जोधपुर. पुलिस ने साइबर ठगों को बैंक अकाउंट उपलब्ध करवाने वाले गिरोह का खुलासा किया है. गिरोह के सदस्य लोगों को लालच देकर बैंक अकाउंट खुलवाते थे. बाद में उनके अकाउंट की पूरी जानकारी साइबर अपराध से जुड़े लोगों को उपलब्ध करवाते हैं. अपराधी लोगों से ठगी हुई राशि के ट्रांजैक्शन उन अकाउंट में करवाते हैं. इसके एवज में आरोपी को आधा प्रतिशत और अकाउंट होल्डर को एक प्रतिशत कमीशन देते हैं. फिलहाल पुलिस के हाथ अकाउंट बेचने वाले लगे हैं. इनके सहारे पुलिस साइबर ठगों तक पहुंचने का प्रयास कर रही है. इस मामले में बीते गुरूवार को जिला ईस्ट की पुलिस की स्पेशल टीम ने उदय मंदिर थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जाटों का बास निवासी अशोक दांगी पुत्र पीराराम, बतौर बिचौलिए कुचामन निवासी विकास व बिंजवाडि़या निवासी दिनेश को गिरफ्तार किया है.
विदेश तक बेचते खाते, अकाउंट राइट देते : डीसीपी ईस्ट डा अमृता दुहन के अनुसार बिहार, झारखण्ड व दुबइ में मौजूद साइबर ठग ठगी की रकम लेने के लिए आमजन के निजी व फर्म के नाम वाले बैंक खाते उपयोग में ले रहे हैं. बिचौलिए कमीशन लेकर बैंक खाते खुलवाते हैं और फिर खाते की पूरी जानकारी और ऑनलाइन ट्रांजेक्शन के डिटेल ठगों को भेज रहे हैं. ठग खातों में साइबर ठगी की राशि तो जमा करवाते हैं साथ ही लाखों की टैक्स चोरी भी कर रहे हैं. डीएसटी सब इंस्पेक्टर कन्हैयालाल के अनुसार उम्मेद क्लब सर्कल पर हाल ही में जाटों का बास निवासी अशोक पुत्र पीराराम दांंगी को पकड़ा. उसके पास विभिन्न नाम वाले निजी व सरकारी बैंक के 13 एटीएम-डेबिट कार्ड और 50 बैंक खातों की जानकारी मिली. इसके बाद जब पूछताछ की तो पता चला कि वह कुछ बिचौलियों के साथ मिलकर लोगों के खाते खुलवाकर ठगों को दे रहा है.
साइबर अपराध में रहा लिप्त, जेल भी गया : पुलिस के अनुसार इस मामले में पकड़े गए मुख्य आरोपी अशोक दांगी साइबर अपराधों में पहले भी लिप्त रह चुका है. इससे पहले वह चंडीगढ़ पुलिस की गिरफ्त में आया था 6 महीने वहां जेल में भी रहा. करीब ढाई माह पहले जमानत मिली तो वह फिर साइबर ठगों के लिए काम करने लगा. उसने कुचामन निवासी विकास बिंजवाडिया और दिनेश को अपना एजेंट बनाया. जिनके मार्फत खाते में पैसे आते थे. दांगी से पूछताछ में मिली जानकारी के आधार पर इन दोनों को भी गिरफ्तार किया गया है.
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