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Rajasthan Blue City: ये है राजस्थान की ब्लू सिटी, घर से गलियां तक नीले रंग में रंगी

पर्यटन की दृष्टि से जोधपुर ने राजस्थान की ब्लू सिटी के नाम (Rajasthan Blue City) से भी विशेष पहचान बना रखी है. यहां के कई इलाकों में घरों से लेकर गलियां-चौराहे तक नीले रंग में रंगे नजर आते हैं. प्रशासन भी ब्लू सिटी की इस पहचान को बनाए रखने में सहयोग दे रहा है.

Rajasthan Blue City
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Published : Jan 13, 2023, 7:13 PM IST

Updated : Jan 13, 2023, 8:13 PM IST

ब्ल्यू सिटी के रंग

जोधपुर. सन सिटी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की ब्लू सिटी के नाम से भी अलग पहचान है. शहर के कई इलाके ऐसे हैं जो नीले रंग में रंगे नजर आते हैं. घर से लेकर गलियां तक नीले रंग में पेंट दिखती हैं जिनपर खूबसूरत पेंटिंग उसका आकर्षण और भी बढ़ा देती हैं. 565 साल पुराने इस शहर में मेहरानगढ़ की तलहटी के घर नीले नजर आते हैं.

हालांकि किसी जमाने में जोधपुर के परकोटे के भीतर स्थित घरों और इमारतों पर नीला रंग ही हुआ करता था. इसके चलते पूरा शहर नीले रंग में रंगा नजर आता था, लेकिन अब कुछ हिस्सों में ही नीला रंग चढ़ा दिखता है. फिर भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वर्तमान में खास तौर से ब्रहृमपुरी एक ऐसा इलाका है जो तलहटी में बसा हुआ है और यहां लगभग हर घर नीला नजर आता है.

Rajasthan Blue City
घरों पर नीली चित्रकारी

पढ़ें. City Lifeline: समय के साथ बढ़ती गई गुलाबी नगरी की रंगत, पर्यटन के क्षेत्र में विदेशों तक में है अलग पहचान

भीतरी शहर में पचेटिया हिल की तरफ जाने वाले इलाके नीले रंग नजर आते हैं. इसको लेकर नगर निगम ने गत वर्ष मुहिम शुरू की थी जो अभी तक चल रही है. महापौर कुंति देवड़ा का कहना है कि हम प्रयासरत हैं कि भीतरी शहर के घरों की छतों को नीला रखने के लिए बायॅलाज बना दें जिससे यह लुक हमेशा बना रहे.

Rajasthan Blue City
मैनहोल के ढक्कन भी नीले

मैनहोल के ढक्कन पर भी आकर्षक पेंटिंग
भीतरी शहर के पचेटिया हिल के रास्ते के क्षेत्रीय पार्षद धीरज चौहान बताते हैं कि दीवारों पर नीले रंग की पुताई के साथ आकर्षक पेटिंग यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. हमारा प्रयास होता है कि इस क्षेत्र में सफाई रहे. सफाई के प्रति स्थानीय निवासी सजग रहे और इसके लिए सीवरेज के ढक्कन को भी आकर्षक पेटिंग से सजाया गया है जिससे लोग उसे भी साफ रखें. हमारी मुहिम को लोगों का समर्थन भी मिला है. नगर निगम से भी हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सहयोग लिया गया है. टूरिस्ट सीजन में यहां की गलियों में भी भीड़ देखने को मिलती है.

Rajasthan Blue City
ब्ल्यू सिटी की गलियां

पढ़ें. गुलाबी नगरी में गंगा-जमुनी तहजीब: परंपराओं को सहेजे है गुलाल गोटा...होली पर बढ़ी मांग, विदेशों में भी होता है सप्लाई

क्यों होता है नीला रंग ?
बताया जाता है कि जोधपुर रेगिस्तान के बीच में बसा शहर था. मेहरानगढ़ की पहाड़ी की तलहटी के लोगों ने घरों को ठंडा रखने के लिए यह जतन किया था. ​उन दिनों चूने में नील मिलाकर घरों की पुताई शुरू की गई. कहा जाता है कि पहले यह चलन ब्रहृमपुरी इलाके में था जहां श्रीमाली ब्राहृमण निवास करते हैं. इसके बाद यह परंपरा सभी लोगों ने अपना ली. किसी समय में परकोटे के भीतर सभी घर नीले होते थे लेकिन वक्त के साथ बदलाव देखने को मिलने लगा. हालांकि उन इलाकों में अभी भी लोग अपने घरों को नीले रंग में ही रंगे रखते हैं जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होती है.

Rajasthan Blue City
घर भी नीले

पढ़ें. वराह मंदिर में धर्मराज की अनूठी प्रतिमा... यहां हर प्राणी के पाप-पुण्य का होता है हिसाब

परंपरा को बढ़ाने के लिए भी हुए प्रयास
जोधपुर नगर निगम के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच के समय में भीतरी शहर का पुराना वैभव रखने के लिए जयपुर की तर्ज पर यह पहल की गई थी, लेकिन दाधीच के हटने के बाद से यह कवायद रुक गई. इसके बावजूद कई लोग इस परंपरा को बनाए रखने में अभी भी जुटे हुए हैं. नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा ने भीतरी शहर के पचेटिया हिल के रास्ते का वैभव बनाए रखने के लिए पहल करते हुए काम शुरू करवाया था, जो आज आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. महापौर का कहना है कि हम हैरिटेज सिटी का लुक बनाए रखना चाहते हैं. इसे लेकर योजना पर काम चल रहा है. इसमें ब्लू सिटी का लुक भी रखने पर काम होगा.

Rajasthan Blue City
गलियों पर नीली चित्रकारी

ब्रहृमपुरी की गलियों में दौड़ा था मोगली
मेहरानगढ़ से नीचे देखने पर सर्वाधिक नीलापन ब्रहृमपुरी में नजर आता है. इसे देखकर ही भारतीय सिने जगत के जुबली स्टार राजेंद्र कुमार के कहने पर अंग्रेजी फिल्म जंगल बुक की शूटिंग ब्रहृमपुरी में की गई थी. करीब 25 साल पहले जोधपुर की इन्ही नीली गलियों में करीब एक माह तक शूटिंग चली थी. जंगल बुक के हीरो मोगली को लोगों ने इन गलियों में दौड़ते देखा था. आज भी ब्लू सिटी के घरों में फिल्मों या फिर विज्ञापनों की शूटिंग होती रहती है.

ब्ल्यू सिटी के रंग

जोधपुर. सन सिटी के नाम से प्रसिद्ध जोधपुर शहर की ब्लू सिटी के नाम से भी अलग पहचान है. शहर के कई इलाके ऐसे हैं जो नीले रंग में रंगे नजर आते हैं. घर से लेकर गलियां तक नीले रंग में पेंट दिखती हैं जिनपर खूबसूरत पेंटिंग उसका आकर्षण और भी बढ़ा देती हैं. 565 साल पुराने इस शहर में मेहरानगढ़ की तलहटी के घर नीले नजर आते हैं.

हालांकि किसी जमाने में जोधपुर के परकोटे के भीतर स्थित घरों और इमारतों पर नीला रंग ही हुआ करता था. इसके चलते पूरा शहर नीले रंग में रंगा नजर आता था, लेकिन अब कुछ हिस्सों में ही नीला रंग चढ़ा दिखता है. फिर भी यहां आने वाले पर्यटकों के लिए यह आकर्षण का केंद्र बने हुए हैं. वर्तमान में खास तौर से ब्रहृमपुरी एक ऐसा इलाका है जो तलहटी में बसा हुआ है और यहां लगभग हर घर नीला नजर आता है.

Rajasthan Blue City
घरों पर नीली चित्रकारी

पढ़ें. City Lifeline: समय के साथ बढ़ती गई गुलाबी नगरी की रंगत, पर्यटन के क्षेत्र में विदेशों तक में है अलग पहचान

भीतरी शहर में पचेटिया हिल की तरफ जाने वाले इलाके नीले रंग नजर आते हैं. इसको लेकर नगर निगम ने गत वर्ष मुहिम शुरू की थी जो अभी तक चल रही है. महापौर कुंति देवड़ा का कहना है कि हम प्रयासरत हैं कि भीतरी शहर के घरों की छतों को नीला रखने के लिए बायॅलाज बना दें जिससे यह लुक हमेशा बना रहे.

Rajasthan Blue City
मैनहोल के ढक्कन भी नीले

मैनहोल के ढक्कन पर भी आकर्षक पेंटिंग
भीतरी शहर के पचेटिया हिल के रास्ते के क्षेत्रीय पार्षद धीरज चौहान बताते हैं कि दीवारों पर नीले रंग की पुताई के साथ आकर्षक पेटिंग यहां आने वाले पर्यटकों को काफी आकर्षित करती है. हमारा प्रयास होता है कि इस क्षेत्र में सफाई रहे. सफाई के प्रति स्थानीय निवासी सजग रहे और इसके लिए सीवरेज के ढक्कन को भी आकर्षक पेटिंग से सजाया गया है जिससे लोग उसे भी साफ रखें. हमारी मुहिम को लोगों का समर्थन भी मिला है. नगर निगम से भी हैरिटेज लुक को बनाए रखने के लिए सहयोग लिया गया है. टूरिस्ट सीजन में यहां की गलियों में भी भीड़ देखने को मिलती है.

Rajasthan Blue City
ब्ल्यू सिटी की गलियां

पढ़ें. गुलाबी नगरी में गंगा-जमुनी तहजीब: परंपराओं को सहेजे है गुलाल गोटा...होली पर बढ़ी मांग, विदेशों में भी होता है सप्लाई

क्यों होता है नीला रंग ?
बताया जाता है कि जोधपुर रेगिस्तान के बीच में बसा शहर था. मेहरानगढ़ की पहाड़ी की तलहटी के लोगों ने घरों को ठंडा रखने के लिए यह जतन किया था. ​उन दिनों चूने में नील मिलाकर घरों की पुताई शुरू की गई. कहा जाता है कि पहले यह चलन ब्रहृमपुरी इलाके में था जहां श्रीमाली ब्राहृमण निवास करते हैं. इसके बाद यह परंपरा सभी लोगों ने अपना ली. किसी समय में परकोटे के भीतर सभी घर नीले होते थे लेकिन वक्त के साथ बदलाव देखने को मिलने लगा. हालांकि उन इलाकों में अभी भी लोग अपने घरों को नीले रंग में ही रंगे रखते हैं जहां पर्यटकों की आवाजाही ज्यादा होती है.

Rajasthan Blue City
घर भी नीले

पढ़ें. वराह मंदिर में धर्मराज की अनूठी प्रतिमा... यहां हर प्राणी के पाप-पुण्य का होता है हिसाब

परंपरा को बढ़ाने के लिए भी हुए प्रयास
जोधपुर नगर निगम के पूर्व महापौर रामेश्वर दाधीच के समय में भीतरी शहर का पुराना वैभव रखने के लिए जयपुर की तर्ज पर यह पहल की गई थी, लेकिन दाधीच के हटने के बाद से यह कवायद रुक गई. इसके बावजूद कई लोग इस परंपरा को बनाए रखने में अभी भी जुटे हुए हैं. नगर निगम उत्तर की महापौर कुंति देवड़ा ने भीतरी शहर के पचेटिया हिल के रास्ते का वैभव बनाए रखने के लिए पहल करते हुए काम शुरू करवाया था, जो आज आकर्षण का केंद्र बना हुआ है. महापौर का कहना है कि हम हैरिटेज सिटी का लुक बनाए रखना चाहते हैं. इसे लेकर योजना पर काम चल रहा है. इसमें ब्लू सिटी का लुक भी रखने पर काम होगा.

Rajasthan Blue City
गलियों पर नीली चित्रकारी

ब्रहृमपुरी की गलियों में दौड़ा था मोगली
मेहरानगढ़ से नीचे देखने पर सर्वाधिक नीलापन ब्रहृमपुरी में नजर आता है. इसे देखकर ही भारतीय सिने जगत के जुबली स्टार राजेंद्र कुमार के कहने पर अंग्रेजी फिल्म जंगल बुक की शूटिंग ब्रहृमपुरी में की गई थी. करीब 25 साल पहले जोधपुर की इन्ही नीली गलियों में करीब एक माह तक शूटिंग चली थी. जंगल बुक के हीरो मोगली को लोगों ने इन गलियों में दौड़ते देखा था. आज भी ब्लू सिटी के घरों में फिल्मों या फिर विज्ञापनों की शूटिंग होती रहती है.

Last Updated : Jan 13, 2023, 8:13 PM IST
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