जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट जस्टिस विनीत कुमार माथुर की अदालत ने रीट भर्ती 2022 में एडिशनल स्नातक डिग्री उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को भर्ती से बाहर नहीं करने के निर्देशों के साथ याचिकाएं निस्तारित कर दी हैं. हालांकि, सभी नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एसएलपी के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी. कोर्ट ने तोफीक, सचिन महिया व अन्य याचिकाकर्ताओं की ओर से दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए उनको निस्तारित कर दिया.
पूर्व में कोर्ट ने 04 जनवरी 2023 को एक आदेश जारी करते हुए एडिशनल स्नातक डिग्री अभ्यर्थियों को रीट भर्ती के लेवल टू में शामिल करने व ऑनलाइन पोर्टल में इन अभ्यर्थियों के लिए आवश्यक संशोधन के लिए भर्ती एजेंसी राजस्थान कर्मचारी भर्ती बोर्ड को आदेशित किया था. याचिका का अंतिम निस्तारण उक्त याचिका के अंतिम निर्णय के अधीन रखा गया था. याचिकाकर्ताओं की ओर से एडवोकेट सुशील बिश्नोई ने दलील देते हुए कोर्ट को अवगत करवाया कि याचिकाकर्ताओं ने स्नातक डिग्री के उपरांत एडिशनल विषय के तौर पर अंग्रेजी विषय में स्नातक डिग्री उत्तीर्ण की है.
भर्ती एजेंसी की ओर से इन अभ्यर्थियों को ऑनलाइन आवेदन से वंचित कर गलत तरीके से इन्हें बाहर किया जा रहा है. प्रकरण के संबंध में मामले पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन है. कर्मचारी चयन बोर्ड की ओर से एडवोकेट डीएस बेनीवाल और सरकार की ओर से एएजी पंकज शर्मा ने नोटिस स्वीकार किए थे. जस्टिस माथुर ने याचिकाओं को सुनवाई के बाद निस्तारित करते हुए कहा कि एडीशनल डिग्रीधारी अभ्यर्थियों को भर्ती प्रक्रिया से बाहर नहीं किया जाएगा, लेकिन इन सभी की नियुक्तियां सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन एसएलपी के अंतिम निर्णय के अधीन रहेंगी.