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नागौर जिले में राजश्री योजना की निकली हवा...5 हजार बेटियों के डेढ़ करोड़ बकाया

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है.

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Published : Apr 4, 2019, 8:45 AM IST

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है.


नागौर. राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन,शिक्षा,लिंग भेद को रोकने और समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने राज्यश्री योजना शुरू की थी.लेकिन इस योजन पर इन दिनों से ग्रहण लग गया हैं.

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार सत्ता सभालने के बाद समीक्षा कर रहे है.इस योजना के तहत मिलने वाली राशि खटाई में पड़ गई है.5805 बेटियों ने जन्म लिया, लेकिन 5254 केस वैरिफाई हो गए है.लेकिन इन बेटियों के परिवार वाले राशि के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है.

इस योजना के तहत बेटी जन्म पर मिलने वाली पहली किस्त के रूप में 2500 की सहयोग राशि जनवरी से अब तक नहीं मिल पा रही है. केवल जिले में जनवरी से अब तक 5805 बेटियों ने जन्म लिया है.मगर एक को भी यह राशि नहीं मिल पाई है.

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है.

जिले के 551 मामले ही पैंडिंग पडे़ होने से उनका वेरीफाई आवेदनों होना बाकी है, लेकिन विभाग के पास पैंडिंग आकडो़ं का वेरीफिकेशन कब तक हो पाएगा इसकी जानकारी नहीं है. पूरे राज्य में देखने को मिल रहे हैं.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुकुमार कश्यप का कहना की योजना की प्रक्रिया जनवरी से ही बंद है .आईडीएस के पास मेडिकल हेल्थ विभाग के 45 करोड़ रुपए अटके पडे़ है. कब मिलेंगे यह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में होने वाली बैठक में कई बार यह मामला उठ चुका है.

वहीं दिसम्बर 2018 में 2186 बेटियों ने जन्म लिया. जनवरी में 2016 में से1603 का और 5805 में से 5254 का पोर्टल से वेरीफिकेशन हो गया है, बाकी के 551 का वेरीफिकेशन होना बाकी फिलहाल पोर्टल की साइड को बंद कर दिया गया है..

योजना के तहत लाभार्थी बालिका के माता-पिता को 50000 रुपये अलग अलग चरणों में दिए जाने का योजना है.पहली किस्त के रूप में 2500 रूपयें सरकारी अस्पताल में बेटी के जन्म पर दिए जाते है.

वहीं अगली किस्त बालिका के 1 वर्ष पूरे होने पर 2500 रूपयें, उसके बाद बालिका की पहली कक्षा में सरकारी स्कूल दाखिल होने पर 4000 रूपयें दिए जाते हैं.कक्षा 6 में स्कूल प्रवेश पर 5000 के साथ दसवीं में प्रवेश लेने पर 11 हजार और 12 वी कक्षा में उत्तीर्ण होने पर 25000 की राशि देने की योजना थी.


नागौर. राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन,शिक्षा,लिंग भेद को रोकने और समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने राज्यश्री योजना शुरू की थी.लेकिन इस योजन पर इन दिनों से ग्रहण लग गया हैं.

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार सत्ता सभालने के बाद समीक्षा कर रहे है.इस योजना के तहत मिलने वाली राशि खटाई में पड़ गई है.5805 बेटियों ने जन्म लिया, लेकिन 5254 केस वैरिफाई हो गए है.लेकिन इन बेटियों के परिवार वाले राशि के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है.

इस योजना के तहत बेटी जन्म पर मिलने वाली पहली किस्त के रूप में 2500 की सहयोग राशि जनवरी से अब तक नहीं मिल पा रही है. केवल जिले में जनवरी से अब तक 5805 बेटियों ने जन्म लिया है.मगर एक को भी यह राशि नहीं मिल पाई है.

तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है.

जिले के 551 मामले ही पैंडिंग पडे़ होने से उनका वेरीफाई आवेदनों होना बाकी है, लेकिन विभाग के पास पैंडिंग आकडो़ं का वेरीफिकेशन कब तक हो पाएगा इसकी जानकारी नहीं है. पूरे राज्य में देखने को मिल रहे हैं.

मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुकुमार कश्यप का कहना की योजना की प्रक्रिया जनवरी से ही बंद है .आईडीएस के पास मेडिकल हेल्थ विभाग के 45 करोड़ रुपए अटके पडे़ है. कब मिलेंगे यह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में होने वाली बैठक में कई बार यह मामला उठ चुका है.

वहीं दिसम्बर 2018 में 2186 बेटियों ने जन्म लिया. जनवरी में 2016 में से1603 का और 5805 में से 5254 का पोर्टल से वेरीफिकेशन हो गया है, बाकी के 551 का वेरीफिकेशन होना बाकी फिलहाल पोर्टल की साइड को बंद कर दिया गया है..

योजना के तहत लाभार्थी बालिका के माता-पिता को 50000 रुपये अलग अलग चरणों में दिए जाने का योजना है.पहली किस्त के रूप में 2500 रूपयें सरकारी अस्पताल में बेटी के जन्म पर दिए जाते है.

वहीं अगली किस्त बालिका के 1 वर्ष पूरे होने पर 2500 रूपयें, उसके बाद बालिका की पहली कक्षा में सरकारी स्कूल दाखिल होने पर 4000 रूपयें दिए जाते हैं.कक्षा 6 में स्कूल प्रवेश पर 5000 के साथ दसवीं में प्रवेश लेने पर 11 हजार और 12 वी कक्षा में उत्तीर्ण होने पर 25000 की राशि देने की योजना थी.

Intro:SLUG...RAJSHRI YOJANA THAP...नागौर जिले में राजश्री योजना हुई ठंप्प...डे प्लान की खबर वॉइस ऑवर के साथ..

एंकर... राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन ..शिक्षा.. स्वास्थ्य के मामले में.. लिंग भेद को रोकने.. संस्थागत प्रसव को बढ़ा देने ..मातृ मृत्यु दर की कमी लाने.. घटते बाल लिंगानुपात के साथ समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने राज्यश्री योजना शुरू की थी नागौर जिले में राजश्री योजना पर इन दिनों से ग्रहण लग गया हैं तीन माह मे नागौर जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी यह राशि ₹50 करोड़ रुपये जरूर अटक गए है प्रदेश मे सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार सत्ता सभालने के बाद समीक्षा कर रहे है चिकित्सा विभाग की राजश्री योजना का हर्ष बुरा हो ग़या इस योजना के तहत मिलने वाली राशि खटाई में पड़ गई है.. 5805 बेटियों ने जन्म लिया लेकिन 5254 केस वैरिफाई हो गए है..लेकिन इन बेटियों के परिवार वाले राशि के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है...


Body:सरकार बदलने के बाद चिकित्सा विभाग की राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन ..शिक्षा.. स्वास्थ्य के मामले में.. लिंग भेद को रोकने.. संस्थागत प्रसव को बढ़ा देने ..मातृ मृत्यु दर की कमी लाने.. घटते बाल लिंगानुपात के साथ समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए राज्यश्री योजना का हाल इन दिनों बुरा हो गया है इस योजना के तहत बेटी जन्म पर मिलने वाली पहली किस्त के रूप में ₹2500 की सहयोग राशि जनवरी से अब तक नहीं मिल पा रही है..अधिकारी इसे बजट के अभाव में कारण जरूर बता रहे हैं ..हालात यह है कि अकेले नागौर जिले में जनवरी से अब तक 5805 बेटियों ने जन्म लिया है.. मगर एक को भी यह राशि नहीं मिल पाई है.. ऐसे में इन बेटियों के परिवार वाले राशि के लिए चिकित्सा विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है ..अब हालात यह है कि स्वास्थ्य विभाग के पास आवेदन के अंबार जरूर लग गए.. हालांकि नागौर के 551 मामले ही पैडिग पडे होने से उनका वेरीफाई आवेदनों होना बाकी है लेकिन विभाग के पास पैडिग आकडों का वेरीफिकेशन कब तक हो पाएगा इसकी जानकारी नहीं है.. पूरे राज्य में देखने को मिल रहे हैं ..जानकारों का मानना है कि राज बदलते गहलोत सरकार पिछली सरकार की योजनाओं की समीक्षा में जुटी हुई है.. हालांकि विभाग के अधिकारी ऐसा नहीं मान रहे हैं उनका कहना है कि तकनीकी गड़बड़ी के कारण सॉफ्टवेयर पर आवेदन नहीं हो पा रहे है लेकिन हकीकत इसके उलट है.. सरकार की ओर से चुनावी वादों के समय लाभ पहुंचाने वाली योजना को लेकर ही समीक्षा के लिए रखा है.. जानकारी के मुताबिक राजश्री योजना के तहत बेटियों के जन्म पर मिलने वाली सहयोग राशि कई बार अस्पताल में कार्यरत कार्मिकों की लापरवाही के चलते उन्हें समय पर नहीं मिल पाती ..अस्पतालों में इस तरह के कई मामले पहले भी सामने आ चुके हैं ..नागौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुकुमार कश्यप का कहना की योजना की प्रक्रिया जनवरी से ही बंद है .आईडीएस के पास मेडिकल हेल्थ विभाग के 45 करोड रुपए अटके पडे है कब मिलेंगे यह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा लेकिन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में होने वाली बैठक में कई बार यह मामला उठ चुका है लेकिन अब तक इसका स्थाई समाधान नहीं हो पाया..दिसम्बर 2018 मे 2186 बेटियों ने जन्म लिया जनवरी मे 2016 1603 कूल 5805 मे से 5254 का पोर्टल से वेरीफिकेशन हो गया है बाकी के 551 का वेरीफिकेशन होना बाकी फिलहाल पोर्टल की साइड को बंद कर दिया गया है..
योजना के तहत लाभार्थी बालिका के माता-पिता को 50000 रुपये अलग अलग चरणों में दिए जाने का योजना है.. पहली किस्त के रूप में 2500 रूपयें सरकारी अस्पताल में बेटी के जन्म पर..तो अगली किस्त बालिका के 1 वर्ष पूरे होने पर 2500 रूपयें तो बालिका की पहली कक्षा में सरकारी स्कूल दाखिल होने पर 4000 रूपयें फिर कक्षा 6 में स्कूल प्रवेश पर 5000 के साथ दसवीं में प्रवेश लेने पर 11 हजार और 12 वी कक्षा में उत्तीर्ण होने पर 25000 की राशि देने की योजना थी


Conclusion:राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन ..शिक्षा.. स्वास्थ्य के मामले में.. लिंग भेद को रोकने.. संस्थागत प्रसव को बढ़ा देने ..मातृ मृत्यु दर की कमी लाने.. घटते बाल लिंगानुपात के साथ समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए सरकारी अस्पतालो मे प्रसव करवाने पर राजश्री योजनाओं थी लेकिन नागौर में डेढ करोड रुपए से भी ज्यादा 3 महीनो से अटके हुए पड़े हैं लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर इसका निस्तारण होने की उम्मीद है..
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