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एसआरके कॉलेज में ABVP प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर बढ़ा विवाद - छात्रसंघ चुनाव 2019 राजसमंद

राजसमंद के एसआरके कॉलेज में एबीवीपी प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने के बाद विवाद बढ़ गया है. शुक्रवार को एनएसयूआई की ओर से लगाई गई आपत्ति पर जांच गई. जांच के बाद महाविद्यालय प्रशासन की ओर से नामांकन रद्द करने के आदेश जारी किए गए. नामांकन रद्द होने के बाद एबीवीपी से अध्यक्ष पद के प्रत्याशी गणपत सिंह ने इस कार्रवाई को राजनीति से प्रेरित बताया है.

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Published : Aug 24, 2019, 11:03 PM IST

राजसमंद. एसआरके कॉलेज में एबीवीपी प्रत्याशी गणपत सिंह के नामांकन पर एनएसयूआई द्वारा लगाई गई आपत्ती पर शनिवार को जांच के बाद नामांकन रद्द कर दिया गया. नामांकन रद्द के होने के बाद नाराज एबीवीपी के कार्यकर्ता कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गए. विवाद इतना गहरा गया कि दोनों छात्र संगठन आमने-सामने हो गए.

ABVP प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर बढ़ा विवाद

दरअसल 23 अगस्त को छात्र संगठन एनएसयूआई ने एबीवीपी के अध्यक्ष पद पर भरे गए गणपत सिंह चौहान के नामांकन पत्र पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कॉलेज चुनाव पर्यवेक्षक को आपत्ति दर्ज करवाई थी. जिस पर शनिवार सुबह से ही कॉलेज में आपत्ति पर सुनवाई चल रही थी. लेकिन जहां इस दौरान कैंपस के मुख्य गेट पर दोनों ही एबीवीपी ने हंगामा कर दिया. 4 घंटों तक चली नामांकन जांच प्रक्रिया के दौरान कई बार छात्र गुट आमने सामने दिखे.

पढ़ेंः तीन बार तलाक का दंश झेल चुकी महिला, न्याय के लिए दर-दर की ठोकरें खाने को मजबूर

एक समय तो ऐसी स्थिति बनी थी कि दोनों ही छात्र गुटों में धक्का-मुक्की की नौबत आ गई. ऐसे में वहां तैनात पुलिस टीम को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाना पड़ा. लेकिन देर शाम तक चली जांच प्रक्रिया के बाद कॉलेज प्रशासन द्वारा महाविद्यालय के मुख्य गेट पर एक सूचना चस्पा की गई. जिसमें यह लिखा था कि महाविद्यालय में आयुक्तालय द्वारा जारी निर्धारित कार्यक्रम अनुसार के अनुसार ही छात्र संघ चुनाव संपादित करवाए जाएंगे. इस सूचना को लगते ही एबीवीपी छात्र संगठनों ने मान लिया कि एनएसयूआई द्वारा लगाई गई आपत्ति खारिज हो गई है. और सभी सीटों पर चुनाव लड़ना है.

लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ तब आया. जब वहां से छात्रों की भीड़ हटने के बाद कॉलेज के प्राचार्य रचना तैलंग ने जांच समाप्त होने के कुछ देर बाद एबीवीपी के अध्यक्ष पद प्रत्याशी गणपत सिंह चौहान का नामांकन रद्द करने की लिखित सूचना जारी कर दी. जिसके बाद विवाद और बढ़ गया. नामांकन रद्द होने के बाद एबीवीपी के घोषित प्रत्याशी गणपत सिंह ने आरोप लगाया कि जब नामांकन की जांच चल रही थी. उस दौरान मेरे साथ मेरे दो सहयोगी और भी उपस्थित थे. वहीं एनएसयूआई के भी सदस्य उपस्थित थे. जांच पूर्ण होने के बाद जब हमने पैनल में बैठे अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि आप लोग जाइए और चुनाव की तैयारियां करें.

पढ़ेंः राजस्थान, गुजरात और मध्य प्रदेश की सीमाएं की गई सील...खुफिया एजेंसियों से मिले थे इनपुट

गणपत सिंह ने बताया कि जब हम घर पहुंचे उसके बाद यह नामांकन रद्द होने की सूचना जारी की. उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित है. और प्रदेश सरकार के दबाव में कॉलेज प्रशासन के आदेश को पलटा है. लेकिन इस पूरे मामले में एक बात गौर करने वाली है. कि कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी दो आदेश में से एक आदेश में कॉलेज प्राचार्य के हस्ताक्षर के साथ एसआरके कॉलेज के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमन बडोला का हस्ताक्षर हैं. लेकिन नामांकन निरस्त वाले आदेश में सिर्फ प्राचार्य के ही हस्ताक्षर हैं.

राजसमंद. एसआरके कॉलेज में एबीवीपी प्रत्याशी गणपत सिंह के नामांकन पर एनएसयूआई द्वारा लगाई गई आपत्ती पर शनिवार को जांच के बाद नामांकन रद्द कर दिया गया. नामांकन रद्द के होने के बाद नाराज एबीवीपी के कार्यकर्ता कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गए. विवाद इतना गहरा गया कि दोनों छात्र संगठन आमने-सामने हो गए.

ABVP प्रत्याशी का नामांकन रद्द होने पर बढ़ा विवाद

दरअसल 23 अगस्त को छात्र संगठन एनएसयूआई ने एबीवीपी के अध्यक्ष पद पर भरे गए गणपत सिंह चौहान के नामांकन पत्र पर गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए कॉलेज चुनाव पर्यवेक्षक को आपत्ति दर्ज करवाई थी. जिस पर शनिवार सुबह से ही कॉलेज में आपत्ति पर सुनवाई चल रही थी. लेकिन जहां इस दौरान कैंपस के मुख्य गेट पर दोनों ही एबीवीपी ने हंगामा कर दिया. 4 घंटों तक चली नामांकन जांच प्रक्रिया के दौरान कई बार छात्र गुट आमने सामने दिखे.

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एक समय तो ऐसी स्थिति बनी थी कि दोनों ही छात्र गुटों में धक्का-मुक्की की नौबत आ गई. ऐसे में वहां तैनात पुलिस टीम को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाना पड़ा. लेकिन देर शाम तक चली जांच प्रक्रिया के बाद कॉलेज प्रशासन द्वारा महाविद्यालय के मुख्य गेट पर एक सूचना चस्पा की गई. जिसमें यह लिखा था कि महाविद्यालय में आयुक्तालय द्वारा जारी निर्धारित कार्यक्रम अनुसार के अनुसार ही छात्र संघ चुनाव संपादित करवाए जाएंगे. इस सूचना को लगते ही एबीवीपी छात्र संगठनों ने मान लिया कि एनएसयूआई द्वारा लगाई गई आपत्ति खारिज हो गई है. और सभी सीटों पर चुनाव लड़ना है.

लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ तब आया. जब वहां से छात्रों की भीड़ हटने के बाद कॉलेज के प्राचार्य रचना तैलंग ने जांच समाप्त होने के कुछ देर बाद एबीवीपी के अध्यक्ष पद प्रत्याशी गणपत सिंह चौहान का नामांकन रद्द करने की लिखित सूचना जारी कर दी. जिसके बाद विवाद और बढ़ गया. नामांकन रद्द होने के बाद एबीवीपी के घोषित प्रत्याशी गणपत सिंह ने आरोप लगाया कि जब नामांकन की जांच चल रही थी. उस दौरान मेरे साथ मेरे दो सहयोगी और भी उपस्थित थे. वहीं एनएसयूआई के भी सदस्य उपस्थित थे. जांच पूर्ण होने के बाद जब हमने पैनल में बैठे अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि आप लोग जाइए और चुनाव की तैयारियां करें.

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गणपत सिंह ने बताया कि जब हम घर पहुंचे उसके बाद यह नामांकन रद्द होने की सूचना जारी की. उन्होंने आरोप लगाया कि यह फैसला कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित है. और प्रदेश सरकार के दबाव में कॉलेज प्रशासन के आदेश को पलटा है. लेकिन इस पूरे मामले में एक बात गौर करने वाली है. कि कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी दो आदेश में से एक आदेश में कॉलेज प्राचार्य के हस्ताक्षर के साथ एसआरके कॉलेज के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमन बडोला का हस्ताक्षर हैं. लेकिन नामांकन निरस्त वाले आदेश में सिर्फ प्राचार्य के ही हस्ताक्षर हैं.

Intro:राजसमंद- राजसमंद के एसआरके कॉलेज में कल से जारी एबीवीपी प्रत्याशी गणपत सिंह के नामांकन पर एनएसयूआई द्वारा लगाई गई. आपत्ती पर आज जांच के बाद नामांकन रद्द कर दिया गया. नामांकन रद्द के बाद एबीवीपी के नाराज छात्र कार्यकर्ता कॉलेज के बाहर धरने पर बैठ गए.23 अगस्त को छात्र संगठन एनएसयूआई ने एबीवीपी के अध्यक्ष पद पर भरे गए गणपत सिंह चौहान के नामांकन पत्र में गड़बड़ी का आरोप लगाते हुए.कॉलेज चुनाव पर्यवेक्षक को आपत्ति दर्ज करवाई थी. जिस पर आज सुबह से ही कॉलेज में आपत्ति पर सुनवाई चल रही थी. लेकिन जहां कॉलेज के अंदर बनाए गए. पैनल चार्ज कर रहा था.


Body:तो वहीं कैंपस के मुख्य गेट पर दोनों ही छात्र संगठनों का हंगामा जारी था. 4 घंटों तक चली नामांकन जांच प्रक्रिया के दौरान कई बार छात्र गुट आमने सामने दिखे. एक समय तो ऐसी स्थिति बनी थी.दोनों ही छात्र गुटों में धक्का-मुक्की की नौबत आ गई. और वहां तैनात पुलिस टीम को हल्का बल प्रयोग कर भीड़ को हटाना पड़ा.लेकिन देर शाम तक चली जांच प्रक्रिया ने उस वक्त एक नया मोड़ ले लिया. जब कॉलेज प्रशासन द्वारा महाविद्यालय के मुख्य गेट पर एक सूचना लगाई गई. जिसमें महाविद्यालय के सभी छात्र छात्राओं को सूचित किया जाता है.कि इस महाविद्यालय में आयुक्तालय द्वारा जारी छात्रसंघ चुनाव 2019 के निर्धारित कार्यक्रम अनुसार छात्र संघ चुनाव संपादित करवाए जाएंगे. इस सूचना को लगते ही एबीवीपी छात्र संगठनों ने मान लिया कि एनएसयूआई द्वारा लगाई गई. आपत्ति खारिज हो गई है.


Conclusion:और सभी सीटों पर चुनाव लड़ना है. लेकिन इस मामले में एक नया मोड़ तब आया. जब वहां से छात्रों की भीड़ हटने के बाद कॉलेज के प्राचार्य रचना तैलंग ने आपत्ती जांच समाप्त होने के कुछ देर बाद एबीवीपी के अध्यक्ष पद प्रत्याशी गणपत सिंह चौहान का नामांकन रद्द करने की लिखित सूचना जारी कर दी. जिसके बाद विवाद और बढ़ गया. और एबीवीपी के प्रत्याशी गणपत सिंह ने आरोप लगाया है. कि जब नामांकन की जांच चल रही थी. उस दौरान मेरे साथ मेरे दो सहयोगी और भी उपस्थित थे. वही एनएसयूआई के भी सदस्य उपस्थित थे.जांच पूर्ण होने के बाद जब हमने पैनल में बैठे अधिकारियों से बात की तो उन्होंने कहा कि आप लोग जाइए और चुनाव की तैयारियां करें.लेकिन जब हम घर पहुंचे उसके बाद सूचना मिलती है.कि आपका नामांकन रद्द कर दिया गया है. जो कहीं ना कहीं राजनीति से प्रेरित है.और प्रदेश सरकार के दबाव में कॉलेज प्रशासन के आदेश का पलटा है.लेकिन इस पूरे मामले में एक बात गौर करने वाली है.कि कॉलेज प्रशासन द्वारा जारी दो आदेश में से एक आदेश में कॉलेज प्राचार्य के हस्ताक्षर के साथ एसआरके कॉलेज के मुख्य निर्वाचन अधिकारी सुमन बडोला का हस्ताक्षर है. लेकिन नामांकन निरस्त वाले आदेश में सिर्फ प्राचार्य के ही हस्ताक्षर है.
बाइट- गणपत सिंह एबीवीपी अध्यक्ष प्रत्याशी
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