जोधपुर. नाबालिग छात्रा से यौन शोषण मामले के आरोपी आसाराम को मंगलवार को राजस्थान हाईकोर्ट से जोरदार झटका लगा. आसाराम की ओर से पेश की गई सजा स्थगन करने की याचिका पर हाईकोर्ट ने कड़ा रुख अख्तियार किया तो आसाराम के वकीलों ने अपनी याचिका ही वापस ले ली.
बता दें, इस मामले में दो आरोपियों की सजा को हाईकोर्ट ने पूर्व में स्थगित कर चुका है. इसके बाद आसाराम ने पूरी तैयारी के साथ अपनी सजा स्थगन की याचिका दायर की थी. लेकिन, मंगलवार को न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश वीरेंद्र कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष आसाराम की याचिका पर सुनवाई शुरू हुई तो खंडपीठ ने इस मामले में सख्त रुख अपनाया लिया. ऐसे में आसाराम के वकील प्रदीप चौधरी ने याचिका खारिज होने के भय से बहस के बगैर इसे वापस ले लिया.
अब आसाराम की हाईकोर्ट में एक याचिका लंबित है. आसाराम ने अपनी सजा को हाईकोर्ट में चुनौती दे रखी है. इस पर 4 सप्ताह बाद कोर्ट सुनवाई करेगा. इससे पूर्व फरवरी में अपनी पत्नी की बीमारी के नाम पर आसाराम ने अंतरिम जमानत मांगी थी. लेकिन, हाईकोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.
दरअसल, आसाराम 5 साल से ज्यादा समय से जोधपुर सेंट्रल जेल में बंद है. पिछले साल 25 अप्रैल को एससी/एसटी कोर्ट ने आसाराम को आजीवन यानी कि प्राकृतिक जीवन तक जेल में रहने की सजा सुनाई थी. फिर भी आसाराम अलग अलग तरीके से जेल से बाहर आने की जुगत में लगा है. लेकिन, कामयाबी मिलती नजर नहीं आ रही है.