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भारत-पाक के बीच चलने वाली 'Thar Express' हुई रवाना...सुनिए यात्रियों की जुबानी

भारत-पाक के बीच पिछले 13 सालों से दोस्ती की रेल 'थार एक्सप्रेस' चल रही है. सप्ताह में एक बार चलने वाली यह रेल जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगती की कोठी से हर शुक्रवार रात 12 बजकर 50 मिनट पर चलती है.

जोधपुर, भगत की कोठी
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Published : Mar 2, 2019, 2:10 AM IST

जोधपुर. भारत-पाक के बीच पिछले 13 सालों से दोस्ती की रेल 'थार एक्सप्रेस' चल रही है. सप्ताह में एक बार चलने वाली यह रेल जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगती की कोठी से हर शुक्रवार रात 12 बजकर 50 मिनट पर चलती है.

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बता दें कि शुक्रवार (1 फरवरी) को करीब 300 यात्रियों को लेकर यह गाड़ी रवाना हुई. लेकिन बीते कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच बदले हालात का असर यहां भी देखने को मिला. इसका बड़ा कारण है 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा pok में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप तबाह करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सा गया. ऐसे में भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए पाकिस्तानियों की भी चिंता बढ़ गई. वहीं अब अपने रिश्तेदारों से मिलकर अपने वतन लौटने के साथ दोनों देशों में शांति और अमन की कामना कर रहे हैं.

साथ ही उन्हें इस बात की खुशी है कि भारत में उन्हें किसी तरह की किसी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. साथ ही सभी यात्री दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं. क्योंकि दोनों में रहने वाले लोगों के बीच रिश्ते-नाते हैं. इसके अलावा व्यापारिक संबंध भी हैं. लेकिन बदले हालात से सभी सहमे हुए हैं. जल्द से जल्द इसमें बदलाव चाहते हैं.

वहीं 1 मार्च की रात को इस गाड़ी से अपने मुल्क जाने वाले यात्रियों का कहना है कि जब वे भारत आए थे तो हालात तनाव पूर्ण नहीं थे. अब हालात बदल गए हैं. दोनों तरफ तनाव है, दोनों देशों के मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए जोधपुर में भगत की कोठी स्टेशन पर सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए हैं. थार एक्सप्रेस से जाने वाले यात्रियों को कड़ी जांच के बाद ही स्टेशन पर प्रवेश दिया जा रहा है.

गौरतलब हो कि पाकिस्तान के कराची और भारत के जोधपुर को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस का संचालन साल 2006 से हो रहा है. हालांकि साल 1965 में हुए युद्ध से पहले तक दोनों शहरों के बीच गाड़ी चलती थी. लेकिन युद्ध में रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से रेल बंद हो गई थी. साल 2006 में 41 साल बाद यह रेल शुरू हुई. जोधपुर में भगत की कोठी स्टेशन से रवाना होने के बाद बाड़मेर के मुनाबाव में जाकर रूकती है. बीच में इस रेल का कोई ठहराव नहीं है. मुनाबाव में कस्टम की जांच के बाद यात्रियों को वापस गाड़ी में बैठाकर पाकिस्तान के खोखरापार स्टेशन तक ले जाया जाता है. वहां से यात्री पाकिस्तान की गाड़ी में बैठकर आगे का सफर करते हैं. साल में 6 माह में भारत की गाड़ी खोखरापार जाती है और 6 माह पाकिस्तान की गाडी मुनाबाव आती है. दोनों स्टेशन के बीच करीब 6 किमी की दूरी है. जबकि जोधपुर से कराची की दूरी 1016 किमी है.

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जोधपुर. भारत-पाक के बीच पिछले 13 सालों से दोस्ती की रेल 'थार एक्सप्रेस' चल रही है. सप्ताह में एक बार चलने वाली यह रेल जोधपुर के उपनगरीय रेलवे स्टेशन भगती की कोठी से हर शुक्रवार रात 12 बजकर 50 मिनट पर चलती है.

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बता दें कि शुक्रवार (1 फरवरी) को करीब 300 यात्रियों को लेकर यह गाड़ी रवाना हुई. लेकिन बीते कुछ दिनों से दोनों देशों के बीच बदले हालात का असर यहां भी देखने को मिला. इसका बड़ा कारण है 26 फरवरी को भारतीय वायुसेना द्वारा pok में जैश-ए-मोहम्मद के कैंप तबाह करने के बाद दोनों देशों के बीच तनाव बढ़ सा गया. ऐसे में भारत में अपने रिश्तेदारों से मिलने आए पाकिस्तानियों की भी चिंता बढ़ गई. वहीं अब अपने रिश्तेदारों से मिलकर अपने वतन लौटने के साथ दोनों देशों में शांति और अमन की कामना कर रहे हैं.

साथ ही उन्हें इस बात की खुशी है कि भारत में उन्हें किसी तरह की किसी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ा. साथ ही सभी यात्री दोनों देशों के बीच शांति चाहते हैं. क्योंकि दोनों में रहने वाले लोगों के बीच रिश्ते-नाते हैं. इसके अलावा व्यापारिक संबंध भी हैं. लेकिन बदले हालात से सभी सहमे हुए हैं. जल्द से जल्द इसमें बदलाव चाहते हैं.

वहीं 1 मार्च की रात को इस गाड़ी से अपने मुल्क जाने वाले यात्रियों का कहना है कि जब वे भारत आए थे तो हालात तनाव पूर्ण नहीं थे. अब हालात बदल गए हैं. दोनों तरफ तनाव है, दोनों देशों के मौजूदा हालात को ध्यान में रखते हुए जोधपुर में भगत की कोठी स्टेशन पर सुरक्षा के कडे इंतजाम किए गए हैं. थार एक्सप्रेस से जाने वाले यात्रियों को कड़ी जांच के बाद ही स्टेशन पर प्रवेश दिया जा रहा है.

गौरतलब हो कि पाकिस्तान के कराची और भारत के जोधपुर को जोड़ने वाली थार एक्सप्रेस का संचालन साल 2006 से हो रहा है. हालांकि साल 1965 में हुए युद्ध से पहले तक दोनों शहरों के बीच गाड़ी चलती थी. लेकिन युद्ध में रेलमार्ग क्षतिग्रस्त होने से रेल बंद हो गई थी. साल 2006 में 41 साल बाद यह रेल शुरू हुई. जोधपुर में भगत की कोठी स्टेशन से रवाना होने के बाद बाड़मेर के मुनाबाव में जाकर रूकती है. बीच में इस रेल का कोई ठहराव नहीं है. मुनाबाव में कस्टम की जांच के बाद यात्रियों को वापस गाड़ी में बैठाकर पाकिस्तान के खोखरापार स्टेशन तक ले जाया जाता है. वहां से यात्री पाकिस्तान की गाड़ी में बैठकर आगे का सफर करते हैं. साल में 6 माह में भारत की गाड़ी खोखरापार जाती है और 6 माह पाकिस्तान की गाडी मुनाबाव आती है. दोनों स्टेशन के बीच करीब 6 किमी की दूरी है. जबकि जोधपुर से कराची की दूरी 1016 किमी है.

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Intro:1 मार्च शुक्रवार रात थार एक्सप्रेस रवाना होगी इसका पैकेज मौजों से वॉइस ओवर के साथ भेजा है डिटेल मेल कर दी है


Body:1 मार्च शुक्रवार रात थार एक्सप्रेस रवाना होगी इसका पैकेज मौजों से वॉइस ओवर के साथ भेजा है डिटेल मेल कर दी है


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