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NEET परीक्षा परिणाम जारी, कोटा में जमकर झूमे सफल हुए छात्र - राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा

राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) यूजी 2019 के नतीजे जारी हो गए हैं. कोटा में सफल हुए छात्रों ने कोचिंग संस्थानों के बाहर खुशी का इजहार किया.

कोटा में जमकर झूमे सफल हुए छात्र
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Published : Jun 5, 2019, 5:57 PM IST

कोटा. राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) यूजी 2019 के नतीजे जारी हो गए हैं. कोटा में सफल हुए छात्रों ने कोचिंग सस्थानों के बाहर ढोल थाप पर झूम कर खुशी का इजहार किया. साथ ही इस मौके पर आतिशबाजी भी की गई.

NEET परीक्षा परिणाम जारी, कोटा में जमकर झूमे सफल हुए छात्र

कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे और ऑल इंडिया रैंक दसवीं लेकर आए राघव दुबे से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य था कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना, उन्होंने रैंक के बारे में सोच कर कभी पढ़ाई नहीं की. उन्होंने बताया कि वह एम्स दिल्ली में एडमिशन लेना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा सा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि अभी एम्स प्रवेश परीक्षा का परिणाम नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एम्स प्रवेश परीक्षा में दिल्ली एम्स में उन्हें नहीं मिलता है, तो वह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली में प्रवेश लेंगे और एमबीबीएस करेंगे.

छात्रा राघव दुबे ने कहा कि वे का एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी छात्र मेडिकल का इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं. उन्हें स्वयं पर भरोसा रखना चाहिए और टीचर जैसी सलाह देते है, वैसा करना चाहिए. इससे सफल होने के चांस बढ़ जाते. राघव के पिता हर्षित मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले हैं उनका कहना है कि उन्होंने बच्चे को कोटा में इसलिए एडमिशन दिलाया क्योंकि यहां का पढ़ाई के लिए माहौल अच्छा है. हर्षित पेशे से किसान है और उनकी खाद और बीज की दुकान भी है.

कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी का कहना है कि कोटा का रिजल्ट इस बार पिछली बार से ज्यादा अच्छा रहा है. उन्होंने दावा किया है कि ऑल इंडिया रैंक 10 में से 7 स्टूडेंट कोटा की कोचिंग संस्थानों से जुड़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नीट के टॉप 100 स्टूडेंट्स में से 50 कोटा के कोचिंग संस्थानों से जुड़े हुए हैं. चौधरी ने कहा कि कोटा में स्टूडेंट के बीच कंपटीशन से ज्यादा फैकेल्टियों के बीच में कंपटीशन होता है. इसीलिए यहां का रिजल्ट हमेशा अच्छा रहता है और यह कोटा इसीलिए अच्छा कोचिंग हब बन गया है.

कोटा. राष्ट्रीय पात्रता व प्रवेश परीक्षा (NEET) यूजी 2019 के नतीजे जारी हो गए हैं. कोटा में सफल हुए छात्रों ने कोचिंग सस्थानों के बाहर ढोल थाप पर झूम कर खुशी का इजहार किया. साथ ही इस मौके पर आतिशबाजी भी की गई.

NEET परीक्षा परिणाम जारी, कोटा में जमकर झूमे सफल हुए छात्र

कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे और ऑल इंडिया रैंक दसवीं लेकर आए राघव दुबे से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य था कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना, उन्होंने रैंक के बारे में सोच कर कभी पढ़ाई नहीं की. उन्होंने बताया कि वह एम्स दिल्ली में एडमिशन लेना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा सा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि अभी एम्स प्रवेश परीक्षा का परिणाम नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एम्स प्रवेश परीक्षा में दिल्ली एम्स में उन्हें नहीं मिलता है, तो वह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली में प्रवेश लेंगे और एमबीबीएस करेंगे.

छात्रा राघव दुबे ने कहा कि वे का एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी छात्र मेडिकल का इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं. उन्हें स्वयं पर भरोसा रखना चाहिए और टीचर जैसी सलाह देते है, वैसा करना चाहिए. इससे सफल होने के चांस बढ़ जाते. राघव के पिता हर्षित मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले हैं उनका कहना है कि उन्होंने बच्चे को कोटा में इसलिए एडमिशन दिलाया क्योंकि यहां का पढ़ाई के लिए माहौल अच्छा है. हर्षित पेशे से किसान है और उनकी खाद और बीज की दुकान भी है.

कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी का कहना है कि कोटा का रिजल्ट इस बार पिछली बार से ज्यादा अच्छा रहा है. उन्होंने दावा किया है कि ऑल इंडिया रैंक 10 में से 7 स्टूडेंट कोटा की कोचिंग संस्थानों से जुड़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नीट के टॉप 100 स्टूडेंट्स में से 50 कोटा के कोचिंग संस्थानों से जुड़े हुए हैं. चौधरी ने कहा कि कोटा में स्टूडेंट के बीच कंपटीशन से ज्यादा फैकेल्टियों के बीच में कंपटीशन होता है. इसीलिए यहां का रिजल्ट हमेशा अच्छा रहता है और यह कोटा इसीलिए अच्छा कोचिंग हब बन गया है.

Intro:कोटा.
नीट यूजी 2019 का आज परिणाम घोषित हुआ और कोटा में एक बार फिर खुशियों के ढोल बजने लगे कोचिंग संस्थानों के बाहर आतिशबाजी की गई और जशन मनाए गए.
कोटा में रहकर कोचिंग कर रहे और ऑल इंडिया रैंक दसवीं लेकर आए राघव दुबे से ईटीवी भारत ने बात की तो उन्होंने कहा कि उनका एक ही लक्ष्य था कि मेडिकल कॉलेज में एडमिशन लेना, उन्होंने रैंक के बारे में सोच कर कभी पढ़ाई नहीं की. उन्होंने बताया कि वह एम्स दिल्ली में एडमिशन लेना चाहते हैं, इसके लिए उन्होंने कहा कि उन्हें थोड़ा सा इंतजार करना पड़ेगा. क्योंकि अभी एम्स प्रवेश परीक्षा का परिणाम नहीं आया है. साथ ही उन्होंने कहा कि अगर एम्स प्रवेश परीक्षा में दिल्ली एम्स में उन्हें नहीं मिलता है, तो वह मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज दिल्ली में प्रवेश लेंगे और एमबीबीएस करेंगे. इसके बाद उन्होंने अपना लक्ष्य बताया कि वह का एक अच्छे कार्डियोलॉजिस्ट बनना चाहते हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि जो भी छात्र मेडिकल का इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षा की तैयारी करते हैं. उन्हें स्वयं पर भरोसा रखना चाहिए और टीचर जैसी सलाह देते है, वैसा करना चाहिए. इससे सफल होने के चांस बढ़ जाते. राघव के पिता हर्षित मध्यप्रदेश के होशंगाबाद के रहने वाले हैं उनका कहना है कि उन्होंने बच्चे को कोटा में इसलिए एडमिशन दिलाया क्योंकि यहां का पढ़ाई के लिए माहौल अच्छा है. हर्षित पेशे से किसान है और उनकी खाद और बीज की दुकान भी है.


Body:कोटा के निजी कोचिंग संस्थान के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सीआर चौधरी का कहना है कि कोटा का रिजल्ट इस बार पिछली बार से ज्यादा अच्छा रहा है. उन्होंने दावा किया है कि ऑल इंडिया रैंक 10 में से 7 स्टूडेंट कोटा की कोचिंग संस्थानों से जुड़े हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि नीट के टॉप 100 स्टूडेंट्स में से 50 कोटा के कोचिंग संस्थानों से जुड़े हुए हैं.
साथ ही उन्होंने कहा कि कोटा में स्टूडेंट के बीच कंपटीशन से ज्यादा फैकेल्टियों के बीच में कंपटीशन होता है. इसीलिए यहां का रिजल्ट हमेशा अच्छा रहता है और यह कोटा इसीलिए अच्छा कोचिंग हब बन गया है.


Conclusion:पैकेज में बाइट का क्रम
बाइट-- राघव दुबे, स्टूडेंट, ऑल इंडिया रैंक 10
बाइट-- हर्षित दुबे, राघव के पिता
बाइट-- सीआर चौधरी, सीनियर वाइस प्रेसिडेंट, निजी कोचिंग कोटा
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