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स्पेशल रिपोर्ट: भ्रूण जांच के नाम पर ठग रहे लोग...सामने आ रहा समाज का 'काला' चेहरा

पाली में इन दिनों नकली लिंग जांच का गोरखधंधा अपने पैर पसार रहा है. बेटे की चाहत रखने वाले लोग इस गिरोह का शिकार बन रहे है और मोटी रकम से ठगे जा रहे है. पाली चिकित्सा विभाग की PCPNDT टीम के सामने ऐसे कई मामले सामने आए. जिसमें लोग नकली भ्रूण जांच का शिकार हुए है. देखिए स्पेशल रिपोर्ट..

gender tests gang in pali, पाली में नकली लिंग जांच
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Published : Oct 1, 2019, 8:58 PM IST

पाली. जिले में पीसीपीएनडीटी की ओर से सख्ती बरतने के बाद में जिले में कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं पर तो पूरी तरह से अंकुश लग चुका है. लेकिन फिर भी समाज के एक कोने में आज भी महिलाओं के पेट में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण कराने जैसी बातें उभर कर सामने आ रही है. हालांकि इस तरह की घटनाओं के बाद चिकित्सा विभाग के सामने समाज का बेटा-बेटी के बीच के भेदभाव का एक घिनौना चेहरा भी सामने आया है.

पाली में नकली लिंग जांच का गोरखधंधे पर देखिए स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल, लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर कई लोगों ने नकली भ्रूण जांच को अपना गोरखधंधा बना लिया है. लोगों को भ्रूण जांच के नाम पर चूना लगाने के लिए पाली में कई लोगों ने अपने गिरोह खड़े कर दिए हैं. पाली चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम के सामने ऐसे कई मामले सामने आए. जिसमें लोग भ्रूण जांच के नाम पर ठगी की चुकी हैं. लेकिन इन सभी के बीच चिकित्सा विभाग पूरी तरह निश्चित है कि पाली में किसी भी प्रकार से भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत

गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की ओर से पाली में पिछले 2 सालों में कई ऐसे कई डिकोय ऑपरेशन किए गए. जिनकी सूचना आम जनता ने ही चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी सेल को दी थी. चिकित्सा विभाग की ओर से 2 साल में कई कार्रवाई की गई है. इन सभी कार्रवाई में से ज्यादातर में सभी में लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले ही सामने आए. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से डिकॉय को अंतिम स्तर तक ले जाया गया. लेकिन अंत में पता चला कि उस किसी भी स्थान पर भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नहीं होती और ना ही उनके पास किसी तरह की सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है.

ऐसे गिरोह या तो ग्रामीण लोगों या लोगों की बेटे को लेकर चाहत को ही पैसे इतने का जरिया बनाते है. पाली पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से जयपुर स्थित सेल के थाने में मामले दर्ज करवाए जा चुके है. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पाली जिले में 71 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्टर्ड करवाएं हुए हैं. वर्तमान में पाली में 39 सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहे हैं. वही 25 सोनोग्राफी सेंटर अलग-अलग कमियों के कारण बंद किए जा चुके हैं.

पढ़ें- पाली: इस वर्ष हेमावास से किसानों को सिंचाई के लिए मिल सकेगा 1625 एमसीएफटी पानी

वहीं पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से चार सोनोग्राफी सेंटर पर दर्ज कराएं मामलों के तहत चार कोर्ट केस चल रहे हैं. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाली में ज्यादातर धोखाधड़ी भ्रूण जांच के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के लोग आवश्यक लोगों को राजस्थान और गुजरात की सीमा पर लेकर जाते हैं. वहां पर भ्रूण जांच के नाम पर मजबूरन लोगों से अच्छे खासे पैसे ऐंठ कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं.

पहला मामला
सेल द्वारा किया गए डिकोय के अनुसार किसी सूत्र से एक दलाल द्वारा भ्रूण जांच करने के लिए मध्यस्तता की सूचना मिली थी. टीम तैयार हुई. दलाल के साथ जांच से लेकर गर्भपात के पैसे तय हुए. दलाल उन्हें राजस्थान व गुजरात की बॉर्डर पर लेकर गए. जब टीम मौके पर पहुंची तो वहां कुछ भी नहीं मिला. जिससे भ्रूण की जांच हो सकें. इसके चलते टीम ने उन आरोपियों के खिलाफ जयपुर स्थित पीसीपीएनडीटी थाने में मामला दर्ज करवाया.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : सांचौर का एक ऐसा स्कूल जहां पढ़ने से पहले पानी की करनी पड़ती है व्यवस्था

दूसरा मामला
सेल की ओर से एक ज्वाइंट डिकोय सीकर में किया गया था. वह दलाल के साथ सभी डील होने के बाद नियत स्थान पर पहुंचे. लेकिन टीम को वहां वाशिंग मशीन के पाइप के आगे बल्ब लगाकर और लेपटॉप में यूट्यूब पर भ्रूण का वीडियो बनाकर धोखाधड़ी करना पाया गया. ज्यादातर यह लोग जांच में गर्भ में कन्या भ्रूण होना ही बताते थे और भोले भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे.

पाली. जिले में पीसीपीएनडीटी की ओर से सख्ती बरतने के बाद में जिले में कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं पर तो पूरी तरह से अंकुश लग चुका है. लेकिन फिर भी समाज के एक कोने में आज भी महिलाओं के पेट में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण कराने जैसी बातें उभर कर सामने आ रही है. हालांकि इस तरह की घटनाओं के बाद चिकित्सा विभाग के सामने समाज का बेटा-बेटी के बीच के भेदभाव का एक घिनौना चेहरा भी सामने आया है.

पाली में नकली लिंग जांच का गोरखधंधे पर देखिए स्पेशल रिपोर्ट

दरअसल, लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर कई लोगों ने नकली भ्रूण जांच को अपना गोरखधंधा बना लिया है. लोगों को भ्रूण जांच के नाम पर चूना लगाने के लिए पाली में कई लोगों ने अपने गिरोह खड़े कर दिए हैं. पाली चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम के सामने ऐसे कई मामले सामने आए. जिसमें लोग भ्रूण जांच के नाम पर ठगी की चुकी हैं. लेकिन इन सभी के बीच चिकित्सा विभाग पूरी तरह निश्चित है कि पाली में किसी भी प्रकार से भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट: बेटियों को लक्ष्मी तो माना, लेकिन खत्म नहीं हुई पाली में बेटों की चाहत

गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की ओर से पाली में पिछले 2 सालों में कई ऐसे कई डिकोय ऑपरेशन किए गए. जिनकी सूचना आम जनता ने ही चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी सेल को दी थी. चिकित्सा विभाग की ओर से 2 साल में कई कार्रवाई की गई है. इन सभी कार्रवाई में से ज्यादातर में सभी में लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले ही सामने आए. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से डिकॉय को अंतिम स्तर तक ले जाया गया. लेकिन अंत में पता चला कि उस किसी भी स्थान पर भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नहीं होती और ना ही उनके पास किसी तरह की सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है.

ऐसे गिरोह या तो ग्रामीण लोगों या लोगों की बेटे को लेकर चाहत को ही पैसे इतने का जरिया बनाते है. पाली पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से जयपुर स्थित सेल के थाने में मामले दर्ज करवाए जा चुके है. चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पाली जिले में 71 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्टर्ड करवाएं हुए हैं. वर्तमान में पाली में 39 सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहे हैं. वही 25 सोनोग्राफी सेंटर अलग-अलग कमियों के कारण बंद किए जा चुके हैं.

पढ़ें- पाली: इस वर्ष हेमावास से किसानों को सिंचाई के लिए मिल सकेगा 1625 एमसीएफटी पानी

वहीं पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से चार सोनोग्राफी सेंटर पर दर्ज कराएं मामलों के तहत चार कोर्ट केस चल रहे हैं. अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाली में ज्यादातर धोखाधड़ी भ्रूण जांच के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के लोग आवश्यक लोगों को राजस्थान और गुजरात की सीमा पर लेकर जाते हैं. वहां पर भ्रूण जांच के नाम पर मजबूरन लोगों से अच्छे खासे पैसे ऐंठ कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं.

पहला मामला
सेल द्वारा किया गए डिकोय के अनुसार किसी सूत्र से एक दलाल द्वारा भ्रूण जांच करने के लिए मध्यस्तता की सूचना मिली थी. टीम तैयार हुई. दलाल के साथ जांच से लेकर गर्भपात के पैसे तय हुए. दलाल उन्हें राजस्थान व गुजरात की बॉर्डर पर लेकर गए. जब टीम मौके पर पहुंची तो वहां कुछ भी नहीं मिला. जिससे भ्रूण की जांच हो सकें. इसके चलते टीम ने उन आरोपियों के खिलाफ जयपुर स्थित पीसीपीएनडीटी थाने में मामला दर्ज करवाया.

पढ़ें- स्पेशल रिपोर्ट : सांचौर का एक ऐसा स्कूल जहां पढ़ने से पहले पानी की करनी पड़ती है व्यवस्था

दूसरा मामला
सेल की ओर से एक ज्वाइंट डिकोय सीकर में किया गया था. वह दलाल के साथ सभी डील होने के बाद नियत स्थान पर पहुंचे. लेकिन टीम को वहां वाशिंग मशीन के पाइप के आगे बल्ब लगाकर और लेपटॉप में यूट्यूब पर भ्रूण का वीडियो बनाकर धोखाधड़ी करना पाया गया. ज्यादातर यह लोग जांच में गर्भ में कन्या भ्रूण होना ही बताते थे और भोले भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे.

Intro:स्पेशल स्टोरी


पाली. जिले में पीसीपीएनडीटी की ओर से सख्ती बरतने के बाद में पाली जिले में कन्या भ्रूण हत्या जैसी घटनाओं पर पूरी तरह से लगाम लग चुकी है। लेकिन फिर भी समाज के एक कोने में आज भी महिलाओं के पेट में पल रहे भ्रूण का लिंग परीक्षण कराने जैसी बातें उभर कर सामने आ रही है। ऐसे ही लोगों की मजबूरी का फायदा उठाकर कई लोगों ने अपना गोरखधंधा बना लिया है। लोगों को भ्रूण जांच के नाम पर चुना लगाने के लिए पाली में कई लोगों ने अपने गिरोह खड़े कर दिए हैं। पाली चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी टीम के सामने ऐसे कई मामले सामने आए। जिसमें लोग भ्रूण जांच के नाम पर ठगे जा चुके हैं। हालांकि इस कार्रवाई में चिकित्सा विभाग के सामने समाज का बेटा बेटी के बीच के भेदभाव का एक घिनौना चेहरा भी सामने आया है। लेकिन इन सभी के बीच चिकित्सा विभाग पूरी तरह निश्चित है कि पाली में किसी भी प्रकार से भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नहीं हो रही है।


Body:गौरतलब है कि चिकित्सा विभाग की ओर से पाली में पिछले 2 सालों में कई ऐसे कई डिकॉय ऑपरेशन किए गए। जिनकी सूचना आम जनता ने ही चिकित्सा विभाग की पीसीपीएनडीटी सेल को दी थी। चिकित्सा विभाग की ओर से 2 साल में कई कार्रवाई की गई है। इन सभी कार्रवाई में से ज्यादातर में सभी में लोगों के साथ धोखाधड़ी के मामले ही सामने आए। चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से डिकॉय को अंतिम स्तर तक ले जाया गया। लेकिन अंत में पता चला कि उस किसी भी स्थान पर भ्रूण जांच जैसी कोई भी गतिविधि नही होती ओर न ही उनके पास किसी तरह की सोनोग्राफी मशीन उपलब्ध है। ऐसे गिरोग या तो ग्रामीण लोगों या लोगों की बेटे को लेकर चाहत को ही पैसे इतने का जरिया बनाते है। पाली पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से जयपुर स्थित सेल के थाने में मामले दर्ज करवाए जा चुके है।




Conclusion:चिकित्सा विभाग के अधिकारियों की माने तो पाली जिले में 71 सोनोग्राफी सेंटर रजिस्टर्ड करवाएं हुए हैं। वर्तमान में पाली में 39 सोनोग्राफी सेंटर संचालित हो रहे हैं। वही 25 सोनोग्राफी सेंटर अलग-अलग कमियों के कारण बंद किए जा चुके हैं। वही पीसीपीएनडीटी सेल की ओर से चार सोनोग्राफी सेंटर पर दर्ज कराएं मामलों के तहत चार कोर्ट केस चल रहे हैं। अधिकारियों ने यह भी बताया कि पाली में ज्यादातर धोखाधड़ी भ्रूण जांच के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के लोग आवश्यक लोगों को राजस्थान और गुजरात की सीमा पर लेकर जाते हैं। वहां पर भ्रूण जांच के नाम पर मजबूरन लोगों से अच्छे खासे पैसे ऐड कर उनके साथ धोखाधड़ी करते हैं।


पहला मामला

सेल द्वारा किया गए डिकोए के अनुसार किसी सूत्र से एक दलाल द्वारा भ्रूण जांच करने के लिए मध्यस्तता की सूचना मिली थी। टीम तैयार हुई। दलाल के साथ जांच से लेकर गर्भपात के पैसे तय हुए। दलाल उन्हें राजस्थान व गुजरात की बॉर्डर पर लेकर गए। जब टीम मौके पर पहुंची तो वहां कुछ भी नही मिला। जिससे भ्रूण की जांच हो सके। इसके चलते टीम ने उन आरोपियों के खिलाफ जयपुर स्थित पीसीपीएनडीटी थाने में मामला दर्ज करवाया।


दूसरा मामला

सेल की ओर से एक जॉइंट डिकोए सीकर में किया गया था। वह दलाल के साथ सभी डील होने के बाद नियत स्थान पर पहुंचे। लेकिन टीम को वहां वाशिंग मशीन के पाइप के आगे बल्ब लगाकर ओर लेपटॉप में यूट्यूब पर भ्रूण का वीडियो बनाकर धोखाधड़ी करना पाया गया। ज्यादातर यह लोग जांच में गर्भ में कन्या भ्रूण होना ही बताते थे। और भोले भाले लोगों के साथ धोखाधड़ी करते थे।

समाचार में पाली सीएमएचओ डॉ. आरपी मिर्धा की बाईट है।

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