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करौली: मनरेगा श्रमिकों का पंचायत प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन, कार्मिकों पर लगाए आरोप

करौली में मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कार्मिकों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने, समय से पहले कार्य को बंद करने के आरोप लगाते हुए पंचायत प्रशासन के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने जिला प्रशासन से मनरेगा कार्यों को निरंतर चलाए रखने और श्रमिकों को परेशान नहीं करने के लिए कार्मिकों को पाबंद करने की मांग की है.

MNREGA Workers Protest, MNREGA Work in Karauli
मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन
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Published : Jun 23, 2020, 6:35 PM IST

करौली. जिले के टोडाभीम क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौल के डोरावली गांव में चल रहे मनरेगा कार्य में कार्यरत श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कार्मिकों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया. साथ ही समय से पहले कार्य को बंद करने के आरोप लगाते हुए मंगलवार को पंचायत प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की.

मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

ग्राम डोरावली में मनरेगा योजना के तहत ग्रेवल सड़क के समतलीकरण और खुदाई का कार्य चल रहा है. जिस पर काम कर रहे श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कनिष्ठ अभियंता और ग्राम विकास अधिकारी सहित सभी कार्मिकों पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने, मनरेगा कार्य को बंद करने और मजदूरी कम देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. श्रमिकों ने कहा कि मनरेगा का यह कार्य 26 जून तक पूरा होना है, लेकिन पंचायत प्रशासन की ओर से उन्हें कार्य को बंद करने की धमकी दी जा रही है.

पढ़ें- जोधपुर: भोपालगढ़ में मजदूरों की मजबूरी का फायदा उठाकर उगाई कर रहा मनरेगा मेट, 15 दिन के मांग रहा 200 रुपए

जहां एक ओर सरकार कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार लोगों को रोजगार के उद्देश्य से मनरेगा कार्यों के तहत रोजगार देने की योजना चला रही है. वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रशासन की ओर से मनरेगा कार्यों को बंद करके लोगों को बेरोजगार करने की धमकी दी जा रही है. लोगों ने मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन से मनरेगा कार्यों को निरंतर चलाए जाने और कार्य के दौरान श्रमिकों को परेशान नहीं करने के लिए पंचायत प्रशासन के कार्मिकों को पाबंद करने की मांग की है.

पढ़ें- SPECIAL: कोरोना काल में बेसहारा लोगों का सबसे बड़ा सहारा बना 'मनरेगा', सीकर में 4 गुना तक बढ़े मजदूर

इधर, इस मामले को लेकर विकास अधिकारी अनीता मीना ने बताया कि ग्राम डोरावली में चल रहे मनरेगा कार्य में श्रमिकों की ओर से कार्य में लापरवाही की जा रही थी. जिसको लेकर श्रमिकों और कनिष्ठ अभियंता में मामूली कहासुनी हो गई थी. जिसमें श्रमिकों ने कनिष्ठ अभियंता के साथ हाथापाई की थी. पंचायत प्रशासन पर श्रमिकों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. डोरावली में कोरोना संक्रमित मरीज के पाए जाने और कार्य स्थल पर श्रमिक संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण मनरेगा कार्य को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

करौली. जिले के टोडाभीम क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौल के डोरावली गांव में चल रहे मनरेगा कार्य में कार्यरत श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कार्मिकों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया. साथ ही समय से पहले कार्य को बंद करने के आरोप लगाते हुए मंगलवार को पंचायत प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की.

मनरेगा श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ किया प्रदर्शन

ग्राम डोरावली में मनरेगा योजना के तहत ग्रेवल सड़क के समतलीकरण और खुदाई का कार्य चल रहा है. जिस पर काम कर रहे श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कनिष्ठ अभियंता और ग्राम विकास अधिकारी सहित सभी कार्मिकों पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने, मनरेगा कार्य को बंद करने और मजदूरी कम देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. श्रमिकों ने कहा कि मनरेगा का यह कार्य 26 जून तक पूरा होना है, लेकिन पंचायत प्रशासन की ओर से उन्हें कार्य को बंद करने की धमकी दी जा रही है.

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जहां एक ओर सरकार कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार लोगों को रोजगार के उद्देश्य से मनरेगा कार्यों के तहत रोजगार देने की योजना चला रही है. वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रशासन की ओर से मनरेगा कार्यों को बंद करके लोगों को बेरोजगार करने की धमकी दी जा रही है. लोगों ने मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन से मनरेगा कार्यों को निरंतर चलाए जाने और कार्य के दौरान श्रमिकों को परेशान नहीं करने के लिए पंचायत प्रशासन के कार्मिकों को पाबंद करने की मांग की है.

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इधर, इस मामले को लेकर विकास अधिकारी अनीता मीना ने बताया कि ग्राम डोरावली में चल रहे मनरेगा कार्य में श्रमिकों की ओर से कार्य में लापरवाही की जा रही थी. जिसको लेकर श्रमिकों और कनिष्ठ अभियंता में मामूली कहासुनी हो गई थी. जिसमें श्रमिकों ने कनिष्ठ अभियंता के साथ हाथापाई की थी. पंचायत प्रशासन पर श्रमिकों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. डोरावली में कोरोना संक्रमित मरीज के पाए जाने और कार्य स्थल पर श्रमिक संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण मनरेगा कार्य को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.

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