जोधपुर. राज्य सरकार के निर्देश पर मंगलवार को जोधपुर जिला मुख्यालय सहित पूरे जिले में सरकारी अस्पतालों में कोरोना उपचार की व्यवस्थाओं को लेकर मॉक ड्रिल की जा रही है. सबसे ज्यादा व्यवस्थाएं डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज के अस्पतालों में करने को लेकर निर्देश हैं. इसके विशेष दिशा-निर्देशों का पालन भी किया जा रहा है. कॉलेज के अंतर्गत आने वाले एमडीएमएच, एमजीएच, पावटा व महिलाबाग अस्पताल और अन्य सैटेलाइट अस्पतालों पर फोकस है.
एमडीएम अस्पताल में इस बार बच्चों और प्रसूताओं के कोरोना होने पर उपचार की व्यवस्थाएं की गई. बाकी मरीजों के लिए महात्मा गांधी अस्पताल में वार्ड बना दिया गया है. मॉड ड्रिल के दौरान प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद रहे. खास तौर से ऑक्सीजन प्लांट की वर्किंग परखी जा रही है. इसके अलावा दवाइयों की उपलब्धता भी देखी जा रही है. फिलहाल जोधपुर में कोरोना का एक एक्टिव केस है.
एमडीएम अधीक्षक डॉ. विकास राजपुरोहित ने बताया कि सरकार के निर्देश पर मॉक ड्रिल की गई है. इसमें स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन के अधिकारी भी शामिल है. हमारे अस्पताल में बच्चों और माताओं के कोरोना से ग्रसित होने पर उपचार की व्यवस्था की गई है. इसके लिए पचास बेड रिजर्व रखे गए हैं. अस्पताल के सभी लिक्विड ऑक्सीजन प्लांट चालू है. एक नया प्लांट भी लग रहा है.
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डिप्टी सीएमएचओ डॉ प्रीतम सिंह ने बताया कि जिले के सभी अस्पतालों में आज मंगलवार को यह क्रम जारी रहा. इस दौरान बेड की उपलब्धता, दवाइयां, इक्यूपमेंट की जांच को परखा गया. हमारी ड्रिल की ऑडिट प्रशासन के अधिकारी कर रहे हैं.
पूरे जिले में हो रही पड़ताल : स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत पूरे जोधपुर जिले के सैटेलाइट, जिला व उपजिला अस्पतालों में कोरोना उपचार को लेकर व्यवस्थाओं की जांच हो रही है. देर शाम तक सभी जगहों से रिपोर्ट सीएमएचओ कार्यालय पहुंचेगी. प्रशासन का प्रयास है कि सामान्य रोगियों को उनके आस-पास ही उपचार मिल सके. इसको लेकर यह कवायद की जा रही है. इसके अलावा मरीजों के जांच के लिए नमूने जिला मुख्यालय पहुंचाने की व्यवस्थाओं को परखा जा रहा हैं.
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जोधपुर में बरपा था कहर : कोरोनो की दूसरी लहर में जोधपुर में जमकर कहर बरपा था. यहां हर दिन अस्पतालों में दर्जनों लोगों की उपचार के दौरान मौतें हुई थी. दूसरी लहर के एक माह में दो हजार से ज्यादा लोगों की जान कोरोना से गई थी. हालांकि सरकारी अस्पतालों में उपचार व्यवस्थाओं पर उसके बाद ध्यान दिया गया, जिससे व्यवस्थाओं में सुधार हुआ. इन व्यवस्थाओं को समय-समय पर जांचा जाता रहा है.