जोधपुर: सुप्रीम कोर्ट से गुजरात केस में राहत मिलने के बाद अब आसाराम की ओर से राजस्थान हाईकोर्ट में भी जमानत आवेदन पेश किया गया. बता दें कि अपने आश्रम की शिष्या के साथ यौन उत्पीड़न के मामले में आसाराम आजीवन कारावास की सजा जोधपुर सेंट्रल जेल में काट रहा है, जिसमें उसे राहत नहीं मिली है.
आसाराम की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आरएस सलूजा ने अंतरिम जमानत आवेदन पेश किया है. सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को शर्तों के साथ आसाराम को मेडिकल ग्राउंड पर गुजरात केस में 31 मार्च 2025 तक अंतरिम जमानत मंजूर करते हुए राहत दी थी. ऐसे में गुजरात केस से राहत मिलने के बाद आसाराम अभी जेल से बाहर नहीं आ सकता है. आसाराम को जोधपुर के केस में राहत नहीं मिलने की वजह से अधिवक्ताओं की ओर से अब राजस्थान हाईकोर्ट में आवेदन पेश किया गया है कि उसको राहत दी जाए.
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सुप्रीम कोर्ट ने आसाराम को उपचार करवाने की अनुमति दी है. ऐसे में राजस्थान केस में राहत को लेकर एक बार फिर राजस्थान हाईकोर्ट में याचिका पेश की गई है. हाईकोर्ट में याचिका पेश हो चुकी है, लेकिन फिलहाल सुनवाई के लिए लिस्ट नहीं हुई है. अधिवक्ता सलूजा ने बताया कि गुजरात केस में राहत के बाद राजस्थान हाईकोर्ट से उम्मीद है. ऐसे में यहां पर भी अंतरिम जमानत के लिए आवेदन पेश किया है.
क्या है गुजरात केस ? : गुजरात के गांधीनगर की अदालत ने आसाराम को दुष्कर्म के मामले में आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. 2013 में गुजरात में यह केस दर्ज किया गया था, जिसकी सुनवाई के बाद 2023 में अन्य आरोपियों को तो बड़ी कर दिया गया था, लेकिन आसाराम को आजीवन कारावास की सजा के आदेश दिए थे जिसके खिलाफ गुजरात हाईकोर्ट में भी आसाराम की ओर से याचिका पेश की गई. इस मामले में आसाराम की ओर से सुप्रीम कोर्ट में अंतरिम जमानत के लिए याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने कुछ शर्तों के साथ आसाराम को 31 मार्च 2025 तक मेडिकल ग्राउंड पर अंतरिम जमानत को मंजूर कर लिया.