जोधपुर. भूंगरा गैस सिलेंडर विस्फोट हादसे में मरने वालों की संख्या अब 33 हो गई है (Jodhpur Cylinder Blast). शनिवार को एक पीड़िता ने दम तोड़ दिया. राजपूत समाज मुआवजे की राशि को लेकर अड़ा है और एमजीएच मोर्चरी के बाहर धरना दिए बैठा है. अब भी मोर्चरी में 9 शव पड़े हुए हैं. इस बीच मुआवजे को लेकर पक्ष प्रतिपक्ष के बीच जुबानी हमले भी हो रहे हैं. राज्य सरकार के बाद अब केन्द्र ने भी PMNRF से आर्थिक सहायता देने की घोषणा की है.
राजपूत समाज ने प्रताप फाउंडेशन के नेतृत्व में मृतकों को सरकार की ओर से दी गई मुआवजा राशि को नाकाफी बताया है. समाज ने अपनी डिमांड के साथ गुरुवार से महात्मा गांधी अस्पताल की मोर्चरी पर धरना शुरू किया जो अब तक जारी है. वो राज्य सरकार से विशेष पैकेज की मांग पर अडे़ हैं. इसमें पीड़ित परिवारों के लिए सरकारी नौकरी और प्रत्येक परिवार को विशेष आर्थिक पैकेज देने की मांग कर रहे हैं. दिनभर समाज के साथ ही अन्य लोगों ने धरने को संबोधित किया. पीड़ित जनों से मिलने बीजेपी के प्रदेशाध्यक्ष सतीश पूनिया, विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़ सहित अन्य नेता भी पहुंचे.
गुरुवार रात को ही विधानसभा में उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ महात्मा गांधी अस्पताल पहुंचे और धरने में शामिल भी हुए. उन्होंने सरकार से 20 करोड़ पैकेज की डिमांड की थी.कहा था मृतकों के परिवार को एक करोड़ रुपए दिया जाए और घायल को 25 लाख का मुआवजा दिया जाए.
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प्रधानमंत्री राष्ट्रीय सहायता कोष से भी Ex Gratia यानी सहायता राशि का एलान किया गया है. PMNRF से मृतक परिजनों को 2-2 लाख और घायलों के लिए 50,000 के मुआवजा राशि की घोषणा की. पीएमओ ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. आर्थिक सहायता की घोषणा के बाद केन्द्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पीएम मोदी और केंद्र सरकार का आभार जताया है.
मानवाधिकार आयोग के अध्यक्ष जस्टिस गोपालकृष्ण व्यास ने शुक्रवार को अस्पताल पहुंचकर हादसे में घायल हुए लोगों और उनके परिजनों से मुलाकात की. अस्पताल को बेहतर इलाज के निर्देश दिए. इसके बाद वह शेरगढ़ के भूंगरा गांव भी पहुंचे और दुर्घटना स्थल देखने के साथ ही मृतकों के आश्रितों से मुलाकात की. उन्होंने बताया कि वह राज्य सरकार से आग्रह करेंगे कि मुख्यमंत्री चिरंजीवी दुर्घटना बीमा योजना के प्रावधान में शिथिलता करते हुए सहायता राशि को प्रति परिवार से प्रति मृतक आश्रित दिया जाए.