दमिश्क: सीरियाई अधिकारियों ने दमिश्क के उपनगर में एक प्रतिष्ठित शिया धर्मस्थल को उड़ाने की आईएसआईएल (ISIS) लड़ाकों की कोशिश को विफल कर दिया है. सीरियाई समाचार एजेंसी साना के हवाले से यह जानकारी सामने आ रही है. रिपोर्ट के मुताबिक, सीरिया की खुफिया एजेंसी के एक सूत्र ने शनिवार को बताया कि खुफिया और सुरक्षा बलों ने सैय्यदा जैनब धर्मस्थल के अंदर बम विस्फोट करने की आईएसआईएल की कोशिश को विफल कर दिया.
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि इस मामले में कई लोगों को गिरफ्तार किया गया है. खुफिया अधिकारी ने बताया कि जनरल इंटेलिजेंस डायरेक्टोरेट सीरियाई लोगों को आतंकी हमलों से बचाने के लिए अपने सभी संसाधनों का उपयोग कर रहा है.
आंतरिक मंत्रालय ने चार लोगों की तस्वीरें पोस्ट कर दावा किया है कि ये लोग आईएसआईएल के सदस्य थे. पोस्ट में कहा गया है कि इन्हें राजधानी के बाहर ग्रामीण इलाकों से गिरफ्तार किया गया है. पोस्ट में संदिग्धों से जब्त किए गए उपकरणों की तस्वीरें भी दिखायी दे रही है. जिनमें स्मार्टफोन, दो राइफलें, तीन विस्फोटक उपकरण और कई हथगोले हैं. तस्वीरों में लेबनान में रहने वाले दो लेबनानी और एक फिलिस्तीनी शरणार्थी के पहचान पत्र दिखाए गए हैं.
अल जजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक, वे जिस दरगाह को निशाना बनाने की कोशिश कर रहे थे, वह दमिश्क के दक्षिणी बाहरी इलाके में है. यह शिया मुसलमानों के लिए एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. उनका मानना है कि पैगंबर मुहम्मद की पोती को (वहां) दफनाया गया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, यह पहली बार नहीं है जब इस दरगाह को निशाना बनाया गया है. इसी जगह पर 2008 में एक कार बम विस्फोट हुआ था. उस हमले में 17 लोग मारे गए थे. आईएसआईएल ने पहले भी सीरिया के सबसे अधिक देखे जाने वाले शिया तीर्थ स्थल दमिश्क दरगाह को निशाना बनाया था, जिसने फरवरी 2016 में मकबरे के पास दोहरे आत्मघाती हमले की जिम्मेदारी ली थी जिसमें 134 लोग मारे गए थे.
हाल के दिनों में समूह ने कई सप्ताह पहले अभयारण्य के पास एक तिहरे विस्फोट की भी जिम्मेदारी ली थी जिसमें कम से कम 70 लोगों की जान चली गई थी. जुलाई 2023 में मकबरे के पास हुए बम विस्फोट में कम से कम छह लोगों की मौत हो गई थी.
सीरिया और पड़ोसी इराक दोनों में शिया तीर्थस्थल आईएसआईएल जैसे सुन्नी समूहों द्वारा अक्सर हमलों का लक्ष्य रहे हैं. सैय्यदा जैनब मकबरे के द्वार पर ईरान समर्थित गार्ड तैनात किए जाते थे, लेकिन वे पिछले महीने भाग गए, सुन्नी नेतृत्व वाले विद्रोहियों ने सीरिया की राजधानी में घुसकर राष्ट्रपति बशर अल-असद को सत्ता से बेदखल कर दिया. 2011 में युद्ध शुरू होने के बाद से ईरान समर्थित लड़ाके अल-असद के प्रमुख समर्थक रहे हैं.