करौली. जिले के टोडाभीम क्षेत्र की ग्राम पंचायत जौल के डोरावली गांव में चल रहे मनरेगा कार्य में कार्यरत श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया. श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कार्मिकों पर अभद्र भाषा का प्रयोग करने का आरोप लगाया. साथ ही समय से पहले कार्य को बंद करने के आरोप लगाते हुए मंगलवार को पंचायत प्रशासन के विरुद्ध नारेबाजी की.
ग्राम डोरावली में मनरेगा योजना के तहत ग्रेवल सड़क के समतलीकरण और खुदाई का कार्य चल रहा है. जिस पर काम कर रहे श्रमिकों ने पंचायत प्रशासन के कनिष्ठ अभियंता और ग्राम विकास अधिकारी सहित सभी कार्मिकों पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करने, मनरेगा कार्य को बंद करने और मजदूरी कम देने की धमकी देने का आरोप लगाया है. श्रमिकों ने कहा कि मनरेगा का यह कार्य 26 जून तक पूरा होना है, लेकिन पंचायत प्रशासन की ओर से उन्हें कार्य को बंद करने की धमकी दी जा रही है.
जहां एक ओर सरकार कोरोना महामारी के चलते बेरोजगार लोगों को रोजगार के उद्देश्य से मनरेगा कार्यों के तहत रोजगार देने की योजना चला रही है. वहीं दूसरी ओर पंचायत प्रशासन की ओर से मनरेगा कार्यों को बंद करके लोगों को बेरोजगार करने की धमकी दी जा रही है. लोगों ने मुख्यमंत्री सहित जिला प्रशासन से मनरेगा कार्यों को निरंतर चलाए जाने और कार्य के दौरान श्रमिकों को परेशान नहीं करने के लिए पंचायत प्रशासन के कार्मिकों को पाबंद करने की मांग की है.
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इधर, इस मामले को लेकर विकास अधिकारी अनीता मीना ने बताया कि ग्राम डोरावली में चल रहे मनरेगा कार्य में श्रमिकों की ओर से कार्य में लापरवाही की जा रही थी. जिसको लेकर श्रमिकों और कनिष्ठ अभियंता में मामूली कहासुनी हो गई थी. जिसमें श्रमिकों ने कनिष्ठ अभियंता के साथ हाथापाई की थी. पंचायत प्रशासन पर श्रमिकों की ओर से लगाए गए आरोप बेबुनियाद हैं. डोरावली में कोरोना संक्रमित मरीज के पाए जाने और कार्य स्थल पर श्रमिक संख्या क्षमता से अधिक होने के कारण मनरेगा कार्य को बंद करने के आदेश दिए गए हैं.