कोटा. सेंट्रल नारकोटिक्स ब्यूरो ने एक बार फिर जयपुर में बड़ी कार्रवाई करते हुए करीब 1 करोड़ रुपए मूल्य की नशीली दवाओं का जखीरा बरामद किया है. यह कार्रवाई एनडीपीएस एक्ट के तहत की गई है. इसमें सामने आया है कि यह दवा दिल्ली से खरीद कर लाई जा रही थी और राजस्थान के छोटे कस्बों में इसे नशे की खेप के रूप में सप्लाई किया जा रहा था. इसमें 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. जिनमें से 2 को जेल भेज दिया गया है. वहीं एक मुख्य आरोपी को 1 दिन के रिमांड पर भेजा गया है.
मामले का खुलासा करते हुए उप नारकोटिक्स आयुक्त राजस्थान विकास जोशी ने बताया कि जयपुर के एमआई रोड पांच बत्ती के पास स्थित हमीद नगर में उन्हें अवैध नशीली दवाओं का जखीरा होने की सूचना मिली थी. ऐसे में टीम को वहां भेजा गया था.
जहां पर बड़ी मात्रा में नशीली दवाएं मिली है. जिनमें कोडीन फास्फेट सिरप 14 हजार 400 बोतल, ट्रामाडोल टेबलेट 5 लाख 98 हजार 685, अल्प्राजोलम टेबलेट 7 लाख 13 हजार 80 और ट्रामाडोल इंजेक्शन 50 बरामद हुए हैं.
गोदाम का रजिस्ट्रेशन नहीं...
इस पूरे नशीली दवा के खेल को लाइसेंस फ्रॉम के मालिक ही संचालित कर रहे थे. इसमें शास्त्री नगर निवासी रमेश केडिया की जयपुर में दो फर्म मैसर्स केडिया मेडिकल सर्जिकल एजेंसी और मैसर्स केडिया मेडिकल है. जिनके जरिए ही उनका बेटा अखिल केडिया नशीली दवाओं का व्यापार कर रहा था. इसके लिए उन्होंने एक अवैध रूप से गोदाम हमीद नगर में बनाया हुआ था. जहां पर बड़ी मात्रा में नशीली दवाओं को रखा हुआ था.
न किरायानामा न कोई कागजात, मकान मालिक भी गिरफ्तार...
हमीद नगर में जिस मकान को नशीली दवाओं के जखीरे के गोदाम के रूप में उपयोग किया जा रहा था, उसके मालिक मुकर्रर हुसैन है. उन्होंने भी महज 7 हजार रुपए में ही किराए पर इस गोदाम को दिया हुआ था, ना तो इसके लिए कोई किरायानामा था ना ही कोई कागजात बनवाया हुआ था. ऐसे में नारकोटिस ब्यूरो ने मुकर्रर हुसैन को भी दोनों आरोपी पिता-पुत्र अखिल और रमेश केडिया के साथ गिरफ्तार कर लिया है. जिसमें रमेश केडिया और मुकर्रर हुसैन को तो न्यायालय ने जेल भेज दिया है, जबकि अखिल केडिया को 1 दिन के रिमांड पर भेजा है.
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उप नारकोटिक्स आयुक्त विकास जोशी का कहना है कि हाल ही में उन्होंने यूनिवर्सल डिस्ट्रीब्यूटर गुर्जर की थड़ी के पास से 2 करोड़ रुपए की इसी तरह की अवैध नशीली दवाएं बरामद की थी. उस मामले में मनीष परिहार अभी फरार ही चल रहा है. इन दोनों कार्रवाईयों में समानता यह है कि यह दिल्ली से माल खरीदना बता रहे हैं. हमीद नगर में पकड़ी गई दवाइयों को राजस्थान के छोटे कस्बों में ही भेजा जा रहा था, ऐसे में अब इस पूरे नेटवर्क का पता लगाने का हम प्रयास किया जा रहा है.