करौली. जिला मुख्यालय करौली पर सोमवार को शिक्षा बचाओ सयुंक्त संघर्ष समिति के बैनर तले प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने धरना प्रदर्शन किया. इसके साथ ही मुख्यमंत्री के नाम जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. आरटीई की राशि का भुगतान करने, आर्थिक तंगी को दूर करने के साथ प्राईवेट स्कूलों को खोलने की मांग की. मांग पूरी नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी.
प्राइवेट स्कूल के संचालकों ने बताया कि लगभग आठ माह से सभी निजी विद्यालय बंद है. निजी विद्यालय के संचालक आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं. निजी विद्यालयों के आरटीई का पैसा भी विगत कई वर्षों से नहीं मिल पा रहा है. आर्थिक तंगी के चलते एक दर्जन निजी विद्यालयों के संचालकों ने आत्महत्या भी कर ली है. आगे भी यही स्थिति बनी हुई है. ना जाने किस स्थिति मे संचालक पहुंच सकते है. निजी विद्यालय के संचालको को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है.
विद्यालयों के संचालकों ने सरकार से मांग करते हुए कहा कि सरकार संचालकों की आर्थिक समस्या को दूर करें, संचालकों का आरटीई का पैसा समय पर उपलब्ध करवाया जाए. संचालकों ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि विगत 8 माह से सभी विद्यालय बंद है और सरकार की मंशा नहीं लगती कि आगे भी विद्यालयों को खोलने की अनुमति देगी. जबकि बाजारों सहित सभी जगहों पर देखा जा रहा है कि मेले जैसा माहौल नजर आ रहा है, लेकिन सरकार की मंशा यह है कि स्कूलों को बंद रखा जाए.
पढ़ें- रेलवे ट्रैक पर संदिग्ध हालात में मिला युवक का शव, परिजनों ने लगाया हत्या का आरोप
संचालकों ने कहा कि सोशल डिस्टेंस के साथ सभी संचालक विद्यालय चलाने में सक्षम है. इसलिए सरकार स्कूलों को खोलने की कोशिश करने के साथ स्कूल संचालकों की आर्थिक समस्या को दूर करने के लिए आर्थिक मुआवजा उपलब्ध करवाए. स्कूल संचालकों ने सरकार को चेतावनी देते हुए कहा कि अगर स्कूल संचालकों की मांगे पूरी नहीं हुई तो स्कूल संचालक अनशन धरना आंदोलन करने पर मजबूर होंगे जिसकी जिम्मेदारी सरकार की होगी.