करौली. बूंदी में हुई हृदय विदारक घटना के बाद ईटीवी भारत की टीम ने करौली शहर के पांचना पुल का हाल जाना, तो सामने आया कि पुल क्षतिग्रस्त स्थिति में होने के साथ संकरा भी है. भगवान ना करें लेकिन यहां कभी भी मेज नदी हादसे की पुनरावर्ती हो सकती है.
करौली शहर को जोड़ने वाले करौली-हिण्डौन मार्ग के बीच पांचना नदी के बड़े पुल की स्थिति सबसे ज्यादा जोखिम भरी है. संकरे होने के कारण दिन में कई बार यहां जाम रहता है. इतना ही नहीं पुल पर टूटी हुई दीवार के मरम्मत के अभाव में हमेशा हादसों का अंदेशा बना रहता है. लेकिन किसी का इस पर ध्यान नहीं है. यह पुल संकरा तो है कि साथ ही सुरक्षा दीवार की उंचाई भी बेहद कम हैं. यहां पर वाहनों की आवाजाही भी हर वक्त बनी रहती है. जानकारी के मुताबिक पुल की सार-संभाल का जिम्मा वर्तमान में राजस्थान स्टेट रोड डवलपमेंट कार्पोरेशन के पास है, जिसके द्वारा इसकी मरम्मत को लेकर अनदेखी की जा रही है.
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पांचना पुल का ईटीवी भारत ने किया रियलिटी चेक
पांचना पुल के रियलिटी चेक में सामने आया कि पुल की क्षतिग्रस्त स्थिति में होने के साथ संकरे की स्थिति सामने आई. दरअसल, शहर के निकटवर्ती पांचना बांध पर बने रियासतकालीन बड़े पुल से रोजाना हजारों वाहन गुजरते है. पुल की हालात को देखे तो इस पुल के दोनों ओर की सुरक्षा दीवार क्षतिग्रस्त होने लगी हैं. टूटी सुरक्षा दीवारों की ओर किसी को ध्यान नहीं है. यह पुल संकरा है. जिस पर होकर एक साथ दो वाहन नहीं गुजर सकते. इस कारण वाहनों के हल्का सा भी अनियंत्रित होने के कारण नदी में गिरने का खतरा बना रहता है. इस पुल की सुरक्षा दीवार कम उंचाई की हैं. सुरक्षा दीवार कुछ हिस्से में टूटी हुई भी हैं. इनको ना तो ऊंचा करने के प्रति गंभीरता दर्शाई जा रही, ना टूटी दीवारों की मरम्मत कराई जा रही है.
कैला माता का मेला होने वाला हैं शुरू
चैत्र माह में कैला माता के लक्खी मेले में तो इस पुल की स्थिति विकट हो जाती है. लाखों पदयात्री भी इसी पुल से गुजरते हैं और वाहनों की आवाजाही बहुत रहती है. ऐसे में हादसे की आशंका बनी रहती है. एक साथ दो वाहनों के पुल के बीच फंसने पर तो जाम के हालात बन जाते हैं. सुरक्षा दीवार के दरकने से पदयात्रियों की सुरक्षा को लेकर ही चिंता बनी रहती है. वहीं इस समस्या को लेकर लोगों का कहना की जिले के पुल बहुत पुरानी स्थिति के बने हुए है. जर्जर और क्षतिग्रस्त हालात में हो रहे है. कई बार प्रशासन को अवगत करा दिया, लेकिन प्रशासन लापरवाह बना हुआ है.
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पुल की शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश
वहीं जिला कलेक्टर डॉ. मोहन लाल यादव का कहना है की संबधित विभागों के अधिकारियों को पुलों की शीघ्र मरम्मत कराने के निर्देश दिए गए हैं. जहां-जहां सचेतक बोर्ड नहीं लगे है. वहां लगाने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं पांचना पुल की रेलिंग को दुरुस्त करने के अधिकारियों को निर्देश दे दिये गए है. बूंदी की मेज नदी पर हुए हादसे के बाद प्रशासन सतर्क हैं.