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150वीं गांधी जयंती: राजसमंद के गांधी सेवा सदन ने 'बापू' से जुड़ी हर याद को संजोकर रखा

महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा के मार्ग पर चलने की सबको सीख दी. बापू जहां भी जाते थे, वे वहां के लोगों पर अपनी कभी न मिटने वाली छाप छोड़ जाते थे. ईटीवी भारत आपको ऐसी ही एक जगह राजसमंद लेकर चल रहे है. जहां गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन बापू से जुड़ी हर यादों को आज भी ताजा करता है. साथ ही युवाओं को प्रेरित भी करता है.

महात्मा गांधी की 150वीं जयंती, Gandhi Seva Sadan of Rajsamand
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Published : Sep 29, 2019, 9:06 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 9:14 AM IST

राजसमंद. इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत बापू के जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में आपको बता रहा है. महात्मा गांधी ने पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो वहीं वर्तमान में राजसमंद का गांधी सेवा सदन इन विचारों को आज संजोकर आने वाली पीढ़ी को बता रहा है.

राजसमंद के गांधी सेवा सदन ने 'बापू' से जुड़ी हर याद को संजोकर रखा

राजसमंद गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. साल 1969 गांधी दर्शन की शुरूआत गांधी सेवा सदन में गांधी जी की जन्म शताब्दी वर्ष में की गई थी. इसका मकसद था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बारे में युवा और बाल पीढ़ी को अवगत कराना. इसकी शुरूआत आजादी के आंदोलन में मेवाड़ प्रजामंडल के माध्यम से काम करने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय देवेंद्र कुमार कर्णावट ने इसकी स्थापना की.

पढ़ें- वर्धा के सेवाग्राम में आज भी हैं गांधी के संदेश, युवा पीढ़ी के लिए बन रहा आकर्षण

बता दें कि गांधी दर्शन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह, चरखा आंदोलन, स्वदेशी जागरण और अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की विभिन्न घटनाक्रम की जानकारी गांधी दर्शन में दी गई है. इसी प्रकार वर्धा आश्रम की दिनचर्या और नोआखली में बापू के शांति बहाल करने के प्रयास के दिनों को भी दर्शन कराया गया है. गांधी दर्शन के तहत गांधी सेवा सदन में बापू की उन सभी बातों का उल्लेख किया गया जो उनके बाल स्वरूप से लेकर आजादी से जुड़े हुई है.

पढ़ें- यहां था गांधी का 'दूसरा साबरमती' आश्रम

वहीं गांधी विचारक डॉ. महेंद्र कर्णावट का कहना है कि महात्मा गांधी का जीवन एक प्रयोगशाला है. हम उन्हें केवल सत्याग्रही कह दें. यह उनके साथ अन्याय है. क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में प्रयोग किए. वे प्रयोग कोई भी संत महात्मा नहीं कर पाया. उन्होंने अहिंसा-सत्य के बल पर पूरे विश्व को नया संदेश देते हुए भारत को आजादी की राह पर लेकर चले. उन्होंने बताया कि हमारे गौरवशाली भारत देश का महात्मा गांधी पर्यायवाची है. वे कहते हैं कि जब हम विदेश यात्रा पर कहीं जाते हैं. तो हमें लोग भारत के साथ गांधी के साथ पहचानते हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 3000 विश्वविद्यालय ऐसे हैं इस विश्व में जो गांधी के दर्शन के ऊपर खोज कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के अंदर राजस्थान के राजसमंद जिले के जिला मुख्यालय पर गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन के माध्यम से बाल पीढ़ी को गांधी के अहिंसा दर्शन से परिचित कराया जा रहा है.

पढ़ें- गांधी ने तिरंगे को यहीं दी थी स्वीकृति

वहीं इनके अलावा आचार्य कुल राजस्थान उपाध्यक्ष दिनेश श्रीमाली का कहना है कि गांधी दर्शन को महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. यहां गांधी जी के जन्म से लेकर पूरे जीवन का दर्शन है. उनकी सभी यादों को गांधी दर्शन के माध्यम से समझा और देखा जा सकता है. इसके माध्यम से बाल पीढ़ी और युवा पीढ़ी को गांधी के विचार दर्शन के माध्यम से सत्य और अहिंसा के माध्यम से शांतिपूर्ण और मजबूत देश का निर्माण हो सकें. वहीं उन्होंने बताया कि गांधी दर्शन में गांधी जी द्वारा कहे गए विभिन्न विचारों को भी सम्मिलित किया गया है.

राजसमंद. इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत बापू के जीवन से जुड़े अलग-अलग पहलुओं के बारे में आपको बता रहा है. महात्मा गांधी ने पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो वहीं वर्तमान में राजसमंद का गांधी सेवा सदन इन विचारों को आज संजोकर आने वाली पीढ़ी को बता रहा है.

राजसमंद के गांधी सेवा सदन ने 'बापू' से जुड़ी हर याद को संजोकर रखा

राजसमंद गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. साल 1969 गांधी दर्शन की शुरूआत गांधी सेवा सदन में गांधी जी की जन्म शताब्दी वर्ष में की गई थी. इसका मकसद था कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बारे में युवा और बाल पीढ़ी को अवगत कराना. इसकी शुरूआत आजादी के आंदोलन में मेवाड़ प्रजामंडल के माध्यम से काम करने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय देवेंद्र कुमार कर्णावट ने इसकी स्थापना की.

पढ़ें- वर्धा के सेवाग्राम में आज भी हैं गांधी के संदेश, युवा पीढ़ी के लिए बन रहा आकर्षण

बता दें कि गांधी दर्शन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह, चरखा आंदोलन, स्वदेशी जागरण और अंग्रेजों भारत छोड़ो आंदोलन की विभिन्न घटनाक्रम की जानकारी गांधी दर्शन में दी गई है. इसी प्रकार वर्धा आश्रम की दिनचर्या और नोआखली में बापू के शांति बहाल करने के प्रयास के दिनों को भी दर्शन कराया गया है. गांधी दर्शन के तहत गांधी सेवा सदन में बापू की उन सभी बातों का उल्लेख किया गया जो उनके बाल स्वरूप से लेकर आजादी से जुड़े हुई है.

पढ़ें- यहां था गांधी का 'दूसरा साबरमती' आश्रम

वहीं गांधी विचारक डॉ. महेंद्र कर्णावट का कहना है कि महात्मा गांधी का जीवन एक प्रयोगशाला है. हम उन्हें केवल सत्याग्रही कह दें. यह उनके साथ अन्याय है. क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में प्रयोग किए. वे प्रयोग कोई भी संत महात्मा नहीं कर पाया. उन्होंने अहिंसा-सत्य के बल पर पूरे विश्व को नया संदेश देते हुए भारत को आजादी की राह पर लेकर चले. उन्होंने बताया कि हमारे गौरवशाली भारत देश का महात्मा गांधी पर्यायवाची है. वे कहते हैं कि जब हम विदेश यात्रा पर कहीं जाते हैं. तो हमें लोग भारत के साथ गांधी के साथ पहचानते हैं. उन्होंने बताया कि लगभग 3000 विश्वविद्यालय ऐसे हैं इस विश्व में जो गांधी के दर्शन के ऊपर खोज कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने बताया कि भारत के अंदर राजस्थान के राजसमंद जिले के जिला मुख्यालय पर गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन के माध्यम से बाल पीढ़ी को गांधी के अहिंसा दर्शन से परिचित कराया जा रहा है.

पढ़ें- गांधी ने तिरंगे को यहीं दी थी स्वीकृति

वहीं इनके अलावा आचार्य कुल राजस्थान उपाध्यक्ष दिनेश श्रीमाली का कहना है कि गांधी दर्शन को महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. यहां गांधी जी के जन्म से लेकर पूरे जीवन का दर्शन है. उनकी सभी यादों को गांधी दर्शन के माध्यम से समझा और देखा जा सकता है. इसके माध्यम से बाल पीढ़ी और युवा पीढ़ी को गांधी के विचार दर्शन के माध्यम से सत्य और अहिंसा के माध्यम से शांतिपूर्ण और मजबूत देश का निर्माण हो सकें. वहीं उन्होंने बताया कि गांधी दर्शन में गांधी जी द्वारा कहे गए विभिन्न विचारों को भी सम्मिलित किया गया है.

Intro:राजसमंद- इस साल महात्मा गांधी की 150वीं जयंती पूरे विश्व में मनाई जा रही है. इस अवसर पर ईटीवी भारत भी 2 अक्टूबर तक हर दिन उनके जीवन से जुड़ी अलग-अलग पहलुओं पर चर्चा कर रहा है. महात्मा गांधी जिन्होंने सदैव सत्य और अहिंसा के बल पर अंग्रेजों के दमनकारी शासन से भारत को मुक्ति दिलाई 1857 के बाद भारतीयों में एक अवधारणा पड़ गई. कि अंग्रेज अजय है. इन्हें हराया नहीं जा सकता 562 राजाओं की सेना होने के बावजूद भी राजाओं ने अधीनता स्वीकार कर ली केवल एक सोचने कि अंग्रेज अजय हैं. इन्हें हराया नहीं जा सकता.महात्मा गांधी जैसे व्यक्तित्व ने भारतीयों को यह विश्वास दिलाया कि यह देश अंग्रेजों की गुलामी से आजाद हो सकता है. और लोगों ने उन पर विश्वास भी किया और बिना युद्ध किए 1947 को हमें आजादी प्राप्त हुई. जहां एक और महात्मा गांधी ने पूरे विश्व में सत्य और अहिंसा का पाठ पढ़ाया तो वहीं दूसरी तरफ ईटीवी भारत भी इस वर्ष महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर आपको राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सत्य और अहिंसा और सद्भावना को युवा और बाल पीढ़ी का संदेश देता राजसमंद का गांधी दर्शन


Body:के बारे में बताने जा रहा है. राजसमंद जिला मुख्यालय पर स्थित गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है.1969 गांधी दर्शन की शुरुआत गांधी सेवा सदन में गांधी जी की जन्म शताब्दी वर्ष मैं इसकी स्थापना की गई. इसका मकसद था.कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी बारे में युवा और बाल पीढ़ी को अवगत कराना. इसकी शुरुआत आजादी के आंदोलन में मेवाड़ प्रजामंडल के माध्यम से काम करने वाले स्वतंत्रता सेनानी स्वर्गीय देवेंद्र कुमार कर्णावत ने इसकी स्थापना की. आपको बता दें कि गांधी दर्शन में महात्मा गांधी के नेतृत्व में नमक सत्याग्रह,चरखा आंदोलन,स्वदेशी जागरण, और अंग्रेज भारत छोड़ो आंदोलन की विभिन्न घटनाक्रम की जानकारी गांधी दर्शन मैं दी गई है.इसी प्रकार वर्धा आश्रम की दिनचर्या और नोआखली मैं बापू के शांति बहाल करने के प्रयास की दिन दर्शन कराया गया है. गांधी दर्शन के तहत गांधी सेवा सदन में बापू की उन सभी बातों का उल्लेख किया गया है. और उन्हें प्रदर्शित किया गया है. जिनमें उनके बाल स्वरूप से लेकर आजादी से जुड़े हुए छोटी-छोटी बातों को भी गांधी दर्शन में दिखाया गया है. वही गांधी विचारक डॉ महेंद्र कर्णावत का कहना है.कि महात्मा गांधी का जीवन एक प्रयोगशाला है. हम उन्हें केवल सत्याग्रही कह दे. यह उनके साथ अन्याय है.क्योंकि उन्होंने अपने जीवन में प्रयोग किए. वे प्रयोग कोई भी संत महात्मा नहीं कर पाया. वे इस काल के अकाल पुरुष थे.जिन्होंने अहिंसा सत्य के बल पर पूरे विश्व को नया संदेश देते हुए. भारत को आजादी की राह पर चले उन्होंने बताया कि हमारे गौरवशाली भारत देश को पर्यायवाची है. महात्मा गांधी है.वे कहते हैं कि जब हम विदेश यात्रा पर कहीं जाते हैं.तो हमें लोग भारत के साथ गांधी के साथ पहचानते हैं. महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा अपरिग्रह है. कि जो खोज किए. वह प्रयोग आज पूरे विश्व के अंदर फेल रहा है. उन्होंने बताया कि लगभग 3000 विश्वविद्यालय ऐसे हैं. इस विश्व में जो गांधी के दर्शन के ऊपर खोज कर रहे हैं. हमारे अपने भारत के अंदर राजस्थान के राजसमंद जिले के जिला मुख्यालय पर गांधी सेवा सदन में गांधी दर्शन के माध्यम से राजसमंद जिले की बाल पीढ़ी को गांधी के अहिंसा दर्शन से परिचित कराया जा रहा है.


Conclusion:वहीं इनके अलावा आचार्यकुल राजस्थान उपाध्यक्ष श्रीमाली का कहना है. कि गांधी दर्शन जो अपने आप में काफी महत्वपूर्ण ख्याति कही जा सकती है. गांधी जी का जन्म से लेकर गांधी जी का जो पूरा जीवन दर्शन रहा. उनकी सभी यादों को गांधी दर्शन के माध्यम से समझा और देखा जा सकता है. इसके माध्यम से बाल पीढ़ी और युवा पीढ़ी को गांधी के विचार दर्शन के माध्यम से सत्य और अहिंसा के माध्यम से शांतिपूर्ण और मजबूत देश का निर्माण हो सके. सभ्य समाज की परिकल्पना को ऐसे साकार कर सकें. उस दिशा में गांधी दर्शन जो है.काफी महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रहा है. वही पूरी गांधी दर्शन मैं गांधी जी द्वारा कहे गए विभिन्न विचारों को भी सम्मिलित किया गया है. वहीं उनकी मुख्य पुस्तकों को भी इस गांधी दर्शन में प्रदर्शित किया गया है.
बाइट -डॉ महेंद्र कर्णावत मंत्री गांधी सेवा सदन गांधी विचारक
बाइट -दिनेश श्रीमाली आचार्यकुल राजस्थान उपाध्याय
Last Updated : Sep 30, 2019, 9:14 AM IST
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