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पाली में बारिश थमी... नदी में बढ़ा जलस्तर

पाली में बारिश थम जाने के बाद भी नदी में बांधों के जलस्तर में निरंतर बढोत्तरी हो रही है. वहीं सेली बांध में 5 फीट जलस्तर बढ़ गया है. जिससे लोगों में और प्रशासन में खुशी की लहर है.

गोडवाड़ में बारिश थमी
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Published : Aug 18, 2019, 1:15 PM IST

बाली (पाली). गोडवाड़ में बारिश थमी हुई है. लेकिन, नदी बहने से बांधों के जलस्तर में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है. कुछ बांधों में आवक घटने से जलस्तर स्थिर है. अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर हो गया है. एईएन ताराराम गहलोत के अनुसार रविवार सुबह 8 बजे तक देसूरी तहसील मुख्यालय पर कुल 4 मिमी और बाली तहसील मुख्यालय पर शून्य बारिश दर्ज की गई हैं.

गोडवाड़ में बारिश थमी

कहां कितनी दर्ज हुई बारिश

मिठड़ी बांध पर 10 मिमी, रणकपुर बांध पर 8 मिमी,मुठाणा बांध पर 7 मिमी,कोट बांध पर 9 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि दांतीवाड़ा,काणा और फुटिया बांध पर बारिश दर्ज नहीं हुई. दांतीवाड़ा बांध में 12.60 फीट, काणा बांध में 5.80 फीट, मुठाणा बांध में 9 फीट, घोड़ाधड़ा बांध में 7 फीट, कोट बांध में 6.56 फीट, सेवाड़ी बांध में 8.59 फीट, पीपला बांध में 10.17 फीट, शिवनाथ सागर बांध में 24.50 फीट, फुटिया बांध में 3.93 फीट, राजपुरा बांध में 18.20 फीट, जूणा-मालारी बांध में 17 फीट, सेली की नाल बांध में 5 फीट, हरिओम सागर बांध में 4 फीट और धणी बांध में 4.92 फीट जलस्तर हो चुका है. ओवरफ्लो हो चुके मिठड़ी और रणकपुर बांध पर 0.30 फीट,लाटाड़ा बांध पर 0.15 फीट व केसूली बांध पर 0.10 फीट चादर चल रही है.

यह भी पढ़ें- पाली: बाढ़ में फंसे कई लोग...अब तक किया 21 का रेस्क्यू

सेली की नाल बांध में पानी आने से लोगों में खुशी

अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर होने से देसूरी कस्बेवासियों सहित इस पर निर्भर गांवों के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बांध की कुल भराव क्षमता 20 फीट हैं.

राजसमंद के अरावली पर्वतमाला में ग्वार-मझेरा के सूरजकुंड से उद्गम होने वाली नदी एक फीट तक बह रही है. यह नदी सेली की नाल बांध में पहुंचती है. बाली और देसूरी उपखंड में जलसंसाधन विभाग के कुल 18 बांधों में से सिर्फ इस बांध में पानी की आवक नही होने से चिंता बढ़ गई थी.

यह भी पढ़ें- पाली में बाढ़ से बिगड़ रहे हालात, उफान पर कई बांध...घरों में घुस रहा पानी

हर साल सेली की नाल बांध का पानी देसूरी, घाणेराव, नारलाई, नाड़ोल और दूदापुरा की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरी करने के लिए आरक्षित रखा जाता हैं. इस बांध पर निर्भर इन सभी गांवों में टैंकरों से उच्च जलाशय भर कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है.

कच्चे और पुराने मकान गिरने लगे

बारिश से क्षेत्र में कई जगहों पर कच्चे और पुराने मकान गिरते जा रहे हैं. फालना में एक,शोभावास में दो,गुडा गोपीनाथ में एक और नारलाई में एक मकान गिरने की सूचना है. इसके अलावा कई स्थानों पर विद्यालय भवनों में भी जलभराव हो गये. कोट सोलंकियान में विद्यालय के बरामदे में पानी पहुंच गया.

बाली (पाली). गोडवाड़ में बारिश थमी हुई है. लेकिन, नदी बहने से बांधों के जलस्तर में निरंतर बढ़ोत्तरी हो रही है. कुछ बांधों में आवक घटने से जलस्तर स्थिर है. अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर हो गया है. एईएन ताराराम गहलोत के अनुसार रविवार सुबह 8 बजे तक देसूरी तहसील मुख्यालय पर कुल 4 मिमी और बाली तहसील मुख्यालय पर शून्य बारिश दर्ज की गई हैं.

गोडवाड़ में बारिश थमी

कहां कितनी दर्ज हुई बारिश

मिठड़ी बांध पर 10 मिमी, रणकपुर बांध पर 8 मिमी,मुठाणा बांध पर 7 मिमी,कोट बांध पर 9 मिमी बारिश दर्ज की गई. जबकि दांतीवाड़ा,काणा और फुटिया बांध पर बारिश दर्ज नहीं हुई. दांतीवाड़ा बांध में 12.60 फीट, काणा बांध में 5.80 फीट, मुठाणा बांध में 9 फीट, घोड़ाधड़ा बांध में 7 फीट, कोट बांध में 6.56 फीट, सेवाड़ी बांध में 8.59 फीट, पीपला बांध में 10.17 फीट, शिवनाथ सागर बांध में 24.50 फीट, फुटिया बांध में 3.93 फीट, राजपुरा बांध में 18.20 फीट, जूणा-मालारी बांध में 17 फीट, सेली की नाल बांध में 5 फीट, हरिओम सागर बांध में 4 फीट और धणी बांध में 4.92 फीट जलस्तर हो चुका है. ओवरफ्लो हो चुके मिठड़ी और रणकपुर बांध पर 0.30 फीट,लाटाड़ा बांध पर 0.15 फीट व केसूली बांध पर 0.10 फीट चादर चल रही है.

यह भी पढ़ें- पाली: बाढ़ में फंसे कई लोग...अब तक किया 21 का रेस्क्यू

सेली की नाल बांध में पानी आने से लोगों में खुशी

अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर होने से देसूरी कस्बेवासियों सहित इस पर निर्भर गांवों के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई है. बांध की कुल भराव क्षमता 20 फीट हैं.

राजसमंद के अरावली पर्वतमाला में ग्वार-मझेरा के सूरजकुंड से उद्गम होने वाली नदी एक फीट तक बह रही है. यह नदी सेली की नाल बांध में पहुंचती है. बाली और देसूरी उपखंड में जलसंसाधन विभाग के कुल 18 बांधों में से सिर्फ इस बांध में पानी की आवक नही होने से चिंता बढ़ गई थी.

यह भी पढ़ें- पाली में बाढ़ से बिगड़ रहे हालात, उफान पर कई बांध...घरों में घुस रहा पानी

हर साल सेली की नाल बांध का पानी देसूरी, घाणेराव, नारलाई, नाड़ोल और दूदापुरा की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरी करने के लिए आरक्षित रखा जाता हैं. इस बांध पर निर्भर इन सभी गांवों में टैंकरों से उच्च जलाशय भर कर पेयजल आपूर्ति की जा रही है.

कच्चे और पुराने मकान गिरने लगे

बारिश से क्षेत्र में कई जगहों पर कच्चे और पुराने मकान गिरते जा रहे हैं. फालना में एक,शोभावास में दो,गुडा गोपीनाथ में एक और नारलाई में एक मकान गिरने की सूचना है. इसके अलावा कई स्थानों पर विद्यालय भवनों में भी जलभराव हो गये. कोट सोलंकियान में विद्यालय के बरामदे में पानी पहुंच गया.

Intro:बाली(पाली). गोडवाड़ में बारिश थमी हुई हैं,लेकिन नदी-नाले बहने से बांधों के जलस्तर में निरंतर बढोत्तरी हो रही हैं तो कुछ बांधों में आवक घटने से जलस्तर स्थिर हैं. लेकिन अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर हो गया हैं.
Body:जलसंसाधन विभाग,बाली के एईएन ताराराम गहलोत के अनुसार रविवार सुबह 8 बजे तक देसूरी तहसील मुख्यालय पर कुल 4 मिमी व बाली तहसील मुख्यालय पर शून्य बारिश दर्ज की गई हैं. वहीं, मिठड़ी बांध पर 10 मिमी, रणकपुर बांध पर 8 मिमी,मुठाणा बांध पर 7 मिमी,कोट बांध पर 9 मिमी बारिश दर्ज की गई। जबकि दांतीवाड़ा,काणा व फुटिया बांध पर बारिश दर्ज नही हुई.
दांतीवाड़ा बांध में 12.60 फीट,काणा बांध में 5.80 फीट,मुठाणा बांध में 9 फीट,घोड़ाधड़ा बांध में 7 फीट,कोट बांध में 6.56 फीट,सेवाड़ी बांध में 8.59 फीट,पीपला बांध में 10.17 फीट,शिवनाथ सागर बांध में 24.50 फीट,फुटिया बांध में 3.93 फीट,राजपुरा बांध में 18.20 फीट,जूणा-मालारी बांध में 17 फीट,सेली की नाल बांध में 5 फीट,हरिओम सागर बांध में 4 फीट व धणी बांध में 4.92 फीट जलस्तर हो चुका हैं.
ओवरफ्लो हो चुके मिठड़ी व रणकपुर बांध पर 0.30 फीट,लाटाड़ा बांध पर 0.15 फीट व केसूली बांध पर 0.10 फीट चादर चल रही हैं।

'सेली की नाल बांध में पानी आने से लोगों में खुशी'

लेकिन अब तक खाली पड़े सेली की नाल बांध में एकाएक 5 फीट जलस्तर होने से देसूरी कस्बेंवासियों सहित इस पर निर्भर गांवों के लोगों में खुशी की लहर दौड़ गई हैं.इस बांध की कुल भराव क्षमता 20 फीट हैं. राजसमंद जिले में अरावली पर्वतमाला में ग्वार-मझेरा के सूरजकुंड से उद्गम होने वाली नदी एक फीट तक बह रही हैं.यह नदी सेली की नाल बांध में पहुंचती हैं. बाली व देसूरी उपखंड में जलसंसाधन विभाग के कुल 18 बांधों में से सिर्फ इस बांध में पानी की आवक नही होने से चिंता बढ़ गई थी. प्रशासन,जलसंसाधनजलदाय विभाग के अधिकारी व जनप्रतिनिधि भी चिंतित हो उठे थे. हर साल सेली की नाल बांध का पानी देसूरी,घाणेराव,नारलाई,नाड़ोल व दूदापुरा की आबादी की पेयजल जरूरतों को पूरी करने के लिए आरक्षित रखा जाता हैं.इस बांध पर निर्भर इन सभी गांवों में टैंकरों से उच्च जलाशय भर कर पेयजल आपूर्ति की जा रही हैं.

Conclusion:'कच्चे और पुराने मकान गिरने लगे'

बारिश से क्षेत्र में कई जगहों पर कच्चे और पुराने मकान गिरते जा रहे हैं। फालना में एक,शोभावास में दो,गुडा गोपीनाथ में एक व नारलाई में एक मकान गिरने की सूचना हैं। इसके अलावा कई स्थानों पर विद्यालय भवनों में भी जलभराव हो गये। कोट सोलंकियान में विद्यालय के बरामदे में पानी पहुंच गया।
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बाइट: दौलत चौधरी,सरपंच,नारलाई
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(ईटीवी भारत के लिए प्रमोदपालसिंह)

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