जयपुर: मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने नवीन आपराधिक कानूनों के राजस्थान में क्रियान्वयन और प्रचार-प्रसार के संबंध में गृह विभाग की उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक ली. सोमवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में हुई इस बैठक में सीएम ने कहा कि देश में लागू तीन नवीन कानूनों में सजा की तुलना में न्याय पर अधिक जोर दिया गया है. नए कानून भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम हमारे संविधान की मूल भावना के अनुसार बनाए गए हैं. ये कानून आमजन को शीघ्र एवं सुलभ न्याय प्रदान करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं.
मुख्यमंत्री के कहा कि नवीन आपराधिक विधि में आपराधिक मामले के महत्वपूर्ण चरणों के लिए समय-सीमा निर्धारित की गई है, जिससे पीड़ित को त्वरित न्याय मिल रहा है, साथ ही पीड़ित को अपने साथ हुए अपराध की रिपोर्ट संबंधित क्षेत्र के थाने में दर्ज कराने की बाध्यता से मुक्ति मिली है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार प्रदेश में अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण करने तथा जनता को भयमुक्त माहौल उपलब्ध कराने के लिए प्रतिबद्ध है. कानून व्यवस्था को सुदृढ़ करने साथ ही नए कानूनों को लागू करने में आवश्यक संसाधनों की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी.
नए कानूनों का राजस्थान में हो रहा प्रभावी क्रियान्वयन : मुख्यमंत्री ने कहा कि नए कानूनों का प्रदेश में प्रभावी रूप से क्रियान्वयन किया जा रहा है और इनके प्रचार-प्रसार में राजस्थान देश का अग्रणी राज्य है. आमजन को इनकी जानकारी देने के लिए राज्य सरकार कई कदम उठा रही है. राज्य की 11 हजार से अधिक ग्राम पंचायतों में विशेष ग्राम सभाओं के माध्यम से नए कानूनों की जानकारी दी गई है. साथ ही, प्रदेश में महिला एवं बाल सुरक्षा संबंधी प्रावधानों के बारे में पुस्तकें तैयार करवाकर वितरित की गई है. राजस्थान पुलिस की राजकॉप एप्लीकेशन में भी नए कानूनों के संबंध में जानकारी उपलब्ध कराई गई है.
इसके अतिरिक्त सोशल मीडिया तथा पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से इनका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जा रहा है. सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि नए कानूनों के बारे में पुलिस के अनुसंधान अधिकारियों को समुचित प्रशिक्षण देने के साथ ही उन्हें स्व अध्यनन के लिए बुकलेट भी वितरित की जाए. प्रदेश के उच्च माध्यमिक विद्यालयों एवं महाविद्यालयों में नए कानूनों के संबंध में सामान्य ज्ञान परीक्षा का आयोजन कराया जाए, जिससे युवाओं में इनको लेकर जागरूकता बढ़े.
69 हजार से अधिक कार्मिकों को मिला नए कानूनों का प्रशिक्षण : बैठक में बताया गया कि नए कानूनों को लागू करने के लिए मुख्यालय स्तर पर सात समितियों का गठन किया गया. इन समितियों ने विधिक क्रियान्वयन, प्रक्रिया संशोधन, हितधारकों को प्रशिक्षण, वित्तीय संसाधनों का निर्धारण, फॉरेंसिक दक्षता अभिवृद्धि, डिजिटल अनुसंधान एवं तकनीकी समायोजन जैसे विभिन्न बिंदुओं के आधार पर विस्तृत कार्ययोजना बनायी. पुलिस, कारागार और अभियोजन विभाग एवं विधि विज्ञान प्रयोगशाला के 300 दक्ष कार्मिकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षण दिलाकर इनके माध्यम से अब तक 69 हजार से अधिक पुलिस अधिकारियों एवं कार्मिकों को प्रशिक्षित किया जा चुका है.
भारतीय न्याय संहिता के प्रावधानों के अंतर्गत अब तक लगभग 84 हजार 242 एफआईआर दर्ज की गई हैं. राज्य के सभी कारागृहों के कार्मिकों को प्रशिक्षण दिलाकर 95 कारागृहों में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग की सुविधा उपलब्ध कराई गई है. फॉरेंसिक साइंस लैब (एफएसएल) के सुदृढ़ीकरण हेतु 4.86 करोड़ रुपये की राशि से साइबर फॉरेंसिक यूनिट तथा लगभग 3.72 करोड़ रुपये की लागत से डीएनए यूनिट का निर्माण कराया जा रहा है, साथ ही, नए पदों पर भर्ती की जा रही है.