पाली (राजस्थान). पाली को 'भामाशाहों की नगरी' भी कहा जाता है. पाली को ये नाम इसलिए मिला है, क्योंकि यहां के भामाशाह गरीब और लाचार लोगों के लिए कई कल्याणकारी काम करते हैं.
लोक कल्याण की इसी गाथा को आगे बढ़ा रही है पाली की शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था. इस संस्था ने आर्थिक रूप से कमजोर लोगों की आंखों को रोशन करने का बीड़ा उठाया है.
प्रत्येक गुरुवार को लगाया जाता है शिविर....
पाली में सामाजिक सेवा संस्था की ओर से हर गुरुवार को जरूरतमंदों के लिए शिविर का आयोजन किया जाता है. शिविर में आंखों की जांच की जाती है और आवश्यकता होने पर ऑपरेशन भी किया जाता है.
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मुफ्त में आंखों का इलाज....
एक सामान्य निजी अस्पताल में आंखों के ऑपरेशन के लिए 10,000 से 15,000 तक खर्च करने पड़ते हैं. लेकिन, सेवा मंडल सामाजिक सेवा संस्था इस ऑपरेशन के लिए एक रुपया भी लोगों से नहीं लेती. संस्था द्वारा लोगों को मुफ्त जांच सुविधा मुहैया करवाई जाती है और दवा भी दी जाती है.
मुफ्त में ही आंखों का ऑपरेशन भी किया जाता है. इतना ही नहीं लोगों के आने-जाने के लिए वाहनों की व्यवस्था भी संस्था द्वारा ही की जाती है. मरीजों के लिए खाने की व्यवस्था भी संस्था ही करती है.
प्रदेशभर के लोग उठा रहे लाभ....
संस्था द्वारा आयोजित शिविर में प्रदेशभर के लोग आते हैं. सबसे ज्यादा लोग पाली, जालौर, सिरोही, जोधपुर, राजसमंद और अजमेर जिले के होते हैं.
सरकारी नियम के चलते प्रतिदिन 30 ऑपरेशन....
वैसे तो संस्था के पास प्रतिदिन 200 से 300 लोग इलाज के लिए आते हैं, लेकिन सरकारी नियम के तहत प्रतिदिन 30 लोगों का ही ऑपरेशन किया जा सकता है. संस्था द्वारा योग्य चिकित्सकों की व्यवस्था की जाती है जो लोगों का उचित इलाज करते हैं.
1964 में हुई थी संस्था की स्थापना....
शोभा मंडल सामाजिक सेवा संस्था की स्थापना साल 1964 में हुई थी. तब से लेकर यह संस्था विभिन्न माध्यमों के जरिए लोककल्याण के काम करती आ रही है. संस्था ने साल 2018 में मोतियाबिंद के 1819 ऑपरेशन किए थे. वहीं साल 2019 में यह आंकड़ा 2133 तक पहुंच गया.