करौली. जिले के मंडरायल इलाके स्थित चंबल नदी में कोटा बैराज से गेट खोलकर पानी छोड़े जाने पर चम्बल नदी में पानी की आवक बढने से नदी के किनारे बसे गांव, ढाणी को खतरे की संभावना है. जिसके चलते जिला प्रशासन ने आमजन को एडवाइजरी जारी कर चंबल नदी के किनारे पर बसे लोगों से सुरक्षित स्थान पर जाने की अपील की है, जिससे किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं हो. वहीं, संबंधित उपखंड अधिकारियों को पानी पर निगरानी रखने के आदेश जारी किए गए हैं.
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अतिरिक्त जिला कलेक्टर सुदर्शन सिंह तोमर ने बताया कि कोटा बैराज से गेट खोलकर पानी छोड़े जाने पर चम्बल नदी में पानी की आवक बढ़ने से चम्बल नदी के किनारे बसे गांव, ढाणी आदि को खतरे की संभावना है. इस संबंध में उन्होने आमजन से अपील की है कि चंबल नदी किनारे या संबंधित जल भराव क्षेत्र में बसे गांव, बस्ती के सभी मछुआरे सहित अन्य लोग अपने पशुओं सहित अन्य सुरक्षित उंचे स्थानों पर शिफ्ट किया जाए, जिससे किसी भी प्रकार की कोई हानि नहीं हो. उन्होने बताया कि वर्तमान में चंबल नदी का जल स्तर 150.240 है और वार्निंग लेवल 167 है.
कोटा बैराज के गेट खोलने के कारण चंबल में पानी की आवक बढना प्रारंभ हो गया है. इसलिए चंबंल नदी के आसपास बसे सभी लोग अपने बच्चों या किसी अन्य परिजन को चंबल नदी के निकट या भराव वाले क्षेत्र में नहीं जाने दे. उन्होने उपखंड क्षेत्र मंडरायल सहित अन्य चंबल नदी संबंधित उपखंडों के अधिकारियों को अपने-अपने क्षेत्र में विशेष निगरानी और सतर्कता बनाए रखने, मुख्यालय पर रहकर समूचित व्यवस्था करने, चंबल किनारे बसे गांव और ढाणियों के लोगों और पशुओं को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाने के लिए आवश्यक दिशा निर्देश जारी किए हैं.
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इसके अलावा उन्होंने कहा कि आवश्यक तैयारियों के संबंध में किसी भी प्रकार की कोई लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उन्होने समस्त अधिकारियों को बिना अनुमति के मुख्यालय नहीं छोड़ने के निर्देश भी दिए हैं. बता दें कि हाड़ौती अंचल और मध्य प्रदेश में बारिश का दौर लगातार जारी है. ऐसे में चंबल नदी में भी पानी की आवक लगातार बढ़ रही है. इसको देखते हुए चंबल बैराज अधिकारियों की ओर से दो गेट खोल कर चंबल नदी से 5 हजार 66 क्यूसेक पानी की निकासी की जा रही है.