राजसमंद जिले में 4 विधानसभा सीटें हैं. इसमें नाथद्वारा, कुंभलगढ़, भीम और राजसमंद शामिल हैं. वहीं राजसमंद लोकसभा क्षेत्र में नागौर का मेड़ता और डेगाना क्षेत्र, पाली का जैतारण और अजमेर का ब्यावर सीट क्षेत्र भी शामिल है.
यहां 2009 में पहले लोकसभा चुनाव में हुआ था राजसमंद जिले मैं पढ़ने वाली 4 विधानसभा है जिसमें नाथद्वारा कुंभलगढ़ भीम और राजसमंद शामिल है वहीं तीन अन्य जिलों की विधानसभा सीट नागौर जिले की मेड़ता और डेगाना सीट भी शामिल भी शामिल है वहीं पाली जिले की जैतारण और अजमेर जिले की ब्यावर सीट भी शामिल इन सभी को मिलाकर राजसमंद एक लोकसभा सीट बनती है.
यहां की 8 विधानसभाओं पर नजर डालें तो वर्तमान में 4 विधानसभा सीटों पर भाजपा का कब्जा है. राजसमंद, कुंभलगढ़, जैतारण और ब्यावर की सीटों पर भाजपा के विधायक हैं. वहीं नाथद्वारा, भीम और डेगाना विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है. साथ ही इस बार मेड़ता विधानसभा सीट पर राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी की जीत हुई है. 2013 के विधानसभा चुनाव की बात करें तो यहां की सभी आठ विधानसभा पर भाजपा का कब्जा था.
राजसमंद लोकसभा सीट पर 2009 के पहले चुनाव में कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत ने भाजपा के रासा सिंह रावत को 45890 मतों से हराया था. वहीं 2014 में भाजपा के हरि ओम सिंह रावत ने कांग्रेस के गोपाल सिंह शेखावत को करीब 3,45,705 मतों से हराया था. कांग्रेस के उम्मीदवार को 25.80 प्रतिशत वोट मिले थे, वहीं भाजपा की उम्मीदवार को 66.77 प्रतिशत वोट मिले थे. भाजपा कांग्रेस के अलावा अन्य दलों में बहुजन समाज पार्टी के नीरू राम को 1.51 प्रतिशत वोट मिले और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी गुलाम फरीद को 0.31 प्रतिशत वोट मिले थे.
प्रधानमंत्री मोदी की लोकप्रियता के कारण 2014 में राजसमंद लोकसभा सीट पर भाजपा को बढ़त मिली. साथ ही कांग्रेस की आपसी फूट और कांग्रेस के नेताओं पर भ्रष्टाचार के आरोपों के कारण जनता के बीच में गलत मैसेज गया, इस कारण भी भाजपा को बढ़त मिली. जनता में कांग्रेस के 10 साल के शासन के बाद एंटी इनकंबेंसी भी बन गई थी. 2014 से पहले योजनाओं के क्रियान्वयन में यूपीए सरकार के देरी से जागने की वजह से भी कांग्रेस को नुकसान हुआ.
भाजपा के जिला महामंत्री सत्यनारायण पुरबिया का कहना है कि 2014 में कांग्रेस सरकार से जनता का विश्वास उठ गया था और एक लोकप्रिय प्रधानमंत्री के रूप में लोग मोदी की तरफ देख रहे थे. एक आशा और अपेक्षा के साथ, जिस पर वह खरे भी उतरे. उन्होंने कहा कि लगातार कांग्रेस सरकार भ्रष्टाचार की चादर में समाती जा रही थी. इस कारण से भी जनता के पास सिर्फ भाजपा को चुनने का विकल्प था.
वहीं, राजसमंद में कांग्रेस के जिला महासचिव भगवत सिंह गुर्जर का कहना है कि 2014 के चुनाव में भाजपा ने जनता के बीच में बड़े बड़े वादे करके जनता को गुमराह करने का काम किया हैं. जनता इनके झांसे में आ गई थी. इन्होंने 15 लाख रुपये और युवाओं को साल में दो करोड़ रोजगार मुहैया कराने की बात कही थी. इसके अलावा धारा 370 हटाने और राम जन्मभूमि में रामलला का मंदिर बनाने का वादा, लेकिन इसमें कोई भी वादा भाजपा ने पूरा नहीं किया.