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नागौर में प्रभु श्री चारभुजा नाथ प्राक्ट्योत्सव समारोह का हुआ समापन

नागौर में श्री चारभुजा नाथ के 463वें प्राकट्योत्सव का शुक्रवार को धूम धाम के साथ समापन हुआ. प्रक्ट्योत्सव के समापन से पूर्व मंदिर परिसर में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आहुत हुए. इन धार्मिक अनुष्ठानों के तहत लोगों ने ठाकुरजी के दरबार में मत्था टेककर परिवार की खुशहाली के लिए मागलकामनाएं की.

Shri Charbhuja Nath
प्रभु श्री चारभुजा नाथ प्राक्ट्योत्सव समारोह का हुआ समापन
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Published : Feb 19, 2021, 7:13 PM IST

नागौर. जिले में भगवान श्री चारभुजा नाथ के 463वें प्राकट्योत्सव का शुक्रवार को धूम धाम के साथ समापन किया गया. वहीं, समापन से पूर्व मंदिर परिसर में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आहुत हुए. इन धार्मिक अनुष्ठानों के तहत लोगों ने ठाकुरजी के दरबार में मत्था टेककर परिवार की खुशहाली के लिए मंगलकामनाएं की.

बता दें कि सुबह से ही अनेक प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का दौर शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा. इन कार्यक्रमों में महिलाओं ने काफी रूचि ली और भगवान को रिझाने के लिए अनेक प्रकार के भजनों की प्रस्तुतियां दी. इससे पूर्व महिलाओं ने भगवान की आरती भी उतारी.

इस मौके पर चारभुजा मंदिर से दोपहर बाद 3:30 बजे भगवान की शोभायात्रा रवाना हुई. यात्रा के दौरान प्रभु श्री को पालकी में विराजित किया गया था. भगवान की सवारी के आगे बच्चे, महिलाएं और युवक गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते हुए चल रहे थे. मार्ग के दोनों तरफ स्थित भवनों की छतों पर मौजूद लोगों ने जुलूस पर जमकर पुष्पवर्षा की.

पढ़ें: Special: प्रदेश भाजपा में गुटबाजी और खेमेबंदी की कहानी नई नहीं, पहले हुई घटनाएं भी वसुंधरा के इर्दगिर्द ही रही

इसके अलावा शाम को लगभग सवार छह बजे प्राक्ट्ïय स्थल बावड़ी पर महिलाओं ने अलौकिक दीप जलाएं. साथ ही मंदिर में भगवान के दरबार में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. जिसे देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. वहीं, देर शाम को महाआरती के बाद तीन दिवसीय प्राक्ट्य महोत्सव का समापन हुआ. शोभायात्रा के दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे.

नागौर. जिले में भगवान श्री चारभुजा नाथ के 463वें प्राकट्योत्सव का शुक्रवार को धूम धाम के साथ समापन किया गया. वहीं, समापन से पूर्व मंदिर परिसर में अनेक प्रकार के धार्मिक अनुष्ठान आहुत हुए. इन धार्मिक अनुष्ठानों के तहत लोगों ने ठाकुरजी के दरबार में मत्था टेककर परिवार की खुशहाली के लिए मंगलकामनाएं की.

बता दें कि सुबह से ही अनेक प्रकार के धार्मिक कार्यक्रमों के आयोजन का दौर शुरू हुआ जो देर शाम तक जारी रहा. इन कार्यक्रमों में महिलाओं ने काफी रूचि ली और भगवान को रिझाने के लिए अनेक प्रकार के भजनों की प्रस्तुतियां दी. इससे पूर्व महिलाओं ने भगवान की आरती भी उतारी.

इस मौके पर चारभुजा मंदिर से दोपहर बाद 3:30 बजे भगवान की शोभायात्रा रवाना हुई. यात्रा के दौरान प्रभु श्री को पालकी में विराजित किया गया था. भगवान की सवारी के आगे बच्चे, महिलाएं और युवक गाजे-बाजे के साथ नाचते गाते हुए चल रहे थे. मार्ग के दोनों तरफ स्थित भवनों की छतों पर मौजूद लोगों ने जुलूस पर जमकर पुष्पवर्षा की.

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इसके अलावा शाम को लगभग सवार छह बजे प्राक्ट्ïय स्थल बावड़ी पर महिलाओं ने अलौकिक दीप जलाएं. साथ ही मंदिर में भगवान के दरबार में छप्पन भोग की झांकी सजाई गई. जिसे देखने के लिए सैंकड़ों की संख्या में श्रद्धालु मंदिर पहुंचे. वहीं, देर शाम को महाआरती के बाद तीन दिवसीय प्राक्ट्य महोत्सव का समापन हुआ. शोभायात्रा के दौरान पुलिस ने सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए थे.

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