नागौर. राजस्थान में बालिका जन्म को बढ़ावा देने और उनके लालन-पालन,शिक्षा,लिंग भेद को रोकने और समाज में बालिकाओं को समानता का अधिकार दिलाने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सरकार ने राज्यश्री योजना शुरू की थी.लेकिन इस योजन पर इन दिनों से ग्रहण लग गया हैं.
तीन माह में जिले में जन्मी 5805 बेटियों के डेढ़ करोड़ रुपए के साथ राज्य भर में भी 50 करोड़ रुपये अटक गए है. प्रदेश में सरकार बदलने के बाद गहलोत सरकार सत्ता सभालने के बाद समीक्षा कर रहे है.इस योजना के तहत मिलने वाली राशि खटाई में पड़ गई है.5805 बेटियों ने जन्म लिया, लेकिन 5254 केस वैरिफाई हो गए है.लेकिन इन बेटियों के परिवार वाले राशि के लिए विभाग के चक्कर काटने को मजबूर है.
इस योजना के तहत बेटी जन्म पर मिलने वाली पहली किस्त के रूप में 2500 की सहयोग राशि जनवरी से अब तक नहीं मिल पा रही है. केवल जिले में जनवरी से अब तक 5805 बेटियों ने जन्म लिया है.मगर एक को भी यह राशि नहीं मिल पाई है.
जिले के 551 मामले ही पैंडिंग पडे़ होने से उनका वेरीफाई आवेदनों होना बाकी है, लेकिन विभाग के पास पैंडिंग आकडो़ं का वेरीफिकेशन कब तक हो पाएगा इसकी जानकारी नहीं है. पूरे राज्य में देखने को मिल रहे हैं.
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी सुकुमार कश्यप का कहना की योजना की प्रक्रिया जनवरी से ही बंद है .आईडीएस के पास मेडिकल हेल्थ विभाग के 45 करोड़ रुपए अटके पडे़ है. कब मिलेंगे यह तो लोकसभा चुनाव के बाद ही पता चल पाएगा, लेकिन जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में स्वास्थ्य भवन में होने वाली बैठक में कई बार यह मामला उठ चुका है.
वहीं दिसम्बर 2018 में 2186 बेटियों ने जन्म लिया. जनवरी में 2016 में से1603 का और 5805 में से 5254 का पोर्टल से वेरीफिकेशन हो गया है, बाकी के 551 का वेरीफिकेशन होना बाकी फिलहाल पोर्टल की साइड को बंद कर दिया गया है..
योजना के तहत लाभार्थी बालिका के माता-पिता को 50000 रुपये अलग अलग चरणों में दिए जाने का योजना है.पहली किस्त के रूप में 2500 रूपयें सरकारी अस्पताल में बेटी के जन्म पर दिए जाते है.
वहीं अगली किस्त बालिका के 1 वर्ष पूरे होने पर 2500 रूपयें, उसके बाद बालिका की पहली कक्षा में सरकारी स्कूल दाखिल होने पर 4000 रूपयें दिए जाते हैं.कक्षा 6 में स्कूल प्रवेश पर 5000 के साथ दसवीं में प्रवेश लेने पर 11 हजार और 12 वी कक्षा में उत्तीर्ण होने पर 25000 की राशि देने की योजना थी.