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Rajasthan High Court : छात्रसंघ चुनाव के लिए जनहित याचिका, सरकार को जवाब के लिए 4 सप्ताह का समय

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 16, 2023, 7:10 AM IST

Rajasthan Student Union Elections, प्रदेश में छात्रसंघ चुनाव के लिए दायर जनहित याचिका पर हाईकोर्ट ने सरकार से 4 सप्ताह में जवाब मांगा है. यहां जानिए पूरा मामला...

राजस्थान हाईकोर्ट
राजस्थान हाईकोर्ट

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नही करवाने पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष वत्सल परिहार की ओर से जनहित याचिका पेश की गई थी.

याचिका में बताया गया कि 12 अगस्त 2023 को राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का आदेश जारी कर दिया जो कि मनमाना है. याचिका में बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रसंघ के नाम पर शुल्क भी लिया जाता है, जबकि छात्रसंघ चुनाव तो करवाए नहीं जाते हैं. याचिका में अंतरिम आदेश पारित करने की भी मांग की गई. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास कोर्ट के समक्ष पेश हुए और बताया कि सरकार ने 14 अगस्त 2023 को ही केविएट दाखिल कर दिया और समाचार पत्रों में उसका प्रकाशन भी करवाया.

पढ़ें : राज्य सरकार को हाईकोर्ट से लगा झटका: महात्मा गांधी सेवा प्रेरकों की नियुक्ति पर रोक

याचिकाकर्ता ने कुछ देर पहले ही कॉपी दी है. ऐसे में जवाब के लिए समय आवश्यक है. उन्होने कहा कि बिना याचिका के अध्ययन के जवाब कैसे पेश करेंगे, उनको भी मौका देना चाहिए. कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित नहीं किया. कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता व्यास को जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.

पढ़ें : नए जिलों के गठन से बदली तस्वीरः हाईकोर्ट का पता बदला, गली-मौहल्ले के जिले बदले

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट में राज्य सरकार द्वारा सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नही करवाने पर दायर जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए राज्य सरकार को नोटिस जारी कर चार सप्ताह में जवाब मांगा है. मुख्य न्यायाधीश ऑगस्टीन जॉर्ज मसीह व न्यायाधीश विनीत कुमार माथुर की खंडपीठ के समक्ष वत्सल परिहार की ओर से जनहित याचिका पेश की गई थी.

याचिका में बताया गया कि 12 अगस्त 2023 को राज्य सरकार ने सभी विश्वविद्यालयों में सत्र 2023-24 में छात्रसंघ चुनाव नहीं करवाने का आदेश जारी कर दिया जो कि मनमाना है. याचिका में बताया गया कि विश्वविद्यालय द्वारा छात्रसंघ के नाम पर शुल्क भी लिया जाता है, जबकि छात्रसंघ चुनाव तो करवाए नहीं जाते हैं. याचिका में अंतरिम आदेश पारित करने की भी मांग की गई. राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता मनीष व्यास कोर्ट के समक्ष पेश हुए और बताया कि सरकार ने 14 अगस्त 2023 को ही केविएट दाखिल कर दिया और समाचार पत्रों में उसका प्रकाशन भी करवाया.

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याचिकाकर्ता ने कुछ देर पहले ही कॉपी दी है. ऐसे में जवाब के लिए समय आवश्यक है. उन्होने कहा कि बिना याचिका के अध्ययन के जवाब कैसे पेश करेंगे, उनको भी मौका देना चाहिए. कोर्ट ने दोनों पक्षकारों को सुनने के बाद अंतरिम आदेश पारित नहीं किया. कोर्ट ने अतिरिक्त महाधिवक्ता व्यास को जवाब के लिए चार सप्ताह का समय दिया है.

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