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Special: 'भामाशाहों की नगरी' में गरीबों के लिए वरदान साबित हो रही शोभा मंडल की मुहिम, मुफ्त में आंखों का इलाज - राजस्थान न्यूज

पाली की शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आंखों को रोशन करने का बीड़ा उठाया है. संस्था की ओर से हर गुरुवार को पाली में जरूरतमंदों के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है. शिविर में आंखों की जांच की जाती है और आवश्यकता होने पर ऑपरेशन भी किया जाता है, ये सब मुफ्त होता है.... पढे़ं- विस्तृत खबर....

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एक दिन में होता है 30 लोगों की आंखों का ऑपरेशन
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Published : Feb 1, 2020, 1:08 PM IST

पाली (राजस्थान). पाली को 'भामाशाहों की नगरी' भी कहा जाता है. पाली को ये नाम इसलिए मिला है, क्योंकि यहां के भामाशाह गरीब और लाचार लोगों के लिए कई कल्याणकारी काम करते हैं.

लोक कल्याण की इसी गाथा को आगे बढ़ा रही है पाली की शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था. इस संस्था ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आंखों को रोशन करने का बीड़ा उठाया है.

एक दिन में होता है 30 लोगों की आंखों का ऑपरेशन

प्रत्येक गुरुवार को लगाया जाता है शिविर....

पाली में सामाजिक सेवा संस्था की ओर से हर गुरुवार को जरूरतमंदों के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है. शिविर में आंखों की जांच की जाती है और आवश्यकता होने पर ऑपरेशन भी किया जाता है.

यह भी पढ़ेंः Special: खंडहर में तब्दील हो रहा 82 लाख खर्च कर बनाया गया हॉस्टल, 7 साल में एक भी एडमिशन नहीं

मुफ्त में आंखों का इलाज....

एक सामान्य निजी अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के लिए 10,000 से 15,000 तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन, सेवा मंडल सामाजिक सेवा संस्था इस ऑपरेशन के लिए एक रुपया भी लोगों से नहीं लेती. संस्था द्वारा लोगों को मुफ्त जांच सुविधा मुहैया करवाई जाती है और दवा भी दी जाती है.

मुफ्त में ही आंखों का ऑपरेशन भी किया जाता है. इतना ही नहीं लोगों के आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी संस्था द्वारा ही की जाती है. मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था भी संस्था ही करती है.

प्रदेशभर के लोग उठा रहे लाभ....

संस्था द्वारा आयोजित शिविर में प्रदेशभर के लोग आते हैं. सबसे ज्यादा लोग पाली, जालौर, सिरोही, जोधपुर, राजसमंद और अजमेर जिले के होते हैं.

सरकारी नियम के चलते प्रतिदिन 30 ऑपरेशन....

वैसे तो संस्था के पास प्रतिदिन 200 से 300 लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन सरकारी नियम के तहत प्रतिदिन 30 लोगों का ही ऑपरेशन किया जा सकता है. संस्था द्वारा योग्य चिकित्सकों की व्यवस्था की जाती है जो लोगों का उचित इलाज करते हैं.

1964 में हुई थी संस्था की स्थापना....

शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था की स्थापना साल 1964 में हुई थी. तब से लेकर यह संस्था विभिन्न माध्यमों के जरिए लोककल्याण के काम करती आ रही है. संस्था ने साल 2018 में मोतियाबिंद के 1819 ऑपरेशन किए थे. वहीं साल 2019 में यह आंकड़ा 2133 तक पहुंच गया.

पाली (राजस्थान). पाली को 'भामाशाहों की नगरी' भी कहा जाता है. पाली को ये नाम इसलिए मिला है, क्योंकि यहां के भामाशाह गरीब और लाचार लोगों के लिए कई कल्याणकारी काम करते हैं.

लोक कल्याण की इसी गाथा को आगे बढ़ा रही है पाली की शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था. इस संस्था ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आंखों को रोशन करने का बीड़ा उठाया है.

एक दिन में होता है 30 लोगों की आंखों का ऑपरेशन

प्रत्येक गुरुवार को लगाया जाता है शिविर....

पाली में सामाजिक सेवा संस्था की ओर से हर गुरुवार को जरूरतमंदों के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है. शिविर में आंखों की जांच की जाती है और आवश्यकता होने पर ऑपरेशन भी किया जाता है.

यह भी पढ़ेंः Special: खंडहर में तब्दील हो रहा 82 लाख खर्च कर बनाया गया हॉस्टल, 7 साल में एक भी एडमिशन नहीं

मुफ्त में आंखों का इलाज....

एक सामान्य निजी अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के लिए 10,000 से 15,000 तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन, सेवा मंडल सामाजिक सेवा संस्था इस ऑपरेशन के लिए एक रुपया भी लोगों से नहीं लेती. संस्था द्वारा लोगों को मुफ्त जांच सुविधा मुहैया करवाई जाती है और दवा भी दी जाती है.

मुफ्त में ही आंखों का ऑपरेशन भी किया जाता है. इतना ही नहीं लोगों के आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी संस्था द्वारा ही की जाती है. मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था भी संस्था ही करती है.

प्रदेशभर के लोग उठा रहे लाभ....

संस्था द्वारा आयोजित शिविर में प्रदेशभर के लोग आते हैं. सबसे ज्यादा लोग पाली, जालौर, सिरोही, जोधपुर, राजसमंद और अजमेर जिले के होते हैं.

सरकारी नियम के चलते प्रतिदिन 30 ऑपरेशन....

वैसे तो संस्था के पास प्रतिदिन 200 से 300 लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन सरकारी नियम के तहत प्रतिदिन 30 लोगों का ही ऑपरेशन किया जा सकता है. संस्था द्वारा योग्य चिकित्सकों की व्यवस्था की जाती है जो लोगों का उचित इलाज करते हैं.

1964 में हुई थी संस्था की स्थापना....

शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था की स्थापना साल 1964 में हुई थी. तब से लेकर यह संस्था विभिन्न माध्यमों के जरिए लोककल्याण के काम करती आ रही है. संस्था ने साल 2018 में मोतियाबिंद के 1819 ऑपरेशन किए थे. वहीं साल 2019 में यह आंकड़ा 2133 तक पहुंच गया.

Intro:पाली. भामाशाहों की नगरी में नाम से पहचान रखने वाला पाली, अब हर क्षेत्र में अलग ही अमिट छाप छोड़े हुए है। अपने अलग-अलग भामाशाह की पहचान बना रखा है। इस पाली ने गरीबों के आंखों में रोशनी लौटाने के नाम पर भी प्रदेश भर में चर्चाओं में रहने लगा है। पाली में संचालित हो रही सेवा मंडल सामाजिक सेवा संस्था की ओर से हर गुरुवार को पाली में जरूरमन्दो के लिए आंखों की जांच एवं ऑपरेशन शिविर का आयोजन किया जा रहा है। इस शिविर के आयोजन से पाली, जालौर, सिरोही, जोधपुर, राजसमंद व अजमेर जिले के सबसे ज्यादा लोग लाभान्वित हुए हैं। इनके साथ ही प्रदेश भर के अन्य जिलों से भी यहां लोग अपनी आंखों का ऑपरेशन करवाने के लिए आ रहे हैं। सबसे बड़ी बात यह है जिन गरीबों को अपने लेंस के ऑपरेशन के लिए निजी अस्पतालों में 10 से ₹20000 खर्च करने पड़ते हैं। वही इन लोगों को इस सेवा मण्डल में मात्र एक ₹20 की पर्ची कटवानी पड़ती है। इसके बाद सेवा मंडल की ओर से इन जरूरतमंदों के लिए सभी जांच दवाई, ऑपरेशन, आंखों का लेंस सभी निशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। इतना ही नहीं इन मरीजों को लाने के लिए संस्था की ओर से निशुल्क वाहनों की व्यवस्था भी की जाती है। धीरे-धीरे जिस प्रकार से इस संस्था में गरीबों के ऑपरेशन का आंकड़ा बढ़ रहा है। उसी प्रकार गरीबों के आंखों में रोशनी लौटने का सपना भी उनकी आंखों में अब नजर आने लगा है। और इस संस्था में प्रतिदिन ऑपरेशन का आंकड़ा 200 से 300 लोगों का बनता जा रहा है।


Body: सेवा मंडल के पदाधिकारियों की मानें तो 1964 में जन सेवा के लिए इस सेवा मंडल का शुभारंभ किया गया था। शुरुआत में यहां पर जरूरतमंद लोगों के लिए दवाई व अन्य चिकित्सा सुविधा और होम्योपैथी दवाइयों की व्यवस्था की गई थी। धीरे-धीरे जिस प्रकार से भामाशाह इन से जुड़ने लगे तो इन्होंने आंखों के लेंस के ऑपरेशन की निशुल्क सुविधा यहां पर कर दी। वर्तमान में सेवा मंडल के आंखों के अस्पताल में सबसे आधुनिक तरह की आंखों का इलाज करने के लिए मशीनें एवं उपकरण उपलब्ध है। पदाधिकारियों का कहना है कि अगर वर्ष 2018 - 19 की बात करें तो यहां पर पूरे वर्ष में 1819 मोतियाबिंद के ऑपरेशन किए गए थे एवं मरीजों का लेंस प्रत्यारोपण किया गया था। वहीं 2019 में यहां पर 2133 मरीजों के मोतियाबिंद का ऑपरेशन का लेंस प्रत्यारोपण किया गया था। पदाधिकारियों ने बताया कि उपचार के लिए प्रदेश के जाने-माने डॉक्टर को बुलाया जाता है। प्रति सप्ताह के गुरुवार को यहां पर शिविर आयोजित होता है। जिसमें ऑपरेशन के लिए लोगों को यहीं पर आवासीय सुविधा दी जाती है। यहां ऑपरेशन होने के बाद में लोगों के भोजन और सभी जांच दवाई में सभी उपलब्ध संस्था की ओर से करवाई जाती है। और उसके बाद मरीज को उसके घर तक छोड़ने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी संस्था की ओर से करवाई जाती है। संस्था के इस कार्य के चलते गरीब लोगों में पैसे की आवश्यकता के चलते अपने मोतियाबिंद लेंस प्रत्यारोपण का ऑपरेशन नहीं करा पाते थे। उन लोगों में भी अब अपने आंखों में रोशनी आने की उम्मीद है। जागने लगी है ऐसे में राजस्थान के दूसरे प्रदेशों से भी आंखों के मरीज यहां पहुंच रहे हैं।


Conclusion:संस्था के पदाधिकारियों ने बताया कि यहां पर पाली के भामाशाह ने अब अपने सामाजिक कार्यक्रम जैसे कि जन्मदिन, पुण्य तिथि सहित अन्य अच्छे दिनों के लिए भी दूसरे खर्चों को बंद कर यहां पर लोगों के ऑपरेशन के लिए सहायता करने लगे हैं। ऐसे में संस्था की ओर से लोगों को और ज्यादा सुविधा देने की जो मुहिम थी। उसमें यह लोग लगातार सहायक बनते जा रहे हैं। संस्था के पदाधिकारियों का कहना है कि सरकार के नियम के तहत प्रतिदिन आंखों के अस्पताल में 30 ऑपरेशन ही किए जा सकते हैं। लेकिन यहां मरीजों का आंकड़ा सैकड़ों से पार होता है। ऐसे में बचे हुए मरीजों को अगले दिनों में ऑपरेशन करने के लिए संस्था में ठहराने उनके भोजन और रुकने की सभी व्यवस्था की जाती है। समाचार में शोभा मंडल के प्रबंधक गोपी किशन की बाइट है
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