जोधपुर. केंद्रीय कृषि राज्य मंत्री कैलाश चौधरी ने कहा है कि राजस्थान सरकार की हठधर्मिता के चलते हुए प्रदेश के किसानों को बाजरे की फसल का न्यूनतम समर्थन मूल्य यानी एमएसपी का भाव नहीं मिल रहा है.
जोधपुर काजरी (Jodhpur CAZRI) में शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि बाजरे का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2250 रुपए प्रति क्विंटल है लेकिन राजस्थान के किसान को बाजरा 1200 से 1500 रुपये प्रति क्विंटल तक ही बेचना पड़ रहा है. जिसका सीधा नुकसान किसानों को उठाना पड़ रहा है. अगर राज्य सरकार केंद्र को बाजरे की एमएसपी (MSP) पर खरीद के लिए पत्र लिख दे तो किसानों को पूरे प्रदेश में बाजरे की खरीद में 4000 करोड़ रुपए तक का लाभ हो सकता है.
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चौधरी ने बताया कि एक गाइडलाइन बनी हुई है. जिसके तहत राज्य सरकार को ही खरीद के लिए हमें पत्र लिखना होगा. जिसके लिए हम आग्रह कर चुके हैं लेकिन राज्य सरकार इसको लेकर गंभीर नहीं है. अगर जल्द समय रहते आने वाली फसल से पहले सरकार पत्र नहीं लिखती है तो भारतीय जनता पार्टी प्रदेश में किसानों के साथ आंदोलन करेगी. दूसरी और मध्यप्रदेश में किसान बाजरा 2250 रुपए में सरकार को बेंच रहे हैं.
मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है, राज्य सरकार नहीं
चौधरी से पूछा गया कि हाल ही में प्रधानमंत्री ने अशोक गहलोत (CM Gehlot) की तारीफ भी की है और भरोसा भी जताया है. इसके बावजूद आप राज्य सरकार पर सवाल उठा रहे हैं. इस पर चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री जी ने जिस हास्य के साथ बात की थी, उसका मतलब यह है कि मोदी सरकार अच्छा काम कर रही है. जिसके चलते अशोक गहलोत अपने काम की मांग उनसे कर रहे हैं. पीएम की बात का मतलब यह नहीं है कि राज्य सरकार अच्छा काम कर रही है.