प्रतापगढ़. वन विभाग की ओर से तस्करी रोकने के लिए बजरी माफियाओं के खिलाफ लगातार गश्त की जा रही है. इसी क्रम में शनिवार देर रात को धरियावद वन क्षेत्र के पाल पंचायत के वन क्षेत्र में नाकाबंदी कर रहे वन कर्मियों पर बजरी माफिया ने हमला बोल दिया. इस घटना में करीब 10 से 12 वनकर्मी और होमगार्ड के कर्मचारी घायल हुए हैं.
बीट इंचार्ज कमलेश चरपोटा के अनुसार वन क्षेत्र के मांडकला चौकी पर शनिवार रात्रि गश्त के दौरान वहां से गुजर रहे बजरी से भरे ट्रैक्टर को रोका गया. इस दौरान बजरी माफिया ने उन्हें खुद को धरियावद के जग्गू भाई की गैंग का सदस्य बताया. साथ ही ट्रैक्टर को रोकने पर जान से मारने की धमकी देने लगा. बीट इंचार्ज ने बजरी से भरे ट्रैक्टर को जब्त करने का प्रयास किया तो बजरी माफिया ने उनपर हमला कर दिया और वहां से फरार हो गए.
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बंधक बनाया, कपड़े उतारकर की मारपीट : देर रात जब विभाग की टीम ने जंगल में सर्च ऑपरेशन शुरू किया तो बजरी माफिया गैंग के 25 से 30 लोगों ने टीम पर धावा बोल दिया. इस मामले में करीब 10 से 12 वनकर्मी, कर्मचारी और होमगार्ड के जवान घायल हुए हैं. इतना ही नहीं बजरी माफिया ने वनकर्मियों के 4 जवानों को उन्हीं के उड़न दस्ते में बंदी बना लिया. आरोप है कि यहां फारेस्ट कर्मियों के कपड़े उतारकर, उनके साथ मारपीट की गई.
देर रात जंगल में सर्च कर पुलिस की धरियावद टीम ने फॉरेस्ट के इन जवानों को बजरी माफिया से छुड़वाया. इस कार्रवाई के दौरान पुलिस ने एक बजरी माफिया को गिरफ्तार भी किया है. घायलों को जिला चिकित्सालय प्रतापगढ़ लाया गया, जहां इनका उपचार जारी है. घटना की जानकारी के बाद एसीएफ वाईल्डलाइफ सुनील कुमार सिंह भी मौके पर पहुंचे और घायल वनकर्मियों से जानकारी ली. पुलिस ने मामला दर्ज कर अनुसंधान शुरू कर दिया है.