नाथद्वारा (राजसमंद). ज्येष्ठ शुक्ल पूर्णिमा सोमवार सुबह श्रीनाथजी को सिद्ध किए हुए केसर युक्त सुवासित जल से स्नान करवाया गया. स्नान के दर्शनों के उपरांत प्रभु श्रीनाथजी को ग्वाल के समय सवा लाख आम का भोग धराया गया. इस दौरान पूज्य श्री तिलकायत, चिरंजीवी श्री विशाल बाबा, श्रीनाथजी के मुखिया जी ने श्रीनाथजी का ज्येष्ठाभिषेक स्वर्ण और रजत कलश से 108 घड़े जलभर कर किया.
स्नान के समय दर्शन खुला रहा. इस दौरान सैकड़ों लोगों ने प्रभु की इस अलौकिक झांकी के दर्शन किए. आनंद कंद प्रभु श्रीनाथजी को सर पर मुकुट नहीं धराया जाता है. साल में केवल एक दिन ही श्रीनाथजी के अम्बोडे ( छोटी व मस्तक) के दर्शन किया जा सकता है.
श्रीनाथजी को नित्य नियम भोग के सवा लाख आम का भोग तो लगता ही है. उसके अलावा दर्शनाथी भी आम लेकर आते हैं. करीब दो से ढाई लाख आम हर साल इस दिन भोग लगाया जाता है. दर्शनों के उपरांत प्रशाद स्वरूप ये सभी आम मंदिर मंडल के कर्मचारियों, सेवा वालों और दर्शनाथियों को वितरित किए जाते हैं.