कोटा. जिले की ग्रामीण पुलिस ने बड़ी कार्रवाई करते हुए नकली करेंसी बनाने वाले तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने मंडाना थाने में पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान चेकिंग में आरोपियों के पास से नकली करेंसी और उसे छापने के उपकरण भी बरामद किए हैं. पूछताछ में सामने आया कि आरोपियों ने मप्र, उप्र और मुंबई निवासी युवकों से फेक करेंसी बनाना सीखा था. इसके बाद कोटा, झालावाड़ में डेढ़ लाख रुपए की नकली करेंसी ये मार्केट में चला चुके हैं. पुलिस तीनों आरोपियों से उसके अन्य साथियों के बारे में पूछताछ कर रही है.
कोटा ग्रामीण एसपी कावेंद्र सिंह सागर ने बताया कि गणतंत्र दिवस के तहत एहतियात बरतने के लिए नाकाबंदी करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसे में मंडाना थाना पुलिस ने नेशनल हाईवे 52 कोटा-झालावाड़ राजमार्ग पर नाकेबंदी की थी. इस दौरान एक वैन झालावाड़ की तरफ से कोटा की तरफ आ रही थी जिसे चेकिंग के लिए रुकवाया गया. वैन में तीन युवक बैठे हुए थे जिनके पास तलाशी लेने पर 200 रुपए के 4 नकली नोट मिले. उसके बाद वैन की गहनता से तलाशी ली गई तो रंगीन प्रिंटर और नोट छापने की हाई क्वालिटी के कार्टेज मिले.
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पुलिस ने सभी उपकरण को जप्त कर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है. गिरफ्तार आरोपियों में सुकेत थाना इलाके के सातलखेड़ी निवासी सुरेश कुमार (26), झालावाड़ जिले के झालरापाटन थाना इलाके के बावड़ी खेड़ा निवासी मनीष चौधरी (21) और झालरापाटन थाना इलाके की गिरधरपुरा निवासी हुकमचंद (25) को गिरफ्तार किया है. तीनों आरोपियों से पूछताछ की जा रही है.
डेढ़ लाख के नकली नोट चला चुके हैं बाजार में
एसएचओ श्यामाराम विश्नोई ने बताया कि तीनों आरोपी दोस्त हैं और इन्होंने कोटा जिले के ग्रामीण इलाके और झालावाड़ जिले के झालरापाटन में नकली करेंसी चलाने की बात स्वीकारी है. यह आरोपी झालावाड़ जिले में ही नकली करंसी तैयार कर रहे थे. आरोपियों ने प्राथमिक पूछताछ में स्वीकारा कि वह एक डेढ़ महीने से इस काम से जुड़े हुए थे. अभी तक यह लोग करीब डेढ़ लाख रुपए की करेंसी मार्केट में चला चुके हैं.
शक होने के बाद सवाई माधोपुर की तरफ हो रहे थे शिफ्ट
पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया है कि आरोपी छोटी-मोटी दुकानों पर ही इन नकली नोट को चलाते थे. इसके बावजूद अचानक से इन लोगों के पास पैसे ज्यादा आने के चलते स्थानीय लोगों को शक हो गया था. वह इन पर निगाह रखने लगे थे. लोगों को उनके अवैध कारोबार के बारे में पता न चल जाए शायद इसलिए कोटा और झालावाड़ की जगह वे सवाई माधोपुर और उसके आसपास के जिलों में ये कारोबार शुरू करने की फिराक में थे. इसीलिए पूरी मशीनरी लेकर वैन के जरिए सवाई माधोपुर शिफ्ट होने जा रहे थे. इससे पहले ही पुलिस के हत्थे चढ़ गए.
हो सकता है अंतरराज्यीय नेक्सस का खुलासा
एसएचओ बिश्नोई का कहना है कि तीनों आरोपियों ने स्वीकारा है कि उन्हें यह नकली नोट बनाने की तकनीक उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मुंबई के युवकों ने सिखाई है. हम यह पता लगाने का प्रयास कर रहे हैं कि यह लोग कौन हैं और किस स्तर पर इनका पूरा नेटवर्क फैला हुआ है. हालांकि इस पूरे मामले में अभी पुष्टि की जाएगी. यह भी देखा जा रहा है कि इनके साथ अन्य कौन शामिल थे ताकि इन्हें नकली नोट बनाने की तकनीक बताने वाले युवकों तक भी पुलिस पहुंचने का प्रयास कर रही है. इससे एक अंतरराज्यीय नेक्सस का खुलासा हो सकता है.