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राजसमंद: जिला स्तरीय विवाद निपटान समिति की बैठक हुई आयोजित - राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014

राजसमंद में शनिवार को जिला स्तरीय विवाद निपटान समिति और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 और 2019 की स्क्रीनिंग समिति की बैठक आयोजित हुई. जिसकी अध्यक्षता जिला कलेक्टर ने की.

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राजसमंद में जिला स्तरीय विवाद निपटान समिति की बैठक
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Published : Oct 24, 2020, 2:45 PM IST

राजसमंद. जिले में जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विवाद निपटान समिति, जिला निर्यात संवद्र्वन परिषद और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 व 2019 की स्क्रीनिंग समिति की बैठक का आयोजन हुआ. यह आयोजन जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया.

बैठक में नवीन औद्योगिक क्षेत्र बग्गड़ की प्रगति की समीक्षा के साथ कुरज-खण्डेल में नवीन रिको औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के प्रयास त्वरित करने के निर्देश दिए गए. बैठक में उन्होंने बिजली विभाग से लोड घटाने और बढ़ाने की फाइलों का तय समयावधि में निस्तारण नहीं होने को गंभीरता से लिया.

साथ ही निर्धारित समयावधि में निस्तारण करने व नवीन डम्पिंग यार्ड के लिए भूमि आंवटन के लिए अध्यक्ष की ओर से औद्योगिक संघों को प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए. ताकि भविष्य में अवैध स्लरी डम्पिंग की समस्या का निराकरण हो सके. समिति के सदस्य सचिव व जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सहीराम विश्नोई की ओर से भारत सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर के लिए किए जा रहे नवाचारों व नवीन योजना की जानकारी दी.

साथ ही उन्होंने एमएसएमई के लंबित भुगतान के प्रकरणों का निपटान करने के लिए जिला उद्योग केंद्र, उदयपुर में नवीन सुविधा परिषद की स्थापना, उद्योगों को श्रमिकों की आपूर्ति कराने के लिए राजकौशल पोर्टल, एनपीए खातों के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए सबऑर्डिनेट डेट स्कीम, उद्योग मित्र पोर्टल व कलस्टर डवलपमेंट योजना की जानकारी दी. बता दें कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत जिले को पहाड़ी क्षेत्र घोषित करने पर नवीन निवेश करने वाली ईकाइयां कुल सात वर्ष की अवधि में पात्र विनियोजन का अधिकतम 125 प्रतिषत तक अनुदान प्राप्त कर सकेंगी.

पढ़ें: जयपुर में 'उचित दूरी मास्क जरूरी' अभियान का आगाज, मतदान कर्मियों के लिए बांटे गए 20 हजार मास्क

साथ ही रिप्स- 2019 में स्टाम्प शुल्क, भू-रूपान्तरण शुल्क, भूमि कर, बिजली ड्यूटी व मंडी शुल्क में 100 फीसदी छूट प्रदान की जा रही है. वहीं एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले से नेचुरल स्टोन के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिला निर्यात संवद्र्वन समिति की बैठक में जिले का एक्शन प्लान बनाने व कलस्टर एप्रोच के तहत नवीन तकनीकी को अपनाकर नए उद्योगों की स्थापना की चर्चा की गई.

साथ ही एमएसएमई मत्रांलय भारत सरकार की ओर से एमएसएमई की परिभाषा में परिवर्तन कर सभी विद्यमान व नवीन उद्योगों का उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है. जानकारी अनुसार पूर्व में इकाइयों को जारी उद्योग आधार अन्य रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2021 से निरस्त हो जाएंगे. औद्योगिक संघों को सभी इकाइयों का पुनः पंजीयन कराने के निर्देश प्रदान किए गए हैं. बैठक में जिला स्तरीय समिति के सदस्य हरि सिंह राठौड़, शांतिलाल कोठारी, पुष्पेन्द्र कावडिया, वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.

राजसमंद. जिले में जिला कलेक्टर अरविंद कुमार पोसवाल की अध्यक्षता में जिला स्तरीय विवाद निपटान समिति, जिला निर्यात संवद्र्वन परिषद और राजस्थान निवेश प्रोत्साहन योजना-2014 व 2019 की स्क्रीनिंग समिति की बैठक का आयोजन हुआ. यह आयोजन जिला कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित किया गया.

बैठक में नवीन औद्योगिक क्षेत्र बग्गड़ की प्रगति की समीक्षा के साथ कुरज-खण्डेल में नवीन रिको औद्योगिक क्षेत्र की स्थापना के प्रयास त्वरित करने के निर्देश दिए गए. बैठक में उन्होंने बिजली विभाग से लोड घटाने और बढ़ाने की फाइलों का तय समयावधि में निस्तारण नहीं होने को गंभीरता से लिया.

साथ ही निर्धारित समयावधि में निस्तारण करने व नवीन डम्पिंग यार्ड के लिए भूमि आंवटन के लिए अध्यक्ष की ओर से औद्योगिक संघों को प्रस्ताव भिजवाने के निर्देश दिए. ताकि भविष्य में अवैध स्लरी डम्पिंग की समस्या का निराकरण हो सके. समिति के सदस्य सचिव व जिला उद्योग केंद्र के महाप्रबंधक सहीराम विश्नोई की ओर से भारत सरकार व राजस्थान सरकार द्वारा एमएसएमई सेक्टर के लिए किए जा रहे नवाचारों व नवीन योजना की जानकारी दी.

साथ ही उन्होंने एमएसएमई के लंबित भुगतान के प्रकरणों का निपटान करने के लिए जिला उद्योग केंद्र, उदयपुर में नवीन सुविधा परिषद की स्थापना, उद्योगों को श्रमिकों की आपूर्ति कराने के लिए राजकौशल पोर्टल, एनपीए खातों के रिस्ट्रक्चरिंग के लिए सबऑर्डिनेट डेट स्कीम, उद्योग मित्र पोर्टल व कलस्टर डवलपमेंट योजना की जानकारी दी. बता दें कि राजस्थान निवेश प्रोत्साहन स्कीम-2019 के तहत जिले को पहाड़ी क्षेत्र घोषित करने पर नवीन निवेश करने वाली ईकाइयां कुल सात वर्ष की अवधि में पात्र विनियोजन का अधिकतम 125 प्रतिषत तक अनुदान प्राप्त कर सकेंगी.

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साथ ही रिप्स- 2019 में स्टाम्प शुल्क, भू-रूपान्तरण शुल्क, भूमि कर, बिजली ड्यूटी व मंडी शुल्क में 100 फीसदी छूट प्रदान की जा रही है. वहीं एक जिला एक उत्पाद योजना के तहत जिले से नेचुरल स्टोन के निर्यात को बढ़ावा देने के लिए जिला निर्यात संवद्र्वन समिति की बैठक में जिले का एक्शन प्लान बनाने व कलस्टर एप्रोच के तहत नवीन तकनीकी को अपनाकर नए उद्योगों की स्थापना की चर्चा की गई.

साथ ही एमएसएमई मत्रांलय भारत सरकार की ओर से एमएसएमई की परिभाषा में परिवर्तन कर सभी विद्यमान व नवीन उद्योगों का उद्यम रजिस्ट्रेशन पोर्टल पर पंजीकरण अनिवार्य कर दिया है. जानकारी अनुसार पूर्व में इकाइयों को जारी उद्योग आधार अन्य रजिस्ट्रेशन 31 मार्च 2021 से निरस्त हो जाएंगे. औद्योगिक संघों को सभी इकाइयों का पुनः पंजीयन कराने के निर्देश प्रदान किए गए हैं. बैठक में जिला स्तरीय समिति के सदस्य हरि सिंह राठौड़, शांतिलाल कोठारी, पुष्पेन्द्र कावडिया, वाणिज्य कर विभाग के अधिकारी उपस्थित रहे.

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