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नागौर : लापता किशोर पहुंचा घर...बोला मेरा अपहरण हुआ था...पुलिस पड़ताल में कहानी निकली झूठी

प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाहों के बीच शुक्रवार को नागौर में एक किशोर के लापता होने की सूचना ने परिजनों और पुलिस के होश उड़ा दिए. बाद में रात को वह किशोर खुद ही घर पहुंच गया. घर पहुंच कर वह परिजनों और पुलिस को अपने अपहरण की कहानी सुनाता रहा, लेकिन पुलिस की पड़ताल में उसकी पूरी कहानी झूठी निकली.

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Published : Sep 7, 2019, 6:07 AM IST

नागौर. जिला मुख्यालय पर पहले एक किशोर के लापता होने की सूचना और फिर उसी की ओर से सुनाई गई खुद के अपहरण की कहानी ने पुलिस और परिजनों की खासी परेड करवा दी. हालांकि, बाद में उसने बताया कि वह बीकानेर गया और कुछ देर वहां घूमने के बाद ट्रेन में बैठकर वापस नागौर आ गया.

किशोर ने रची लापता होने कि कहानी

जानकारी के अनुसार नागौर के आसकरण सुराणा का बेटा अक्षय बख्तासागर स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ता है. वह रोज 1:30 बजे घर आ जाता है लेकिन शुक्रवार को काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने तलाश शुरू की. अक्षय कहीं नहीं मिला तो परिजन पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने जिले के सभी थानों में अक्षय के लापता होने की जानकारी दी और मुंदियाड़ में चल रहे गजानन मेले में भी टीम भेजी. वह नहीं मिला तो स्कूल और घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले. इसी बीच रात को अक्षय घर पहुंच गया.

घर पहुंचकर उसने परिजनों और पुलिस को बताया कि उसे कुछ लोग नशीला पदार्थ सुंघाकर अपने साथ ले गए. उसने जिस जगह की यह घटना बताई पुलिस ने पता किया तो वहां ऐसा कोई सुराग नहीं मिला. बाद में उसने बताया कि वह स्कूल से घर के बाहर तक गया फिर वापस रेलवे स्टेशन चला गया और ट्रेन में बैठकर बीकानेर चला गया.

पढ़ें- लंबे समय की तेजी के बाद, सोना 700 तो चांदी 2200 रुपये तक लुढ़की

अक्षय ने बताया कि कुछ देर कोटगेट इलाके में घूमने के बाद वह वापस ट्रेन में बैठकर नागौर आ गया. एक तरफ अक्षय के सकुशल घर पहुंचने पर परिजनों और पुलिस ने राहत की सांस ली. लेकिन उसके लापता होने की सूचना और फिर उसके ओर से सुनाई गई अपहरण की कहानी से पुलिस और परिजनों की परेशानी बढ़ा दी थी.

नागौर. जिला मुख्यालय पर पहले एक किशोर के लापता होने की सूचना और फिर उसी की ओर से सुनाई गई खुद के अपहरण की कहानी ने पुलिस और परिजनों की खासी परेड करवा दी. हालांकि, बाद में उसने बताया कि वह बीकानेर गया और कुछ देर वहां घूमने के बाद ट्रेन में बैठकर वापस नागौर आ गया.

किशोर ने रची लापता होने कि कहानी

जानकारी के अनुसार नागौर के आसकरण सुराणा का बेटा अक्षय बख्तासागर स्कूल में 9वीं कक्षा में पढ़ता है. वह रोज 1:30 बजे घर आ जाता है लेकिन शुक्रवार को काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने तलाश शुरू की. अक्षय कहीं नहीं मिला तो परिजन पुलिस के पास पहुंचे. पुलिस ने जिले के सभी थानों में अक्षय के लापता होने की जानकारी दी और मुंदियाड़ में चल रहे गजानन मेले में भी टीम भेजी. वह नहीं मिला तो स्कूल और घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले. इसी बीच रात को अक्षय घर पहुंच गया.

घर पहुंचकर उसने परिजनों और पुलिस को बताया कि उसे कुछ लोग नशीला पदार्थ सुंघाकर अपने साथ ले गए. उसने जिस जगह की यह घटना बताई पुलिस ने पता किया तो वहां ऐसा कोई सुराग नहीं मिला. बाद में उसने बताया कि वह स्कूल से घर के बाहर तक गया फिर वापस रेलवे स्टेशन चला गया और ट्रेन में बैठकर बीकानेर चला गया.

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अक्षय ने बताया कि कुछ देर कोटगेट इलाके में घूमने के बाद वह वापस ट्रेन में बैठकर नागौर आ गया. एक तरफ अक्षय के सकुशल घर पहुंचने पर परिजनों और पुलिस ने राहत की सांस ली. लेकिन उसके लापता होने की सूचना और फिर उसके ओर से सुनाई गई अपहरण की कहानी से पुलिस और परिजनों की परेशानी बढ़ा दी थी.

Intro:प्रदेश में बच्चा चोरी की अफवाहों के बीच आज नागौर में एक किशोर के लापता होने की सूचना ने परिजनों और पुलिस के होश उड़ा दिए। बाद में रात को वह किशोर खुद ही घर पहुंच गया। लेकिन तब भी वह परिजनों और पुलिस को अपने अपहरण की कहानी सुनाता रहा। लेकिन पुलिस की पड़ताल में उसकी पूरी कहानी झूठी निकली।Body:नागौर. जिला मुख्यालय पर पहले एक किशोर के लापता होने की सूचना और फिर उसी के द्वारा सुनाई गई खुद के अपहरण की कहानी ने पुलिस और परिजनों की खासी परेड करवा दी। हालांकि, बाद में उसने बताया कि वह बीकानेर गया और कुछ देर वहां घूमने के बाद ट्रैन में बैठकर वापस नागौर आ गया।
जानकारी के अनुसार नागौर के आसकरण सुराणा का बेटा अक्षय बख्तासागर स्कूल में नवीं कक्षा में पढ़ता है। वह रोज 1:30 बजे घर आ जाता है। आज काफी देर तक घर नहीं पहुंचा तो परिजनों ने तलाश शुरू की। अक्षय कहीं नहीं मिला तो परिजन पुलिस के पास पहुंचे। पुलिस ने जिले के सभी थानों में अक्षय के लापता होने की जानकारी दी और मुंदियाड़ में चल रहे गजानन मेले में भी टीम भेजी। वह नहीं मिला तो स्कूल और घर के आसपास के सीसीटीवी कैमरों के फुटेज भी खंगाले। इसी बीच रात को अक्षय घर पहुंच गया। यहां आकर उसने परिजनों और पुलिस को बताया कि उसे कुछ लोग नशीला पदार्थ सुंघाकर अपने साथ ले गए। उसने जिस जगह की यह घटना बताई पुलिस ने पता किया तो वहां ऐसा कोई सुराग नहीं मिला। बाद में उसने बताया कि वह स्कूल से घर के बाहर तक गया। फिर वापस रेलवे स्टेशन चला गया। वहां ट्रैन में बैठकर बीकानेर चला गया। कुछ देर कोटगेट इलाके में घूमने के बाद वह वापस ट्रैन में बैठकर नागौर आ गया।Conclusion:एक तरफ अक्षय के सकुशल घर पहुंचने पर परिजनों और पुलिस ने राहत की सांस ली। लेकिन उसके लापता होने की सूचना और फिर उसके द्वारा सुनाई गई अपहरण की कहानी से पुलिस और परिजनों की एकबारगी परेशानी बढ़ा दी थी।
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बाइट- एनके वर्मा, थानाधिकारी, कोतवाली, नागौर।
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