जोधपुर. राजस्थान के जोधपुर में रावण का चबूतरा मैदान पर मंगलवार शाम करीब 5:30 बजे मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और सूरसागर की विधायक सूर्यकांता व्यास के बीच गर्मजोशी से मुलाकात हुई. उसके करीब 7 घंटे बाद गहलोत आधी रात को उनके घर पहुंचे तो जोधपुर का सियासी पारा चढ़ गया. करीब 15 मिनट तक गहलोत सूर्यकांता के घर रहे. जीजी ने शॉल ओढ़ाकर उनका अभिनंदन भी किया. मुलाकात के दौरान 85 साल की जीजी का चेहरा दमक रहा था. इससे कयास लगाए जाने लगे कि वह कहीं कांग्रेस का दामन तो नहीं थामेंगी ? ऐसा होता है तो मारवाड़ की राजनीति में यह सबसे बड़ा उलटफेर होगा.
हालांकि, मुलाकात के बाद में सूर्यकांता ने कहा कि यह सिर्फ शिष्टाचार वाली मुलाकात थी. मेरी तबीयत पूछने आए थे, जबकि सूत्रों का कहना है कि संभवत: सूरसागर के प्रत्याशी को लेकर चर्चा हुई है. गहलोत जब जीजी के घर पहुंचे तो उनके पक्ष में जबरदस्त नारेबाजी भी हुई.
तो क्या कांग्रेस इस बार ब्राह्मण पर दांव खेलेगी ? : सूरसागर में भारतीय जनता पार्टी ने सूर्यकांता व्यास का टिकट काटकर देवेंद्र जोशी को थमा दिया है. जीजी के टिकट कटने पर गहलोत ने सहानुभूति जताते हुए कहा था कि उनका टिकट मेरी वजह से काटा है, क्योंकि उन्होंने मेरी तारीफ की थी. अब कांग्रेस में भी सूरसागर से चेहरा बदलना तय है, क्योंकि पिछले उम्मीदवार अयूब खान को आरपीएससी का मेंबर बना दिया गया है. ऐसे में पार्टी यहां पर नया चेहरा तलाश रही है. फिलहाल, चर्चा है कि अल्पसंख्यक चेहरे के नाम पर जिला अध्यक्ष सलीम खान को संकेत मिले हैं, लेकिन मंगलवार रात में सूर्यकांता से गहलोत की मुलाकात ने चर्चा छेड़ दी है कि क्या कांग्रेस भी इस बार ब्राह्मण प्रत्याशी उतार सकती है? क्या वह ब्राह्मण प्रत्याशी सूर्यकांता हो सकती हैं ? क्योंकि सूर्यकांता कह चुकी हैं कि वह भी चुनाव लड़ने के लिए तैयार हैं ?
7 चुनाव, 6 बार विधायक : सूर्यकांता व्यास अब तक सात बार विधायक का चुनाव लड़ चुकी हैं और छह बार जीत दर्ज की हैं. भाजपा की सबसे वरिष्ठ नेता हैं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा पुष्करणा समाज के मंदिर को लेकर जारी किए गए बजट पर जब विधायक ने उनकी तारीफ में कसीदे पड़े तो भाजपा के नेताओं को यह पसंद नहीं आया. संगठन मंत्री चंद्रशेखर ने खुद फोन कर जीजी से नाराजगी जताई. गजेंद्र सिंह शेखावत ने तो इसे बुढ़ापे की गलती का बयान बता दिया. जिसके बाद सूर्यकांता व्यास काफी नाराज भी हुईं और जब उनका हाल ही में टिकट कटा तो उनके मुंह से निकल गया कि शेखावत केंद्रीय कमेटी में शामिल थे. वहां उन्होंने मेरी ढंग से पैरवी भी नहीं की. मेरे खिलाफ रहे, जिसकी वजह से टिकट कटा. अब गहलोत जीजी के घाव पर मरहम लगा रहें हैं.