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परीक्षाओं में सिलेबस कटौती करने की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन, कुलपति के नाम सौंपा ज्ञापन

करौली में सोमवार को विधार्थियों ने 20-2021 में होने वाली मुख्य परिक्षाओं में 30% से 40% फिसदी कटौती करने की मांग की है. अपनी मांग को लेकर विद्यार्थियों ने कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा और कोरोना काल में अवकाश की वजह से बाधित हुई पढ़ाई में राहत देने की मांग की.

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परीक्षाओं में सिलेबस कटौती की मांग को लेकर छात्रों ने किया प्रदर्शन
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Published : Feb 15, 2021, 7:24 PM IST

करौली. करौली राजकीय महाविद्यालय में विधार्थियों ने 20-2021 की आगामी होने वाली मुख्य परिक्षाओं में 30% से 40% फिसदी कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम जारी करने की मांग को लेकर कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा और विद्यार्थियों को कोरोना काल में अवकाश की वजह से बाधित हुई पढ़ाई में राहत देने की मांग की.

छात्रनेता धर्म मीणा और नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि इस सत्र 2020- 21 की आगामी होने वाली मुख्य परीक्षाओं में सिलेबस में 30% से 40% फीसदी कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर परीक्षा करवाने के क्रम में कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है.

कोटा विश्वविद्यालय में सत्र 2020- 21 की परीक्षाएं विश्वविद्यालय की ओर से अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से शुरू करवाने की तैयारी कर रहे है. जबकि कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के लिए शिक्षण कार्य के लिए महाविद्यालय 8 फरवरी 2021 को ही खोले गए हैं. ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली में महाविद्यालयों के 20 प्रतिशत छात्र- छात्राएं ही उसका लाभ उठा पाए हैं, क्योंकि ऑनलाइन शिक्षण में सभी विद्यार्थियों की सहभागिता संभव नहीं है.

बहुत से गरीब असहाय परिवारों के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल भी नहीं है. अब ऐसी स्थिति में इतने कम समय में महाविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर का संपूर्ण कोर्स को कर पाना नामुमकिन है. अब से पहले कोरोना महामारी को लेकर महाविद्यालय में विद्यार्थियों की छुट्टियां हो रही है. इतने कम समय में पूरा कोर्स करवाने के लिए विद्यार्थियों और व्याख्याताओं के बीच में भी कम आवेश की स्थिति बन गई है.

पढ़ें- मृतक का शव अबू धाबी से गांव मंगवाने की मांग, ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

वहीं, विधार्थी सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि करें तो क्या करें, समय पर्याप्त नहीं है. कोर्स करवाने के लिए अब ऐसी स्थिति में अगर यूनिवर्सिटी 100 प्रतिशत कोर्स के साथ परीक्षा करवाती है तो ये एक तरह से छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ पूर्णता खिलवाड़ होगा और इतने कम समय में विधार्थी पूरा पाठ्यक्रम पढ़ने में असमर्थ है.

कोरोना काल में महाविद्यालय कम समय खुलने की वजह से स्नातक और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में से कम से कम 30 से 40% तक पाठ्यक्रम हटाकर परीक्षाएं ली जाएं और सिलेबस में कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम की गाइडलाइन शीघ्र जारी करने की कुलपति से मांग की गई हैं.

करौली चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

करौली चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी करते हुए बताया है कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का नवीन चरण में अभी तक जिलेभर से सात प्राईवेट अस्पताल अधिकृत हुऐ है. जिसमें आमजन को इस योजना के तहत सामान्य बीमारी के लिए 50 हजार और गंभीर बीमारी के लिए 4 लाख 50 रुपए तक का प्रति परिवार ईलाज मुफ्त होगा.

सीएमएचओ डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि योजना अंतर्गत प्राईवेट अस्पताल बागड़ी हाॅस्पीटल, भारत हाॅस्पीटल, सिंघल हाॅस्पीटल, विनीता हाॅस्पीटल, पारस हाॅस्पीटल और राजगिरीश हाॅस्पीटल को राज्यस्तर के निर्देशानुसार एमओयू कर अधिकृत किया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र लाभार्थी और आर्थिक एवंसामाजिक आधारित जनगणना (एसईसीसी) सर्वे में चयनित लोग इस योजना का लाभ प्राईवेट हाॅस्पीटल में ईलाज दौरान ले सकेंगे.

करौली. करौली राजकीय महाविद्यालय में विधार्थियों ने 20-2021 की आगामी होने वाली मुख्य परिक्षाओं में 30% से 40% फिसदी कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम जारी करने की मांग को लेकर कोटा विश्वविद्यालय के कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपा और विद्यार्थियों को कोरोना काल में अवकाश की वजह से बाधित हुई पढ़ाई में राहत देने की मांग की.

छात्रनेता धर्म मीणा और नरेन्द्र चौधरी ने बताया कि इस सत्र 2020- 21 की आगामी होने वाली मुख्य परीक्षाओं में सिलेबस में 30% से 40% फीसदी कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम जारी कर परीक्षा करवाने के क्रम में कुलपति के नाम प्राचार्य को ज्ञापन सौंपकर मांग की गई है.

कोटा विश्वविद्यालय में सत्र 2020- 21 की परीक्षाएं विश्वविद्यालय की ओर से अप्रैल माह के दूसरे सप्ताह से शुरू करवाने की तैयारी कर रहे है. जबकि कोरोना महामारी के कारण विद्यार्थियों के लिए शिक्षण कार्य के लिए महाविद्यालय 8 फरवरी 2021 को ही खोले गए हैं. ऑनलाइन शिक्षण प्रणाली में महाविद्यालयों के 20 प्रतिशत छात्र- छात्राएं ही उसका लाभ उठा पाए हैं, क्योंकि ऑनलाइन शिक्षण में सभी विद्यार्थियों की सहभागिता संभव नहीं है.

बहुत से गरीब असहाय परिवारों के आर्थिक रूप से कमजोर बच्चों के पास एंड्राइड मोबाइल भी नहीं है. अब ऐसी स्थिति में इतने कम समय में महाविद्यालय में स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर का संपूर्ण कोर्स को कर पाना नामुमकिन है. अब से पहले कोरोना महामारी को लेकर महाविद्यालय में विद्यार्थियों की छुट्टियां हो रही है. इतने कम समय में पूरा कोर्स करवाने के लिए विद्यार्थियों और व्याख्याताओं के बीच में भी कम आवेश की स्थिति बन गई है.

पढ़ें- मृतक का शव अबू धाबी से गांव मंगवाने की मांग, ग्रामीणों ने कलेक्टर से लगाई गुहार

वहीं, विधार्थी सोचने पर मजबूर हो गए हैं कि करें तो क्या करें, समय पर्याप्त नहीं है. कोर्स करवाने के लिए अब ऐसी स्थिति में अगर यूनिवर्सिटी 100 प्रतिशत कोर्स के साथ परीक्षा करवाती है तो ये एक तरह से छात्र-छात्राओं के भविष्य के साथ पूर्णता खिलवाड़ होगा और इतने कम समय में विधार्थी पूरा पाठ्यक्रम पढ़ने में असमर्थ है.

कोरोना काल में महाविद्यालय कम समय खुलने की वजह से स्नातक और स्नातकोत्तर के पाठ्यक्रम में से कम से कम 30 से 40% तक पाठ्यक्रम हटाकर परीक्षाएं ली जाएं और सिलेबस में कटौती कर संशोधित पाठ्यक्रम की गाइडलाइन शीघ्र जारी करने की कुलपति से मांग की गई हैं.

करौली चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने जारी की एडवाइजरी

करौली चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग ने एडवाइजरी करते हुए बताया है कि आयुष्मान भारत महात्मा गांधी राजस्थान स्वास्थ्य बीमा योजना का नवीन चरण में अभी तक जिलेभर से सात प्राईवेट अस्पताल अधिकृत हुऐ है. जिसमें आमजन को इस योजना के तहत सामान्य बीमारी के लिए 50 हजार और गंभीर बीमारी के लिए 4 लाख 50 रुपए तक का प्रति परिवार ईलाज मुफ्त होगा.

सीएमएचओ डाॅ. दिनेशचंद मीना ने बताया कि योजना अंतर्गत प्राईवेट अस्पताल बागड़ी हाॅस्पीटल, भारत हाॅस्पीटल, सिंघल हाॅस्पीटल, विनीता हाॅस्पीटल, पारस हाॅस्पीटल और राजगिरीश हाॅस्पीटल को राज्यस्तर के निर्देशानुसार एमओयू कर अधिकृत किया है. उन्होंने बताया कि खाद्य सुरक्षा योजना के पात्र लाभार्थी और आर्थिक एवंसामाजिक आधारित जनगणना (एसईसीसी) सर्वे में चयनित लोग इस योजना का लाभ प्राईवेट हाॅस्पीटल में ईलाज दौरान ले सकेंगे.

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