कोटा. संवेदक के करोड़ों रुपए नहीं चुकाने पर गुरुवार को न्यायालय ने कार्रवाई करते हुए चंबल कमांड एरिया की (Action on Chambal CAD) दाईं मुख्य नहर के डिवीजन प्रथम के अधिशासी अभियंता के दफ्तर को सीज किया है. इसके साथ ही उनके ऑफिस के फर्नीचर और सामग्री को कुर्क कर लिया है. साथ ही उनके ऑफिस में संचालित हो रही पांच गाड़ियों को भी कुर्क किया गया है. एकाएक हुई कार्रवाई से सभी अधिकारी और कार्मिक सकते में आ गए.
न्यायालय के स्पेशल सेल अमीन मोहन सिंह सोलंकी कार्रवाई करने पहुंचे थे. मामले के अनुसार में भारती कंस्ट्रक्शन (Chambal CAD assets seized in Kota) कंपनी बांसवाड़ा के जरिए रजिस्टर्ड भागीदारी फर्म के सत्यनारायण पोरवाल ने ज्वालातोप से कोटड़ी तक नहर निर्माण का कार्य साल 2013-14 में किया था. यह काम करीब 7 करोड़ से ज्यादा रुपए का था. सीएडी ने इसमें रॉक कटिंग का अतिरिक्त कार्य भी करवाया था. करीब 2 करोड़ 70 लाख के भुगतान को लेकर सीएडी व संवेदक के बीच विवाद हो गया था. इसका भुगतान सीएडी ने नहीं किया. मामले को लेकर वाणिज्य न्यायालय में संवेदक ने किया.
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इसके बाद मामले को लेकर न्यायालय ने 12 अक्टूबर को ऑफिस कुर्की का वारंट जारी कर दिया. गुरुवार को न्यायालय के स्पेशल सेल आमीन मोहन सिंह सोलंकी ने कार्रवाई की. सीएडी के डिवीजन दाईं मुख्य नहर के डिवीजन फर्स्ट के अधिशासी अभियंता को राशि चुकाने के लिए 7 नवंबर 2022 तक का समय दिया है. संवेदक सत्यनारायण पोरवाल का कहना है कि उन्होंने इसके लिए ऑफिस में पहले भी कई बार आवेदन दिए और इसकी एक मोटी फाइल उनके पास बनी हुई है. लेकिन इसके बावजूद भी भुगतान नहीं किया गया है.