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कोटा: कनवास तहसीलदार ने दो अतिक्रमणियों को 3 महीने की सजा सुनाई - एकतरफा कार्रवाई

कोटा के कनवास में दो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ उपखंड अधिकारी के निर्देश पर तहसीलदार की ओर से कार्रवाई की गई. इसमें उन्हें तीन महीने की सिविल कारावास की सजा के तहत दंडित किया गया है.

कोटा न्यूज, राजस्थान न्यूज, kota news, rajasthan news
जिले में दो अतिक्रमणियों को 3 महीने की सजा
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Published : Oct 15, 2020, 8:23 PM IST

कनवास(कोटा). जिले में कनवास क्षेत्र के हिंगोनिया ग्राम के दो अतिक्रमियों के खिलाफ उपखंड अधिकारी के निर्देश के बाद जांच में दोषी पाए गए लोगों पर तहसीलदार की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई. जिसके बाद उन्हें 3 महीने सिविल कारावास की सजा से दंडित किया गया है.

बता दें कि हिंगोनिया ग्राम वासियों ने उपखंड अधिकारी राजेश डागा को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया था कि गांव के ही राधेश्याम और रामेश्वर मीणा ने सरकारी चारागाह भूमि, जो काश्तकारों के रास्ते के उपयोग में भी आ रही थी, पर अतिक्रमण कर रखा है.

इसपर राजेश डागा ने तहसीलदार कनवास को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसपर तहसीलदार कनवास सुरेंद्र शर्मा ने प्रकरण की जांच पटवारी हल्का से करवाई. जिसके बाद जांच में पाया गया कि इन लोगों का इस भूमि पर पहले से ही कब्जा है.

जिन्हें एक बार हटाया जा चुका है और पटवारी हल्का द्वारा 91(2) में प्रकरण तहसीलदार न्यायालय में दर्ज कराया गया है. साथ ही अतिक्रमियों की ओर से नोटिस जारी करने के बावजूद उक्त चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया.

पढ़ें: मौसमी बीमारियां पनपने से पहले रोकथाम के करें उपाय: डॉ. तरूण चौधरी

साथ ही वे सुनवाई के लिए न्यायालय में उपस्थित भी नहीं हुए. जिसके बाद अनुपस्थित रहने और अतिक्रमण नहीं हटाने पर गुरुवार को दोनों अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई करते हुए तहसीलदार की ओर से तीन माह सिविल कारावास की सजा से दंडित किया गया. कुछ समय पहले उपखंड अधिकारी ने चारागाह भूमि पर पश्चातवर्ती अतिक्रमियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे.

कनवास(कोटा). जिले में कनवास क्षेत्र के हिंगोनिया ग्राम के दो अतिक्रमियों के खिलाफ उपखंड अधिकारी के निर्देश के बाद जांच में दोषी पाए गए लोगों पर तहसीलदार की ओर से एक तरफा कार्रवाई की गई. जिसके बाद उन्हें 3 महीने सिविल कारावास की सजा से दंडित किया गया है.

बता दें कि हिंगोनिया ग्राम वासियों ने उपखंड अधिकारी राजेश डागा को प्रार्थना पत्र प्रस्तुत कर निवेदन किया था कि गांव के ही राधेश्याम और रामेश्वर मीणा ने सरकारी चारागाह भूमि, जो काश्तकारों के रास्ते के उपयोग में भी आ रही थी, पर अतिक्रमण कर रखा है.

इसपर राजेश डागा ने तहसीलदार कनवास को कार्रवाई करने के निर्देश दिए. जिसपर तहसीलदार कनवास सुरेंद्र शर्मा ने प्रकरण की जांच पटवारी हल्का से करवाई. जिसके बाद जांच में पाया गया कि इन लोगों का इस भूमि पर पहले से ही कब्जा है.

जिन्हें एक बार हटाया जा चुका है और पटवारी हल्का द्वारा 91(2) में प्रकरण तहसीलदार न्यायालय में दर्ज कराया गया है. साथ ही अतिक्रमियों की ओर से नोटिस जारी करने के बावजूद उक्त चारागाह भूमि से अतिक्रमण नहीं हटाया.

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साथ ही वे सुनवाई के लिए न्यायालय में उपस्थित भी नहीं हुए. जिसके बाद अनुपस्थित रहने और अतिक्रमण नहीं हटाने पर गुरुवार को दोनों अतिक्रमणकारियों के खिलाफ एक तरफा कार्रवाई करते हुए तहसीलदार की ओर से तीन माह सिविल कारावास की सजा से दंडित किया गया. कुछ समय पहले उपखंड अधिकारी ने चारागाह भूमि पर पश्चातवर्ती अतिक्रमियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए थे.

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