से स्नान करवाया गया, स्नान के दर्शनों के उपरांत प्रभु श्रीजी को ग्वाल के समय सवा लाख आम का भोग धराया गया ।
पूज्य श्री तिलकायत, चिरंजीवी श्री विशालबावा, श्रीजी के मुखियाजी ने श्रीनाथजी का ज्येष्ठाभिषेक
स्वर्ण व रजत कलश से 108 घड़े जल भर कर किया, स्नान के समय दर्शन खुले रहे जहाँ सेकड़ो लोगो ने प्रभु की इस अलौकिक झांकी के दर्शन किये । आज के दिन आनंद कंद प्रभु श्रीनाथजी को सर पर मुकुट नही धराया जाता है साल में केवल एक दिन ही श्रीजी के अम्बोडे ( छोटी व मस्तक ) के दर्शन किये जा सकते है ।
श्रीनाथजी को नित्य नियम भोग के सवा लाख आम का भोग तो लगता ही है उसके अलावा दर्शनाथी भी आम लेकर आते है करीब दो से ढाई लाख आम हर वर्ष इस दिन भोग लगाएं जाते हैं ।
दर्शनों के उपरांत प्रशाद स्वरूप ये सभी आम मंदिर मंडल के कर्मचारियों , सेवा वालों ओर दर्शनाथीयों को वितरित किए जाते हैं ।



बाइट :- मीना बेन, श्रद्धालु राजकोट सेConclusion:
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