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पाली : एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा सैंकड़ों मरीजों वाला यह अस्पताल

पाली के मारवाड़ जंक्शन में मौजूद सरकारी अस्पताल की हालत बहुत ही दयनीय स्थिति में है. अस्पताल में इलाज के लिए केवल एक डॉक्टर की मौजूदगी खुद इस अस्पताल की कहानी बयां कर देती है.

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अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करते मरीज
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Published : Nov 28, 2019, 7:50 PM IST

मारवाड़ जंक्शन(पाली). उपखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. यहां आस पास के करीब 40 से अधिक गांवों के आने वाले मरीज अपने स्वस्थ होने की उम्मीद से लेकर आते हैं. लेकिन इलाज से पहले उनके हक में केवल एक लंबा इंतजार लिखा होता है.

अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करते मरीज

बीमारी की हालत में इन मरीजों को डॉक्टर से इलाज लेने से पूर्व घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है. यही नहीं कई बार मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा ठीक नहीं होने के कारण चक्कर आने की वजह से लाइन में लगे हुए ही वे नीचे बैठ जाते हैं. वहीं मात्र एक डॉक्टर को सुबह 9 बजे से लगातार 1 बजे तक मरीजों को जांच में बैठा रहना पड़ता है.

मरीजों की तकलीफ को देखते हुए कई बार 1 बजे के बाद भी कई मरीज लाइन में खड़े रहते है तो उनका चेकअप करने के बाद ही डॉक्टर अपने घर जाते है. यहां मात्र एक डॉ एच एस शेखावत ही अपने कक्ष में मरीजों को देख रहे थे जबकि 349 मरीजों की ओपीडी के अलावा डिलीवरी और दुर्घटना में घायल मरीजों को आयुष डॉक्टर सतार इलाज करते नजर आए.

पढ़ें: संविधान की रक्षा किसी व्यक्ति विशेष और किसी दल का कार्य नहीं, यह पूरे देश की जनता का कार्य हैः सचिन पायलट

मारवाड़ जंक्शन में दो चिकित्सक एवं एक आयुष चिकित्सक के साथ एक दंत चिकित्सक की नियुक्ति अस्पताल में है. जहां आयुष डॉक्टर और दंत चिकित्सक के अलावा 2 चिकित्सक में से एक प्रभारी डॉ धीरेंद्र सक्सेना एवं डॉ एसएस शेखावत कार्यरत हैं. इनमें से डॉक्टर सक्सेना को सरकारी कार्यों के तहत निरीक्षण एवं अन्य बैठकों में भाग लेने के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में मात्र एक डॉक्टर शेखावत के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है.

मारवाड़ जंक्शन(पाली). उपखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है. यहां आस पास के करीब 40 से अधिक गांवों के आने वाले मरीज अपने स्वस्थ होने की उम्मीद से लेकर आते हैं. लेकिन इलाज से पहले उनके हक में केवल एक लंबा इंतजार लिखा होता है.

अस्पताल में इलाज के लिए इंतजार करते मरीज

बीमारी की हालत में इन मरीजों को डॉक्टर से इलाज लेने से पूर्व घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है. यही नहीं कई बार मरीजों का स्वास्थ्य ज्यादा ठीक नहीं होने के कारण चक्कर आने की वजह से लाइन में लगे हुए ही वे नीचे बैठ जाते हैं. वहीं मात्र एक डॉक्टर को सुबह 9 बजे से लगातार 1 बजे तक मरीजों को जांच में बैठा रहना पड़ता है.

मरीजों की तकलीफ को देखते हुए कई बार 1 बजे के बाद भी कई मरीज लाइन में खड़े रहते है तो उनका चेकअप करने के बाद ही डॉक्टर अपने घर जाते है. यहां मात्र एक डॉ एच एस शेखावत ही अपने कक्ष में मरीजों को देख रहे थे जबकि 349 मरीजों की ओपीडी के अलावा डिलीवरी और दुर्घटना में घायल मरीजों को आयुष डॉक्टर सतार इलाज करते नजर आए.

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मारवाड़ जंक्शन में दो चिकित्सक एवं एक आयुष चिकित्सक के साथ एक दंत चिकित्सक की नियुक्ति अस्पताल में है. जहां आयुष डॉक्टर और दंत चिकित्सक के अलावा 2 चिकित्सक में से एक प्रभारी डॉ धीरेंद्र सक्सेना एवं डॉ एसएस शेखावत कार्यरत हैं. इनमें से डॉक्टर सक्सेना को सरकारी कार्यों के तहत निरीक्षण एवं अन्य बैठकों में भाग लेने के लिए जाना पड़ता है. ऐसे में मात्र एक डॉक्टर शेखावत के भरोसे ही अस्पताल चल रहा है.

Intro:Body:मारवाड़ जंक्शन
मुकेश सौलँकी


इलाज को तरसते मरीज,मारवाड़ जंक्शन के मरीजों के साथ अस्पताल की भी हालत खराब

मारवाड़ जंक्शन

उपखंड का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल मात्र एक डॉक्टर के भरोसे चल रहा है यहां लगभग आस पास के 40 से अधिक गांवों से आने वाले मरीज अपने स्वस्थ होने की उम्मीद से यहां आते हैं लेकिन बीमारी की हालत में इन मरीजों को डॉक्टर से इलाज लेने से पूर्व घंटों लाइन में इंतजार करना पड़ता है यही नहीं कई बार मरीजो का स्वास्थ्य ज्यादा ठीक नहीं होने के कारण चक्कर आने की वजह से लाइन में लगे हुए ही नीचे बैठ जाते हैं वहीं मात्र एक डॉक्टर को सुबह 9:00 से लगातार 1:00 बजे तक मरीजों की जांच में बैठा रहना पड़ता है साथ ही कई बार 1:00 बजे के बाद भी कई मरीज लाइन में खड़े रहते हैं जिन्हें चेकअप करने के बाद ही डॉक्टर अपने घर जाते हैं यहां मात्र एक डॉ एच एस शेखावत ही अपने कक्ष में मरीजों को देख रहे थे जबकि 349 मरीजों की ओपीडी के अलावा डिलीवरी और दुर्घटना में घायल मरीजों को आयुष डॉक्टर सतार इलाज करते नजर आए मारवाड़ जंक्शन किस साल में दो चिकित्सक एवं एक आयुष चिकित्सक के साथ एक दंत चिकित्सक की नियुक्ति हैं यहां आयुष डॉक्टर और दंत चिकित्सक के अलावा 2 चिकित्सक में से एक प्रभारी डॉ धीरेंद्र सक्सेना एवं डॉ एसएस शेखावत कार्यरत हैं इनमें से डॉक्टर सक्सेना सरकारी कार्यों निरीक्षण एवं अन्य बैठकों में भाग लेने के लिए जाना पड़ता है ऐसे में मात्र एक डॉक्टर शेखावत के भरोसे ही चल रहा है

*मारवाड़ जंक्शन मैं एक डॉक्टर के भरोसे डिलीवरी वार्ड ओपीडी भर्ती वार्ड एवं आपातकालीन सुविधा चिकित्सालय के हालात ये हैं* कि यहां पूरे क्षेत्र में होने वाली दुर्घटनाएं डिलीवरी में आने वाले मरीजों के अलावा ओपीडी और भर्ती वार्ड के मरीजों को भी मात्र एक चिकित्सक ही देख रहे हैं यहां इस अस्पताल के मरीजों को लेकर ना तो कोई जनप्रतिनिधि ध्यान देते हैं और ना ही कोई अधिकारी कहा जा सकता है कि इस अस्पताल की सुविधाएं भगवान भरोसे ही चल रही है ।।

बाइट डॉ धीरेंद्र सक्सेनाConclusion:
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