ETV Bharat / state

कोटाः "अपना घर" आश्रम में रह रहे विट्ठल को मिला अपना परिवार, 2 साल बाद बिछड़े बेटे से मिलकर माँ के छलक पड़े आंसू

10 महीने से अपनों की आस में टकटकी लगाए विट्ठल असुले को आखिर अपना परिवार मिल ही गया. विट्ठल ने अपनी माँ के पैर छुए और पुनर्वास की औपचारिकता पूरी कर, अपने परिजनों के साथ अपने घर चला गया.

author img

By

Published : Feb 25, 2020, 3:11 AM IST

कोटा न्यूज, "अपना घर" आश्रम, apna ghar aashram, kota news
2 साल बाद बिछड़े बेटे से मिलकर माँ के छलक पड़े आंसू

कोटा. पिछले 10 महीने से "अपना घर" आश्रम में रह रहे विट्ठल असुले को आखिर अपना परिवार मिल ही गया. 10 महीने से अपनों की आस में टकटकी लगाए, अपनों का इंतजार करते विट्ठल असुले को लेने उसका परिवार पहुंचा, तो वो काफी भावुक हो गया. जैसे ही उसने अपनी माँ और अपने भाई को देखा तो उसकी आंखो से खुशी के आंसु निकल आए. विट्ठल ने अपनी माँ के पैर छुए और पुनर्वास की औपचारिकता पूरी कर अपने परिजनों के साथ अपने घर चला गया.

2 साल बाद बिछड़े बेटे से मिलकर माँ के छलक पड़े आंसू

आश्रम के सचिव मनोज जैन अदिनाथ ने बताया कि पिछले साल मई के महीने में कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र से एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उन्हें सूचना दी थी कि एक युवक काफी लाचार अवस्था में पड़ा हुआ है. जिसके बाद पुलिस को लिखित में सूचना देकर युवक को अपना घर आश्रम में ले आया गया था.

पढ़ें. स्पेशलः 'बेखौफ' बजरी माफिया, अधिकारियों की अनदेखी के कारण बूंदी की मेज नदी पर ही लगा लिया प्लांट

कुछ दिनों पहले कॉउंसलिंग के दौरान युवक ने खुद को महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला बताते हुए, अपना नाम विट्ठल असुले बताया था. जिसपर कार्रवाई कर नासिक पुलिस से सम्पर्क किया गया और परिवारजनों की तलाश की गई. जिसके बाद सोमवार को विट्ठल असुले की माँ सुरेखा असुले और भाई उसे लेने आश्रम पहुँचे.

विट्ठल की माँ ने बताया कि साल 2018 के अप्रैल महीने में विट्ठल के बड़े भाई सागर असुले के विवाह समारोह के दौरान विट्ठल बिना कुछ कहे घर से निकल गया था. खूब कोशिश करने और जगह जगह मन्नतें मांगने पर भी उन्हें विट्ठल का कुछ पता नहीं चल पाया. हमने अब तो आस ही छोड़ दी थी कि विट्ठल हमें कभी मिल भी पाएगा. आज उसे पाकर बहुत खुशी हो रही है.

कोटा. पिछले 10 महीने से "अपना घर" आश्रम में रह रहे विट्ठल असुले को आखिर अपना परिवार मिल ही गया. 10 महीने से अपनों की आस में टकटकी लगाए, अपनों का इंतजार करते विट्ठल असुले को लेने उसका परिवार पहुंचा, तो वो काफी भावुक हो गया. जैसे ही उसने अपनी माँ और अपने भाई को देखा तो उसकी आंखो से खुशी के आंसु निकल आए. विट्ठल ने अपनी माँ के पैर छुए और पुनर्वास की औपचारिकता पूरी कर अपने परिजनों के साथ अपने घर चला गया.

2 साल बाद बिछड़े बेटे से मिलकर माँ के छलक पड़े आंसू

आश्रम के सचिव मनोज जैन अदिनाथ ने बताया कि पिछले साल मई के महीने में कुन्हाड़ी थाना क्षेत्र से एक सामाजिक कार्यकर्ता ने उन्हें सूचना दी थी कि एक युवक काफी लाचार अवस्था में पड़ा हुआ है. जिसके बाद पुलिस को लिखित में सूचना देकर युवक को अपना घर आश्रम में ले आया गया था.

पढ़ें. स्पेशलः 'बेखौफ' बजरी माफिया, अधिकारियों की अनदेखी के कारण बूंदी की मेज नदी पर ही लगा लिया प्लांट

कुछ दिनों पहले कॉउंसलिंग के दौरान युवक ने खुद को महाराष्ट्र के नासिक का रहने वाला बताते हुए, अपना नाम विट्ठल असुले बताया था. जिसपर कार्रवाई कर नासिक पुलिस से सम्पर्क किया गया और परिवारजनों की तलाश की गई. जिसके बाद सोमवार को विट्ठल असुले की माँ सुरेखा असुले और भाई उसे लेने आश्रम पहुँचे.

विट्ठल की माँ ने बताया कि साल 2018 के अप्रैल महीने में विट्ठल के बड़े भाई सागर असुले के विवाह समारोह के दौरान विट्ठल बिना कुछ कहे घर से निकल गया था. खूब कोशिश करने और जगह जगह मन्नतें मांगने पर भी उन्हें विट्ठल का कुछ पता नहीं चल पाया. हमने अब तो आस ही छोड़ दी थी कि विट्ठल हमें कभी मिल भी पाएगा. आज उसे पाकर बहुत खुशी हो रही है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.