जोधपुर. एमएसएमई यानी कि सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्योग की परिभाषा बदल गई है. केंद्र सरकार ने तीनों श्रेणी के उद्योगों के मशीनरी निवेश और टर्नओवर की नई लिमिट बनाई है. इसके तहत अब मौजूद और स्थापित होने वाले सभी उद्योगों का पंजीयन उद्यम पोर्टल पर करना अनिवार्य किया गया है. यह व्यवस्था 1 जुलाई से लागू की गई है.
मौजूदा उद्योगों को अगले वर्ष 31 मई तक रजिस्ट्रेशन की छूट दी गई है. इस रजिस्ट्रेशन में उद्यम संचालन करने वाले को पिछले साल का जीएसटी रिटर्न और आइटीआर की जानकारी ऑनलाइन डालनी होगी. इसके आधार पर ही उद्योग की श्रेणी का चयन होगा.
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जोधपुर जिला उद्योग केंद्र के सयुंक्त निदेशक एसएल पालीवाल का कहना है कि सूक्ष्म उद्योग से लघु और लघु से मध्यम तक की श्रेणी में आने के लिए वर्तमान में काफी बड़ी प्रक्रिया है. इसमें लंबा समय भी लगता है. ऐसे में नए पोर्टल पर उद्योग में लगने वाली मशीनरी के निवेश और टर्नओवर की जानकारी देने से पोर्टल पर अपने आप ही उद्योग का श्रेणी विभाजन हो जाएगा. इसका फायदा उद्यमियों को होगा.
इसके लिए पोर्टल को जीएसटी और आईटीआर से लिंक किया गया है, लेकिन इसके लिए मौजूदा लोगों को भी रजिस्ट्रेशन करवाने होंगे. वर्तमान में जोधपुर में अधिकांश इकाइयां एमएसएमई श्रेणी में आती हैं. इन सभी का रजिस्ट्रेशन आधार मेमोरेंडम यूएएन पर हो रखा है, लेकिन अब उन्हें उद्यम पोर्टल पर भी अपना पंजीयन करवाना होगा.
अब यह होगी इंडस्ट्रीज की कैटेगरी...
श्रेणी | टर्नओवर | मशीनरी पर खर्च |
माइक्रो | 5 करोड़ से कम | 1 करोड़ से कम |
स्मॉल | 50 करोड़ तक | 10 करोड़ तक |
मीडियम | 250 करोड़ तक | 50 करोड़ तक |