जोधपुर. बारात से पहले हुए धमाके में दूल्हे सुरेन्द्र सिंह का लगभग पूरा परिवार खत्म हो चुका है. वो बच गया है लेकिन ये नहीं जानता कि उसके माता पिता, बहन, भतीजों के साथ कुल 35 लोग 8 दिसंबर की उस त्रासदी के शिकार हो गए. 20 दिन बाद कुछ होश में आया तो बताया कैसे शेरवानी ने उसको पूरी तरह जलने से बचाया.
शेरवानी ने बचा दिया- सुरेन्द्र के मुताबिक अगर उसने शरीर पर शेरवानी पहनी हुई नहीं होती तो उस हादसे में उसका पूरा शरीर जल जाता. हादसे में उसका चेहरा और हाथ पांव ही झूलसे हैं. यही वजह है कि जख्म गहरे नहीं हैं और वो अब लगभग पूरी तरह से रिकवर हो चुका है. उसे अस्पताल से छुट्टी भी मिलने वाली है. हालांकि उसे अब तक विस्फोट में हताहत हुए लोगों को लेकर कोई जानकारी नहीं है.
सुरेंद्र ने बताई दर्द की वो दास्तां- सुरेन्द्र ने बताया- 8 दिसंबर को बारात रवाना होने वाली थी अचानक बम फूटने जैसी आवाज आई. आग का घेरा मेरे चारों और फैल गया. मेरा चेहरा बुरी तरह से झुलस गया था. जैसे तैसे मैं घर से बाहर निकलने में कामयाब हुआ. गनीमत एक ही थी कि मैंने शेरवानी पहनी हुई थी. इसमें आग लगी लेकिन काफी मोटी थी जिसकी वजह से शरीर नहीं जला, बाहर निकला तो लोगों ने कपडे उतारे उसके बाद बारात के लिए तैयार गाड़ी से शेरगढ़ अस्पताल पहुंचाया. तब तक मुझे होश था. उसके बाद मैं बेहोश हो गया था. जोधपुर पहुंचने के बाद रात को ही होश आया. मेरे आस पास पूरा परिवार था. मैं लगभग दूल्हा बन चुका था. इस दौरान धमाका हुआ और सब तरफ आग ही आग थी.
नहीं जानता कि अपने नहीं रहे- सुरेंद्र सिंह के साथ परिवार के दो जने हैं. ये लोग उसकी देखरेख कर रहे हैं. एक सप्ताह पहले उसे आईसीयू से वार्ड में शिफ्ट किया गया है. एहतियातन उसे यही बताया गया है कि घर के सब लोग ठीक हैं. किसी को कुछ नहीं हुआ है. छोटी मोटी बर्न थी और इलाज के बाद सबको छुट्टी मिल गई है. उसकी तीमारदारी कर रहे लोगों का कहना है कि हादसे ने उसे तोड़ कर रख दिया है. वर्तमान परिस्थिति में अगर उसे पता चल गया कि उसके माता पिता, बहन, भतीजों के साथ साथ 35 मौतें हुई हैं तो वो अपना होश खो बैठेगा. यही सोचकर उससे सच्चाई छुपाई गई है.
परिवार में सिर्फ तीन बचे- इस हादसे के बाद परिवार में सुरेंद्र सिंह के अलावा उसका भाई सांग सिंह उसकी भाभी पूनम कंवर ही बचे हैं. पिता सगत सिंह, माता धापू कंवर व सांग सिंह के दो बच्चों की मौत हो गई है. पूनम को भी बीस दिन बाद छुट्टी मिली है. दूल्हे की बहन की भी मौत हो चुकी है. इस हादसे में 55 लोग झूलसे थे. इनमें से 35 की अब तक मौत हो चुकी है.
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8 दिसंबर को ब्लास्ट- 8 दिसंबर को सगत सिंह के बेटे सुरेंद्र सिंह की भूगरा से बाड़मेर के खोखसर बारात जाने वाली थी. सभी तैयारियां पूरी हो चुकी थी लेबताया जा रहा है कि जिस समय बारात जाने की तैयारी चल रही थी 1 सिलेंडर से गैस का रिसाव हो रहा था. इस तरफ किसी ने ध्यान नहीं दिया और यह गैस लीकेज ही हादसे की वजह बना. गैस रिसाव से घर में गैस फैल चुकी थी. अचानक विस्फोट से सिलेंडर उछला और दूल्हे के आसपास जो महिलाएं खड़ी थी उन पर आकर गिरा. जिससे सबके कपड़ों ने आग पकड़ ली. यही कारण है कि इस हादसे में सर्वाधिक 29 महिलाएं झुलस गई. जबकि 13 पुरुष को आग ने अपनी चपेट में लिया. इसके अलावा 10 बच्चे भी झुलस गए थे. हादसे में 35 लोगों की जान जा चुकी है.