जोधपुर : नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की ओर से अलग-अलग कार्रवाइयों में जब्त किए गए 29 करोड़ रुपए के मादक पदार्थ शुक्रवार को नष्ट कर दिए गए. इसमें 23 करोड़ की सिर्फ हेरोइन है. हाल ही में एनसीबी जोधपुर की ओर से मादक पदार्थों के निपटान के लिए ड्रग डिस्पोजल समिति की बैठक में इसका निर्णय हुआ था.
एनसीबी के क्षेत्रीय निदेशक आईआरएस घनश्याम सोनी ने बताया कि समिति ने विस्तृत और गहन जांच कर 12 मामलों में जब्त मादक पदार्थों को नष्ट करने को मंजूरी दी. इन मामलों में कुल 1225 किलोग्राम (लगभग) मादक पदार्थ जब्त किए गए थे, जिनकी बाजार में अनुमानित कीमत 29 करोड़ है. इसमें 11 किलो हेरोइन, 383 किलो पॉपी स्ट्रॉ, 21 किलो अफीम और 808 किलो गांजा शामिल है. इन मादक पदार्थों को केरू स्थिति बायोवेस्ट प्लांट की भट्टी में जलाया गया. इस प्रक्रिया की निगरानी के लिए एक बोर्ड ऑफ ऑफिसर की भी नियुक्ति की गई थी. जब्त किए गए नशीले पदार्थों में से लगभग 22 किलोग्राम अफीम, जिसका मूल्य लगभग 1.08 करोड़ है, को उचित प्रसंस्करण के लिए सरकारी अफीम फैक्ट्री में जमा किया गया.
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ड्रग फ्री इंडिया मुहिम : सोनी ने बताया कि यह पहल भारत सरकार की ओर से चलाए जा रहे राष्ट्रीय अभियान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जिसका उद्देश्य नशीली पदार्थों की तस्करी और दुरुपयोग को समाप्त करना है. सरकार की 'नशा मुक्त भारत' (Drug-Free India) पहल के तहत एनसीबी राजस्थान क्रियाशील है. यह पहल तस्करों और अपराधियों को यह सशक्त संदेश देती है कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां मादक पदार्थों के दुरुपयोग को समाप्त करने और अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी को समाप्त करने के लिए प्रतिबद्ध है.
मानस हेल्प लाइन हो रही कारगर : उन्होंने बताया कि मादक पदार्थों की रोकथाम के लिए हर स्तर पर प्रयास हो रहे हैं. इसके लिए केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मानस हेल्प लाइन 1933 भी शुरू की है, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति तस्करी और अवैध बिक्री की जानकारी दे सकता है. हाल ही में डूंगरपुर में गांजे की खेप इसी हेल्प लाइन की सूचना पर पकड़ी थी.