पाली. प्रदेश ही नहीं देश भर में पाली लोगों की सेवाभाव के लिए जाना जाता है. लेकिन इस बार जिले के भामाशाहों ने जो पहल की वह इस संक्रमण काल के दौरान निश्चित ही सराहनीय है. इसकी पहल की है पाली विधायक ज्ञानचंद पारख ने. विधायक ज्ञानचंद पारिख ने जिले के लोगों को कोरोना संक्रमित मरीजों एवं उनके परिजनों की सेवा के लिए प्रेरित किया. इसका असर भी दिखने लगा है सबसे बड़ी बात यह रही है कि पाली में जो भामाशाह उभर कर आ रहे हैं, वह ज्यादातर कोरोना संक्रमित मरीज ही थे.
खास बात यह है कि इनकी रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद ये दूसरों की जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा भी डोनेट कर रहे हैं और मरीजों के लिए और बेहतर व्यवस्था हो सके इसके लिए आर्थिक सहयोग भी दे रहे हैं. पाली विधायक की ओर से शुरू की गई इस पहल की जानकारी सरकार और अन्य जिलों में पता चली तो सभी जगह विधायक के इस प्रयास की प्रशंसा की गई. ईटीवी भारत ने भी विधायक ज्ञानचंद के इस प्रयास के बारे में बातचीत की.
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पाली में कोरोना संक्रमण काफी तेजी से बढ़ रहा है. जिले में संक्रमण की स्थिति इस प्रकार थी कि सितम्बर में मरीजों को बेड भी उपलब्ध नहीं हो पा रहा था. ऑक्सीजन सिलेंडर की भी कमी होने लगी थी. प्रशासन की चिंता भी बढ़ गई थी. मरीजों के लिए पूरी तरह से व्यवस्था नहीं हो पा रही थी. ऐसे में इस दौरान विधायक ज्ञानचंद पारख ने एक पहल की. इन संक्रमित एवं सीरियस मरीजों की विधायक ज्ञानचंद पारख ने मदद की. उन सभी मरीजों को विधायक ने दूसरे मरीजों की सेवा के लिए आगे आने को प्रेरित किया और विधायक की अपील काफी कारगर साबित हुई.
विधायक की अपील पर पाली के पांच भामाशाहों ने पहले तो लोगों की जान बचाने के लिए अपना प्लाज्मा डोनेट किया. उसके बाद इन सभी ने लाखों रुपए उन मरीजों की सेवा के लिए भी दिए जिन मरीजों के लिए रात-दिन, भोजन एवं अन्य व्यवस्थाओं के लिए संस्थाएं लगातार कार्य कर रही हैं. विधायक ज्ञानचंद पारख ने इस सभी पहल के पीछे उनके कार्यकर्ताओं के योगदान को महत्वपूर्ण बताया. कहा कि कार्यकर्ताओं एवं उनके द्वारा की गई अपील का ही नतीजा है कि पाली में प्रशासन को समस्या आने पर कई लोगों ने मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं.
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सात माह से मरीजों और परिजनों के लिए हो रही भोजन की व्यवस्था
पाली में पिछले 7 माह से संक्रमित मरीजों के आने का दौर लगातार जारी है. पाली के बांगड़ अस्पताल में पाली शहर और अन्य स्थानों से भी संक्रमित मरीज आ रहे हैं. इन सभी की भोजन, नाश्ते की व्यवस्था स्थानीय विधायक की अपील पर भामाशाहों की ओर से की जा रही है. 7 माह से कोरोना संक्रमित वार्ड में सुबह नाश्ता, दिन में खाना, शाम को नाश्ता और रात का खाना भामाशाह के सहयोग से हो रहा है.
आगे भी जारी रहेगा सेवा का सिलसिला
ईटीवी भारत ने भामाशाहों से बात की तो उन सभी ने कहा कि कोरोना महामारी से लोगों को बचाने के लिए हर संभव प्रयास हम करेंगे. उन्होंने कहा कि संक्रमण का दौर देखा है और मरीजों की समस्या भी वे समझते हैं. ऐसे में मरीजों को किसी प्रकार की समस्या का सामना न करना पड़े, इसके लिए वह प्रयासरत रहेंगे.