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अंता में बाढ़ से 57 करोड़ का पेयजल प्लांट तबाह, 42 गांवों पर मंडराया पानी का संकट

काली सिंध नदी के उफान के कारण लगभग आधा किलोमीटर की इंटेकवाल पूरी तरह से नष्ट हो गईं. पाइप लाइन बह जाने के कारण पीने के पानी की सप्लाई बंद हो गई. अब प्रशासन ने पेयजल समस्या को दूर करने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की है.

Water crisis in Anta
Water crisis in Anta
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Published : Aug 30, 2022, 1:49 PM IST

अंता (बारां). जिले के अंता में काली सिंध नदी में आए उफान से नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना का 57 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट तहस नहस हो गया है. ऐसे मे कस्बे सहित 42 गांवों के लोगों को पेयजल संकट का सामना (Water crisis in Anta) करना पड़ रहा है. पेयजल समस्या को दूर करने के लिए अधिकारियों की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए बरडिया में स्थित प्लांट से कस्बे में 3 निजी ट्यूबवेलों को अधिग्रहण किया गया है. इससे पाइप लाइनें जोड़ कर बरडिया के प्लांट से पानी की सप्लाई की जा सकेगी.

बता दें, पहले भी अंता कस्बे में 29 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती थी, लेकिन फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के कारण 10 लाख लीटर पानी की सप्लाई हो सकती है. ऐसे मे कस्बे के लोगों को कुछ हद तक राहत मिलेगी. कस्बे में पानी की सप्लाई होने में तीन-चार दिन लग सकते हैं.

पढ़ें- हाड़ौती में बाढ़ का खतरा, चंबल के बाद अब कालीसिंध ने मचाया कहर

कस्बे मे पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ महेश जांगिड़ , प्रोजेक्ट एसई दीपक झा सहित कई अधिकारी नागदा बलदेवपुरा प्लांट पहुंचे. इस दौरन उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था का निर्णय लिया. दूसरी ओर नागदा बलदेवपुरा प्लांट चालू नहीं होने से 42 गांवों के लोगों के सामने पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है.

पढ़ें- हाड़ौती में दो लाख हेक्टेयर से ज्यादा फसल बाढ़ में खराब, झालावाड़ सबसे ज्यादा प्रभावित

काली सिंध नदी में आए उफान से 2017 मे चालू हुआ नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना का 57 करोड़ का प्रोजेक्ट तहस नहस हो गया है. ऐसे मे कस्बे सहित 42 गांवों के लोगों के सामने पेयजल का खतरा मंडराने लगा है. काली सिंध नदी के उफान के कारण लगभग आधा किलोमीटर की इंटेकवाल पूरी तरह से नष्ट हो गई, वाटर पम्प से फिल्टर प्लांट तक डाली गई. पाइप लाइन टूट कर पानी में बह जाने से पीने के पानी की सप्लाई बंद हो गई. वहीं फिल्टर प्लांट पानी से जलमग्न हो जाने से प्लांट मे मौजूद मशीनरी खराब हो चुकी है.

पढ़ें- बाढ़ का पानी उतरा तो दिखा तबाही का मंजर, गांव में पहुंचा मगरमच्छ

नागदा बलदेवपुरा प्लांट काली सिंध नदी के नजदीक बना होने के कारण पानी से जलमग्न हो गया था. जिससे पानी को फिल्टर करने के उपकरण सहित कई अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. प्रोजेक्ट अधिशाषी अभियंता मनीष भट्ट का कहना है कि फिलहाल कस्बे मे पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 3 निजी ट्यूबवेलों का अधिग्रहण किया गया है. जिनसे अंता में स्थित प्लांट से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा.

अंता (बारां). जिले के अंता में काली सिंध नदी में आए उफान से नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना का 57 करोड़ लागत का प्रोजेक्ट तहस नहस हो गया है. ऐसे मे कस्बे सहित 42 गांवों के लोगों को पेयजल संकट का सामना (Water crisis in Anta) करना पड़ रहा है. पेयजल समस्या को दूर करने के लिए अधिकारियों की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए बरडिया में स्थित प्लांट से कस्बे में 3 निजी ट्यूबवेलों को अधिग्रहण किया गया है. इससे पाइप लाइनें जोड़ कर बरडिया के प्लांट से पानी की सप्लाई की जा सकेगी.

बता दें, पहले भी अंता कस्बे में 29 लाख लीटर पानी की सप्लाई होती थी, लेकिन फिलहाल वैकल्पिक व्यवस्था के कारण 10 लाख लीटर पानी की सप्लाई हो सकती है. ऐसे मे कस्बे के लोगों को कुछ हद तक राहत मिलेगी. कस्बे में पानी की सप्लाई होने में तीन-चार दिन लग सकते हैं.

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कस्बे मे पेयजल की वैकल्पिक व्यवस्था को लेकर जलदाय विभाग के एडिशनल चीफ महेश जांगिड़ , प्रोजेक्ट एसई दीपक झा सहित कई अधिकारी नागदा बलदेवपुरा प्लांट पहुंचे. इस दौरन उन्होंने वैकल्पिक व्यवस्था का निर्णय लिया. दूसरी ओर नागदा बलदेवपुरा प्लांट चालू नहीं होने से 42 गांवों के लोगों के सामने पेयजल की समस्या खड़ी हो गई है.

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काली सिंध नदी में आए उफान से 2017 मे चालू हुआ नागदा बलदेवपुरा पेयजल योजना का 57 करोड़ का प्रोजेक्ट तहस नहस हो गया है. ऐसे मे कस्बे सहित 42 गांवों के लोगों के सामने पेयजल का खतरा मंडराने लगा है. काली सिंध नदी के उफान के कारण लगभग आधा किलोमीटर की इंटेकवाल पूरी तरह से नष्ट हो गई, वाटर पम्प से फिल्टर प्लांट तक डाली गई. पाइप लाइन टूट कर पानी में बह जाने से पीने के पानी की सप्लाई बंद हो गई. वहीं फिल्टर प्लांट पानी से जलमग्न हो जाने से प्लांट मे मौजूद मशीनरी खराब हो चुकी है.

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नागदा बलदेवपुरा प्लांट काली सिंध नदी के नजदीक बना होने के कारण पानी से जलमग्न हो गया था. जिससे पानी को फिल्टर करने के उपकरण सहित कई अन्य सामान क्षतिग्रस्त हो गए हैं. प्रोजेक्ट अधिशाषी अभियंता मनीष भट्ट का कहना है कि फिलहाल कस्बे मे पेयजल उपलब्ध कराने के लिए 3 निजी ट्यूबवेलों का अधिग्रहण किया गया है. जिनसे अंता में स्थित प्लांट से पेयजल उपलब्ध कराया जाएगा.

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